शिक्षा

मैथिल पुनर्जागरण प्रकाश दैनिक समाचार-पत्रक चारिम वर्षमे प्रवेशक शुभकामना : राजकुमार झा

मुंबई समदिया
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“मैथिली अखबार ‘मैथिल पुनर्जागरण प्रकाश (राष्ट्रीय मैथिली दैनिक)’ तीन वर्ष पूरा कय चारिम वर्षमे प्रवेश कयलक, अखबार यशस्वी बनल रहय, इएह शुभकामना व्यक्त करैत छी।” ई उद्गार ‘मैथिल समन्वय समिति, मुंबई’ केर अध्यक्ष राजकुमार झा व्यक्त कयलनि अछि। आगू ओ कहलनि, “आजुक (२६ दिसंबर २०२४) दिन मिथिला, मैथिली तथा मैथिलक लेल ऐतिहासिक दिवस अछि। ऐतिहासिक एहि लेल जे भगवती जानकीजीक अहैतुकी कृपा प्राप्त करैत मैथिली भाषामे दैनिक समाचार-पत्र ‘मैथिल पुनर्जागरण प्रकाश’ मिथिलावासीक चिरलम्बित मनोवाँछाके मूर्तरूप प्रदान करैत तीन वर्षक गरिमामय यात्रा पूर्ण करैत चारिम वर्षमे प्रवेश कयलक अछि। अखबार वर्तमान दशकमे ऐतिहासिक एवम् गौरवशाली इतिहासक सृजन कएलक अछि।”

राजकुमार झा’क अनुसार,”जाहि भाषाके अपन समृद्ध आर गौरवशाली इतिहास रहलैक अछि तकर स्वतंत्र, निष्पक्ष तथा दैनिक मैथिली भाषामे समाचार-पत्रक अभाव सदैव कचोटैत रहैत छल। अन्य भाषा-भाषीक समक्ष जखन अपन भाषाक समृद्धिक बखान करबाक अवसर भेटैत रहैत छल वा अछि, ताहि समय अनेकों प्रसंगक मध्य दैनिक समाचार-पत्रक चर्चा केर क्रममे मौन हेबाक लेल विवश होमय पड़ैत छल। मुदा विवशताक अन्हरगुप्पी छटल तथा मिथिलापुत्र पं० अजयनाथ झा ‘शास्त्री’, मिथिलावासीक माथाकें सगर्व ऊँच करैत स्वर्णाक्षरमे स्वयंकें मिथिलाक इतिहासमे नाम अंकित कराबैत हमरा सभक (मिथिलावासीक) आकांक्षित अभिलाषाके मूर्तरूप प्रदान कएलनि।”

अपन बातकेँ आगू बढ़बैत ओ कहैत छथि, “एतबहि नहि हमरा सभ आयोजन वा अन्य अवसर पर भाषाक चर्चाक क्रममे मिथिलाक्षरक मात्र बखान करैत छी। मुदा मूल लिपि विलुप्तप्राय भेलीह, ताहिके पुनर्जीवित करेबाक प्रयास सामुहिक अथवा व्यक्तिगत रूपें नहि कऽ सकलौं। किछु मात्रामे अपवाद छोड़ि मिथिलाक्षरक प्रति मात्र शब्द द्वारा बखान करबाक अतिरिक्त किछु नहि भेल। मुदा शास्त्रीजी अपन मूल लिपिकेँ पुनर्जीवित करेबाक भीष्म प्रतिज्ञा लैत, सम्पूर्ण देशमे “मिथिलाक्षर साक्षरता अभियान” केर माध्यमें शंखनाद करैत मिथिलावासीकें नि:शुल्क “मिथिलाक्षर प्रवीण” बनबैत आ ‘सिखू-सिखाउ’ परिकल्पनाक माध्यमे आइ लाखों गोटे तक मिथिलाक्षरक पहुँच बना देलनि अछि। वर्तमान जीवनमे अमर भेलाह। हुनक एहि समर्पण तथा भाषाक प्रति पुनर्जागरणक प्रतिबद्धताकें मिथिलावासी कहियो विस्मृत नहि कऽ सकैत छथि। फकीरी जीवन, स्वयंके विषयमे चिंता नहि करैत, जे हेतै देखल जेतै, ताहि संकल्पभावकें चित्तमे समाहित करैत, अवधूतक प्रतिमूर्ति पं० अजयनाथ झा ‘शास्त्री’ मिथिलाक विभूतिक श्रेणीमे प्रतिष्ठित भऽ इतिहास-पुरूष बनि गेलाह। दैनिक समाचार-पत्र पूर्ण कलेवरमे विगत् तीन वर्षसँ सेवाक पथ पर अनेकों झंझावातकें झेलैत कर्तव्य-पथ पर अग्रसर अछि। तेसर वर्षगाँठक मधुरमय दिवस पर एक्केटा निवेदन करब जे प्रत्येक मिथिलावासी अखबार पढ़ी तथा एकरा दीर्घजीवी बनेबामे यथायोग्य योगदान करी। अपन इष्ट-मित्र, चिर-परिचित सभकें अखबार पढ़बाक लेल प्रेरित करी। आदरणीय शास्त्रीजी अपन कार्य कएलनि मुदा हमरा सभक दायित्व बनैत अछि जे समाचार-पत्र प्रत्येक मैथिलक हाथमे पहुँचन्हि ताहि लेल साकांछ बनल रही तखने अनेकों वर्षक तपस्या फलीभूत होयत।”

आगू ओ कहैत छथि, “अंतमे शास्त्रीक प्रति इएह निवेदन करब हे मिथिलापुत्र ! हे इतिहास पुरूष !! अपनेक यशक बखान करैत मिथिलावासी परम गौरवक अनुभूति कऽ रहल छथि। अपने सदैव यशस्वी होइत मिथिलाक मान-सम्मानकेँ अपन त्यागमयी तपस्या केर माध्यमें अग्रसारित करैत रही, इएह मंगलकामना भगवती जानकी जीसँ निवेदित करैत छी। जय श्री हरि।”

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