शिक्षा

मैथिलीकेँ शास्त्रीय भाषाक दर्जा देल जयबा संबंधी प्रस्तावक विद्यापति सेवा संस्थान कयलक स्वागत

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आ राज्यसभा सांसद संजय झाक प्रति जतौलक कृतज्ञ आभार
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दरभंगा समदिया
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राज्यसभा सांसद संजय कुमार झा केर सद्प्रयाससँ मुख्यमंत्री नीतीश कुमारक निर्देश पर बिहार सरकारक शिक्षा मंत्रालय द्वारा मैथिली भाषाकेँ शास्त्रीय भाषाक सूचीमे शामिल करबा संबंधी आधिकारिक अनुरोध केंद्र सरकारकेँ पठाओल जयबाक विद्यापति सेवा संस्थान हार्दिक स्वागत कयलक अछि।

एहि लेल करोड़ों मिथिलावासी दिसिसँ मुख्यमंत्री केर प्रति आभार प्रकट करैत संस्थानक अध्यक्ष-सह-केंद्र सरकार द्वारा गठित मैथिलीक विद्वान लोकनिक विशेषज्ञ समितिक सदस्य प्रो. शशि नाथ झा कहलनि जे शास्त्रीय भाषा केर रूपमे मैथिलीकेँ दर्जा देल जयबा संबंधी सभ आवश्यक पहलूसँ संबंधित विस्तृत रिपोर्ट तैयार भेलाक बावजूद मैथिलीकेँ शास्त्रीय भाषाक दर्जा नहि देल जायब आश्चर्यजनक छल। बिहार सरकार करोड़ों मिथिलावासी केर अस्मिता आ मैथिली भाषा साहित्यक उत्तरोत्तर विकाससँ जुड़ल एहि मामिलामे जाहि तरहें तथापि त्वरित संज्ञान लेलनि, ई सर्वथा स्वागत योग्य अछि।

संस्थानक महासचिव डा बैद्यनाथ चौधरी बैजू एहि मामिलामे त्वरित पहल करबा लेल राज्य सभा सांसद मिथिलाक लाल संजय झा केर प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करैत मुख्यमंत्री नीतीश कुमार केर प्रति आभार जतौलनि। ओ कहलनि जे देरीसँ सही मुदा बिहार सरकार एहि प्रस्तावकेँ भारत सरकार लग पठा करोड़ों मिथिलावासीक विश्वास एकबेर फेरसँ जीतबामे कामयाबी हासिल कयलनि अछि। हुनका विश्वास अछि जे आब ओ दिन दूर नहि जखन मैथिली भाषाकेँ शास्त्रीय भाषाक दर्जा भेटत आ ई भेटलासँ मैथिली भाषाक संरक्षण आ संवर्धन केर प्रयासकें बल प्राप्त होयत।

मैथिली अकादमीक पूर्व अध्यक्ष पं. कमला कांत झा कहलनि जे जनक, जानकी आ कवि कोकिल विद्यापति केर भाषा मैथिलीकें शास्त्रीय भाषाक रूपमे शामिल नहि कयल जायब दुर्भाग्यपूर्ण छल। बिहार सरकारक ई फैसला हुनक कथनी आ करनीमे समानताकें दर्शाबैत अछि। शास्त्रीय भाषा केर रूपमे मैथिलीकेँ शामिल भेने नहि केवल मिथिला आ बिहारक भाषाई विरासत सम्मानित होयत, अपितु मैथिली भाषा केर प्राचीन ग्रंथमे निहित गूढ़ ज्ञानसँ संपूर्ण दुनिया सहजहिं अवगत भऽ सकत।

कार्यकारी अध्यक्ष डा बुचरू पासवान कहलनि जे बिहार सरकारक ई डेग एक बेर फेरसँ ई साबित कऽ देखौलक अछि जे केंद्र आ राज्यमे डबल इंजन केर प्रगतिशील सरकार कायम अछि। भारतक पुरातन संस्कृति केर भाषा मैथिलीकेँ लऽ बिहार सरकारक सक्रियता सातों कोटिक करोड़ों मैथिली भाषी केर दिल जीत लेलक अछि।

वरिष्ठ साहित्यकार एवं अंतर्राष्ट्रीय मैथिली सम्मेलन केर अध्यक्ष डा महेंद्र नारायण राम कहलनि जे हालाँकि मैथिली साहित्यक विकास अद्यतन कहियो ककरो अनुकंपा केर मोहताज नहि रहल अछि। मुदा संस्कार आ संस्कृति केर संग भाषा साहित्य केर विकासक बात करय वाली सरकार अपन संवेदनशीलता केर परिचय दऽ सबहक दिल जीत लेलक अछि।

मीडिया संयोजक प्रवीण कुमार झा एहि मसला पर केवटी केर विधायक डा मुरारी मोहन झा आ राज्यसभा सांसद संजय झा द्वारा उठाओल गेल डेगकेँ सराहनीय आ मिथिला क्षेत्रक जन प्रतिनिधि लोकनि लेल अनुकरणीय बतबैत कहलनि जे संविधानक आठम अनुसूचीमे शामिल बिहारक एकमात्र भाषा मैथिलीकेँ शास्त्रीय भाषाक सूचीमे शामिल होयबाक मार्ग आब प्रशस्त भऽ गेल अछि। ई भेने जनक, जानकी, गार्गी, मैत्रेयी, भारती, विद्यापति, मंडन, अयाची, गौतम, कनाद, याज्ञवल्क्य, अष्टावक्र, दीनाभद्री, लोरिक, सल्हेश आदि केर मातृभाषा मैथिली केर संरक्षण ओ संवर्धनक द्वार खूजत।

बिहार सरकारक एहि डेगक प्रो जीवकांत मिश्र, डा महानंद ठाकुर, विनोद कुमार झा, प्रो विजय कांत झा, प्रो चंद्रशेखर झा बूढ़ा भाई, डा गणेश कांत झा, डा बाबू साहेब चौधरी, डा उदय कांत मिश्र, आशीष चौधरी, पुरुषोत्तम वत्स, मणि भूषण राजू आदि सेहो स्वागत कयलनि अछि।

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