विधि-व्यवस्था

मुंबई ट्रेन विस्फोट मामिलामे सुप्रीम कोर्ट द्वारा उच्च न्यायालयक फैसला पर रोक, रिहाई यथावत

मुंबई समदिया
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सुप्रीम कोर्ट मुंबई ट्रेन केर ब्लास्टक मामिलामे बम्बई हाईकोर्ट केर 12 आरोपीकें बरी करय केर फैसला पर रोक लगा देलक अछि। मुदा कोर्ट स्पष्ट कयलक अछि जे एहि आदेश पर जेलसॅं रिहा कएल गेल आरोपी पर कोनो असर नहि पड़त, अर्थात रिहाई यथावत रहत।

एहि पर आरोपी सुप्रीम कोर्टक फैसलाक स्वागत कयलक। एकटा आरोपी वाहद शेख कहलनि जे, सुप्रीम कोर्टमे हाईकोर्टक फैसलाक खिलाफ सरकारक दिसिसॅं याचिका दाखिल करय केर डर अछि, जेल वापस नहि जेबाक अछि।
आरोपी वाहिद शेख कहलनि कि रिहाई आ‌ हाईकोर्ट केर फैसलाक दिनसॅं हम सब खुश छलियै, सबकें रिहा कय देल गेल आ हम अपन परिवारसॅं भेंट कय चुकल छलियै। मुदा, सरकार एक दिनक लेल हमर सबहक खुशीकें बर्दाश्त नहि कय सकल। ओ तुरंत सुप्रीम कोर्टमे गेल। जहियासॅं ओ सुप्रीम कोर्टमे याचिका दाखिल कयलक अछि, हमरा सबहक दिमागमे बहुत तनाव छल, हमरा सबकें नहि बुझल छल जे की होएत। की हमरा सभकेँ जेल वापस जाय पड़त ? हम सभ फेर गिरफ्तार भऽ जायब ? एहि घटनाक सबटा आरोपी हमरा संग लगातार संपर्कमे रहैत छल आ हम हुनका सबकेँ आश्वस्त करैत रहलहुँ।

सुप्रीम कोर्ट दिसिसॅं जे फैसला आयल अछि ताहि अनुसार एखन धरि जेल नहिं जेबाक अछि। एहि दौरान जॅं सुप्रीम कोर्ट कहत जे आरोपीकें गिरफ्तार कयल जाय तॅं ई आश्चर्यजनक होएत। 19 सालक जेलक बाद कियो ई नहि कहि सकैत अछि जे कानूनी लड़ाई कतेक साल रहत। बहुत दुख अछि जे पुलिस एतेक साल धरि निर्दोषकेँ जेलमे राखि देलक।

आरोपी तनवीर अहमद कहलनि जे, पहिल दिनसॅं हमरा सभकें न्याय मिलय केर उम्मीद अछि। सबूतक अभावमे हाईकोर्ट आरोपीकेँ बरी कय देलक अछि। हाईकोर्टक फैसलाकें कियो चुनौती दऽ सकैत अछि। सुप्रीम कोर्टमे मामिला चलय केर मतलब अछि जे न्यायकें अखनो कायम राखल गेल अछि। हमरा सबकें यकीन अछि जे सुप्रीम कोर्ट सबूत स्वीकार करत। आतंकसॅं पीड़ित लोकें न्याय भेटबाक चाही।
एकर संगही एगो आओर आरोपी सुहैल महमूद शेख केर कहब अछि कि एगो ऐहन प्रक्रिया अछि जाहिमे दूनू पक्ष अपन बातकें बरकरार राखै छै आ कोर्ट राहत दै छै। ई एटीएस केर झूठक जीत नहि अछि। हुनका सबकें एखन अस्थायी राहत देल गेल अछि, बादमे सुनय केर मौका देल गेल अछि, ई कोनो सफलता नहि। सिर्फ हाईकोर्ट केर फैसला पर रहय केर मतलब ई नहि जे ओ सही साबित भऽ गेल अछि। लगभग दू दशकक अंतराल भेल अछि, जखनि जेल गेल रही, हम छोट छलहुँ, आब हम बूढ़ भऽ गेल छी। हमर बच्चा सभ पैघ भेल अछि। हमरा बारेमे लोकक दिमागमे नकारात्मक सवाल उठै छै, लेकिन उच्च न्यायालय केर फैसलासॅं लोककेँ सोचै केर रास्ता बदलि गेल छै। जनताक व्यवहारमे बदलाव आयल अछि।

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