राजनीति

लालू यादव महत्वपूर्ण पद पर निजी क्षेत्रक लोकक भर्ती करबाक निर्णय पर कहलनि संघी माॅडल गैर-संवैधानिक

पटना
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लालू यादव एक बेर फेर नरेन्द्र मोदी पर दलित आ पिछड़ाक बारेमे निशाना साधलनि अछि। एहि बेर ओ भाजपा पर आरोप लगबैत कहलनि जे नियुक्ति प्रक्रिया सांघी मॉडल केर तहत कयल जा रहल अछि।

बिहारके पूर्व मुख्यमंत्री आ राजद सुप्रीमो लालू यादव दलित आ पिछड़ा केर आरक्षणक लाभ नहिं देबा पर भाजपा पर निशाना साधलनि अछि। अपन एक्स अकाउंट पर एकटा पोस्टमे ओ केंद्र सरकार केर निर्णयक उल्लेख कयने छथि, जाहिमे सिविल सेवा कर्मीक बजाय आब संघ लोक सेवा आयोग निजी क्षेत्रसँ संयुक्त सचिव, उप सचिव आ निदेशक केर स्तर पर नियुक्तिक लेल सीधा भर्ती निकाललक अछि। लालू यादव कहैत छथि जे एहि भर्तीक माध्यमसँ भाजपाक लोक दलित आ पिछड़ाकेँ उच्च पद पर जयबासँ रोकय चाहैत छथि।

लालू यादव अपन पोस्टमे लिखलनि, “बाबा साहेबक संविधान आ आरक्षणक उल्लंघन करैत नरेन्द्र मोदी आ ओकर सहयोगी दलक परामर्शसँ संघ लोक सेवा आयोग आब निजी क्षेत्रसँ सिविल सेवा कर्मीक स्थान पर संयुक्त सचिव, उपसचिव आ निदेशकक स्तर पर नियुक्तिक लेल सीधा भर्तीक विज्ञापन देलक अछि। कोनो सरकारी कर्मचारी एकरा लेल आवेदन नहिं कए सकैत अछि। कोनो संवैधानिक आरक्षण नहिं अछि।”

ओ आगू कहलनि, “ई ‘नागपुरिया मॉडल’ अछि जाहिमे भाजपाक निजी सेना जे कॉर्पोरेटमे काज करैत अछि, अर्थात खाकी पेंट वालाकेँ भारत सरकारक महत्वपूर्ण मंत्रालयमे सीधा उच्च पदपर रखबाक योजना अछि। सांघी मॉडल केर तहत एहि नियुक्ति प्रक्रियामे दलित, ओबीसी आ आदिवासीकेँ आरक्षणक कोनो लाभ नहिं भेटत। एनडीए केर लोक वंचितक अधिकार लूटि रहल अछि।”

वास्तवमे संघ लोक सेवा आयोग १० संयुक्त सचिव आ निदेशक/उप सचिवक ३५ पद सहित ४५ पद पर भर्तीक विज्ञापन देलक अछि। ई पद अनुबंध आधार पर ‘लेटरल एंट्री’ केर माध्यमसँ भरल जायत। जाहिमे निजी क्षेत्रसँ संयुक्त सचिव, उप-सचिव आ निदेशक पद पर रहल लोक सभकेँ लेल जाएत। जनतब जे भारत सरकारक एहि फैसलाकेँ कांग्रेस सांसद राहुल गांधी आ एसपी सांसद अखिलेश यादव सेहो जबरदस्त विरोध कयलनि अछि।

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