स्वास्थ्य

मलेरिया २०३० धरि दुनिया भरिमे भए जाएत समाप्त, आर २१ मलेरिया रोधी टीका होएत गेम चेंजर

नई दिल्ली
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जँ मलेरियाक इलाज सही समय पर नहि कयल जाइत अछि तखन ई लोकक सांस छीनि लैत अछि। एहि कारणेँ प्रत्येक वर्ष ६ लाख लोकक जान चलि जाइत अछि। मलेरियाकेँ खतम करबाक लेल आब दूटा टीका उपलब्ध अछि। आरटीएस एस एवं आर२१ आब मलेरियाक दूटा टीका अछि। ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालयक जेनर संस्थानक निदेशक आ आर२१ टीकाक मुख्य अन्वेषक एड्रियन हिल बतौलनि जे हुनका किएक लगैत अछि जे मलेरिया नियंत्रणक लेल ई एकटा महान युग अछि।

एड्रियन हिल कहलनि जे मलेरिया लगभग ३ करोड़ सालसँ अछि। हमर होमिनाॅइड पूर्ववर्ती लाखों साल पहिने मलेरिया परजीवीसँ संक्रमित भऽ रहल छलाह। हमरासभक पहुँचबासँ बहुत पहिने, ई परजीवी प्रतिरक्षा प्रणालीसँ बचबाक लेल पहिनेसँ बहुत रास चतुर युक्तिक अभ्यास कऽ चुकल छल। होमो सेपियन्स पहिल बेर लगभग ३१५,००० वर्ष पहिने अफ्रीकामे विकसित भेल छल। मलेरिया कोनो विषाणु नहिं अछि आ ने ई बैक्टीरिया अछि। ई एकटा प्रोटोजोआ परजीवी छैक, जे सामान्य वायरससँ हजारो गुना पैघ छैक। एकटा नीक तुलना ई अछि जे एहिमे कतेक जीन अछि। लगभग एक दर्जन कोविड-१९, मलेरियाक लगभग ५,००० अछि।

एकर अतिरिक्त, मलेरिया परजीवी जीवन चक्रक चारिटा चरणसँ गुजरैत अछि। ई ओतेक जटिल अछि जतेक संक्रामक रोगजनकक सङ्ग होइत अछि। चिकित्सा शोधकर्ता १०० सालसँ बेसी समयसँ मलेरियाक टीका बनयबाक प्रयास कऽ रहल छथि। ऑक्सफोर्ड मे हमरा ३० सालक शोध करए पड़ल।

आर२१/मैट्रिक्स-एम टीका कोना काज करैत अछि ?

चारिटा मलेरिया जीवन चक्र अत्यंत भिन्न होइत छैक, जाहिमे अलग-अलग एंटीजन बनायल गेल अछि। एंटीजन कोनो एहन पदार्थ छैक जे शरीरकेँ ओहि पदार्थक विरुद्ध प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया करबाक कारण बनैत छैक। पछिला साल अक्टूबरमे स्वीकृत भेलाक बादसँ आर२१ टीकाकेँ तैयार करबामे छह माससँ बेसी समय लागल अछि। भारतमे आर२१क लाखो खुराक फ्रिजमे राखल गेल अछि।

मलेरियाक विरुद्ध लड़ाईमे टीकाक कतेक पैघ भूमिका होयत ?

एड्रियन हिल कहलनि, “हमसभ सचमुच सोचैत छी जे आब हमरा लग पैघ प्रभाव छोड़बाक अवसर अछि। मलेरिया-रोधी दवाई मात्र किछु दिन धरि चलैत छैक आ परजीवी एहि दवाइसभक विरुद्ध सेहो प्रतिरोध पैदा कऽ रहल अछि। मुदा टीकासँ एकरा समाप्त कयल जा सकैत अछि। अफ्रीकाक मलेरिया क्षेत्रमे प्रत्येक वर्ष लगभग ४ करोड़ बच्चाक जन्म होइत छैक जकरा टीकासँ लाभ होयत। आर२१/मैट्रिक्स-एम केँ पैघ पैमाना पर निर्मित होयबाक लेल डिजाइन कयल गेल अछि। हमर विनिर्माण आ वाणिज्यिक भागीदार सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया हर साल सैकड़ो करोड़ खुराकक उत्पादन कऽ सकैत अछि। मलेरिया नियंत्रणक लेल ई एकटा महान युग जकाँ बुझाइत अछि।

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