राम मन्दिर प्राण प्रतिष्ठा दिन देशक स्वतंत्रताक नव तिथि बताबय पर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवतकक विरूद्ध बयानबाजी तेज भऽ गेल अछि।
राजद नेता तेजस्वी यादव सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखलनि, “आरएसएस प्रमुख मोहन भागवतकेँ आब बस एतबहि कहब बाकी रहि गेल अछि जे दलित आ पिछड़ा वर्गक आरक्षण खतम भऽ जायत, तखने देशकेँ सही मायनेमे आजादी हासिल होएथ। आरएसएस प्रमुख आजादीक करोड़ो मतवाला, दिवाना देशभक्त, असंख्य शहीद, आ स्वतंत्रता सेनानीसभक घोर अपमान कयलनि अछि।”
ओ आगू लिखलनि, “स्वतन्त्रता सङ्ग्राममे सङ्घक लोकक कोनो योगदान नहि छल, तेँ आब ओ दोसरक योगदानकेँ कम करबाक लेल नव-नव योजना बना रहल छथि। हुनकर संगठन अङ्ग्रेजक लेल सहयोगी आ मुखबिर रहल अछि। दलित, पिछड़ा वर्ग, मजदूर, आ किसानक ऐतिहासिक योगदानकेँ कम करब आरएसएसक उद्देश्य सदैव रहल अछि। मोहन भागवत, देश गुलामी दिसि बढ़ि रहल अछि, डॉलरक तुलनामे रुपया सर्वकालिक निम्नतम स्तर पर अछि, ओहि पर ध्यान केन्द्रित करू।”
ओतहि जहानाबादमे मीडियासँ बातचीत करैत कहलनि, “मोहन भागवत देशक स्वतंत्रताक लेल अपन प्राणक आहुति देनिहार लोकक अपमान आ अनादर कऽ रहल छथि। ओ गाँधी जी, शहीद भगत सिंह, बाबा कुंवर सिंह, आ रानी लक्ष्मीबाई सन स्वतंत्रता सेनानीसभक अनादर कऽ रहल छथि, जे भारतक स्वतन्त्रताक लेल अपन प्राण देलनि, जेल गेलाह, आ ब्रिटिश उत्पीड़नक सामना कयलनि।”
वास्तवमे, पछिला सोमदिन इन्दौरमे आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत कहलनि जे अयोध्यामे राम मन्दिरक प्राण प्रतिष्ठा तिथि ‘प्रतिष्ठा द्वादशी’क रूपमे मनाओल जयबाक चाही, कियैक तँ सदीसँ परचक्र (दुश्मनक आक्रमण) झेलयवाला भारतक सच्चा स्वतंत्रता एहि दिन प्रतिष्ठित भेल छल। पहिने स्वतंत्रता छल, मुदा ई प्रतिष्ठित नहिं भेल छल।