मिथिलाक्षर साक्षरता अभियानक 12म सम्मान समारोह राँचीमे सम्पन्न

निज समदिया!! हरमू, राँची स्थित विद्यापति दालानमे रवि 28 दिसंबरकें मैथिल पुनर्जागरण प्रकाश फोरमक तीन दिवसीय समारोहक समापन भेल।
भगवती वन्दनाक उपरान्त आगत अतिथि सभ एवं फोरमक संस्थापक द्वारा दीप प्रज्ज्वलनक संग समारोहक शुभारम्भ भेल।
आजुक समारोहमे डॉ. महेन्द्र झा मुख्य अतिथि छलाह। झारखण्ड मैथिली मंचक महासचिव जयंत कुमार झाक अध्यक्षतामे आयोजित मिथिलाक्षर साक्षरता अभियानक 12म सम्मान समारोहमे पं. अजय नाथ झा शास्त्री समारोहमे उपस्थित सभ अभियानीगण एवं अतिथि तथा झारखण्ड मैथिली मंचक सभ पदाधिकारी एवं सहयोगीक हार्दिक स्वागत आओर अभिनन्दन कएलन्हि। विषय प्रवेश करबैत ओ मैथिल पुनर्जागरण प्रकाश फोरम आओर मिथिलाक्षर साक्षरता अभियानक प्रगति एवं विभिन्न प्रकल्पक विस्तृत जनतब देलनि।
पूर्व पार्षद अरुण कुमार झा कहलन्हि जे मिथिलाक्षर लिपि केर संरक्षण आवश्यक अछि। ओ कहलनि, जे देवनागरी लिपिक उपयोगक स्थान पर मिथिलाक्षर लिपिक प्रयोग हेतु विशेष प्रयासक आवश्यकता अछि।
मुख्य अतिथिक रूपमे समारोहकेँ सम्बोधित करैत डॉ. महेन्द्र झा कहलन्हि जे एहिठाम झारखण्डमे मैथिली भाषा आओर मिथिलाक्षरक संरक्षण हेतु प्रतिबद्धता एवं समर्पण हेतु तत्पर लोक बेसी संख्यामे छथि। तैंs मैथिली भाषा एवं मिथिलाक्षर लिपिकें आगू बढ़ेबाक लेल झारखण्ड सदैव इच्छुक आओर समर्पित अछि। विशिष्ट अतिथि नवीन झा कहलन्हि जे मैथिलीकेँ आगू बढ़ेबाक लेल मिथिलाक्षर सीखनाय आवश्यक अछि।
सम्मान समारोहमे आठ गोटयकें मिथिलाक्षर गौरव सम्मान, चारि गोटयकें उत्कृष्ट सम्मान, दू गोटयकें संजीवनी सम्मान, सात गोटयकें संरक्षक/संरक्षिका, पाँच गोटयकें निर्देशक / निर्देशिका, तीन गोटयकें मार्गदर्शक/मार्गदर्शिका आओर 31 गोटयकें प्रवीण सम्मानसौं सम्मानित कएल गेलन्हि।
समारोहक समापनसँ पूर्व अपन अध्यक्षीय उद्बोधनमे जयन्त कुमार झा कहलन्हि जे मैथिली भाषा एवं मिथिलाक्षर लिपि केर संरक्षण हेतु व्यावहारिक रूपसौं सक्रिय आओर सतत प्रयास करबाक आवश्यकता छै। मिथिलाक्षर एकटा सशक्त माध्यम अछि किन्तु एकर सूत्र छुटि गेल अछि। एकर सूत्रकें पुनः दृढ़तासौं जोड़नाए जरूरी छै।
समारोहमे उपस्थित संरक्षक ट्रस्टी सम्मानसौं सम्मानित डॉ. विनय कर्ण कहलन्हि जे मैथिली भाषा एवं मिथिलाक्षर लिपिक उत्थान तखनहि भs सकत जखनि सब घर आओर प्रत्येक परिवारमे माय-बाप, परिवारक बूढ़-बुजुर्ग आ बच्चा सभक पारस्परिक संवादमे मातृभाषा मैथिलीक सहज उपयोग सुनिश्चित होयत। ओ ईहो कहलन्हि जे मिथिलाक्षर साक्षरता अभियान आब चतरि कs वटवृक्ष भs गेल अछि। ई अभियान आब मैथिल पुनर्जागरण प्रकाश फोरमक अंतर्गत एकटा पैघ प्रकल्प बनि गेल अछि।
मिथिलाक्षर साक्षरता अभियानक प्रमुख स्तम्भ, संजीवनी सम्मानसँ सम्मानित अति विशिष्ट शिक्षक एवं संचालक पं. कृष्ण कान्त झा सभ अभियानीगणक उत्साहवर्द्धन करैत कहलन्हि कि अभियानक सफलता एकर सभ सहयोगी पर निर्भर अछि। अतः सभ अभियानीकें अधिकसँ अधिक लोककें मिथिलाक्षर साक्षरता अभियानसँ जोड़य केर कोशिश हमेशा करैत रहबाक चाही।
मैथिल पुनर्जागरण प्रकाश फोरमक संरक्षक ट्रस्टी डॉ. विनय कर्ण, कुमार प्रमोद चन्द्र एवं अशोक कुमार लालक संग-संग प्रेमनाथ झा, प्रेमचन्द्र झा, राज कुमार मिश्र, समीर कुमार मिश्र, रुनु मिश्र एवं विक्रमादित्य सिंह, (जमशेदपुर), नेहा कर्ण (जनकपुर, नेपाल), उमा झा, वीणा झा, पूनम मिश्रा, प्रदीप कुमार (पटना), दीपक आनन्द मल्लिक, सुमित सौरभ, प्रीति प्रिया, शशि भूषण कंठ, कल्पना कुमारी कर्ण, चन्दन कुमार, तुलिका कर्ण आदिक अतिरिक्त अनेक गणमान्य व्यक्ति एहि समारोहमे उपस्थित छलाह। सम्मान समारोहक मंच संचालन जमशेदपुरसँ आएल वरिष्ठ अभियानी विक्रमादित्य सिंह तथा धन्यवाद ज्ञापन समीर कुमार मिश्र कएलन्हि। सुविख्यात मैथिली गीतकार प्रदीप जी द्वारा रचित स्तुति “जगदम्ब अहीं अवलम्ब हमर..” केँ समवेत गायनक संग समारोहक समापन भेल।
