राजनीति

दफादार-चौकिदार मुद्दा पर खुलि कऽ पशुपति पारस सरकारक विरुद्ध सड़क पर

पटना
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राजग द्वारा वरीयता नहि देलाक बादो राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टीक प्रमुख पशुपति पारस, जे अपनाकेँ राजगक हिस्सा कहैत छथि, एखन धरि कोनो औपचारिक घोषणा नहि कयने छथि मुदा बिहार सरकारक विरुद्ध सड़क पर उतरि आयल छथि।

आरएलजेपी प्रमुख पशुपति पारस आ हुनक भतीजा, पार्टीक प्रदेश अध्यक्ष प्रिंस राज दुनू गर्दनीबाग धरनास्थल पहुँचलाह, जतय ओ दफादार चौकीदारक माँगक समर्थन करैत बिहार सरकार पर जोरदार हमला कयलनि।

उल्लेखनीय अछि जे पिछला एक सालसँ दफादार चौकीदार अपन सात सूत्री मांगक संग बिहार सरकारक खिलाफ लड़ि रहल छथि। हुनकर मुख्य माँग दफादार चौकीदारक बहाली छैक, जे पहिने कयल जाइत छल, ओकर बाद हुनक आश्रितसभक बहाली होइत छल। मुदा बिहार सरकार एहिमे बदलाव कऽ बहाली प्रक्रिया शुरू कऽ देलक अछि। एकर माँगक दफादर चौकीदार द्वारा लगातार विरोध कयल जा रहल अछि। एहिमेसँ अधिकांश दलित समुदायक छथि, जाहिमे ८०% सँ बेसी पासवान समुदायक छथि।

आब २०२५ मे बिहार विधानसभा चुनावक संग पासवान समुदायक नेताक रूपमे मान्यता प्राप्त चिराग पासवान दफादार चौकीदारक माँगक सम्बन्धमे सबसँ पहिने मुख्यमंत्रीसँ भेंट कयलनि। मुदा, सरकार द्वारा एखनि धरि कोनो कारवाई नहि कयल गेल अछि, जाहिसँ राजगसँ दूरी बना रहल पशुपति पारस दफादार चौकीदारक मुद्दापर सड़क पर उतरि गेलाह। पशुपति पारस कहलनि जे एहिमे सम्मिलित ९५% पासवान समुदायक छथि, आ बिहार सरकार पासवान समुदाय विरोधी अछि आ हुनकालोकनिक अधिकार छीनबाक प्रयास कऽ रहल अछि, जकर हम कड़ा विरोध करैत छी।

पारस कहलनि जे हम बिहार सरकारसँ मांग करैत छी जे दफादार चौकीदारक बहाली लेल वैह प्रक्रिया लागू कयल जाय जेना पहिने छल। मानल जाइत अछि जे बिहारमे दलित नेताक रूपमे चिराग पासवानकेँ प्राथमिकता देल जाइत अछि। विशेष रूपसँ पासवान समुदाय चिरागकेँ अपन नेता मानैत अछि। मुदा पशुपति पारस दफादार चौकीदारक मुद्दा पर चिरागकेँ पाछू धकेलबाक प्रयास कऽ रहल छथि आ एकरा लेल आब ओ एनडीएसँ अलग भऽ बिहार सरकारक विरुद्ध आन्दोलनमे शामिल भऽ गेल छथि।

पशुपति पारस जनैत छथि जे २०२५ मे कोनो गठबन्धन तखने हुनक सम्मान करत, जखनि हुनक समुदायक वोट बैंक हुनका सङ्ग होयत, आ ई दफादार चौकीदारक मुद्दा एकटा पैघ मुद्दा अछि। जँ ई मुद्दा बनल रहैत अछि आ कने सफलता सेहो प्राप्त करैत अछि तँ हुनक समुदायक वोट बैंक हुनक पक्षमे आबि सकैत अछि, जाहि कारणेँ पशुपति पारस एहि मुद्दाकेँ छोड़य नहि चाहैत छथि।

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