आरबीआई गवर्नर शक्तिकान्त दास कहलनि जे भारतक सकल घरेलू उत्पाद लगातार ८ प्रतिशतक विकास दर दिस बढ़ि रहल अछि। एकर कारण जीएसटी सन महत्वपूर्ण आर्थिक सुधारक शुरुआत अछि।
बम्बई चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीक १८८म एजीएम (वार्षिक आम बैठक) मे दास कहलनि जे पछिला तीन सालमे भारतक औसत जीडीपी वृद्धि दर ८.३ प्रतिशत रहल अछि। एहि साल सकल घरेलू उत्पाद ७.२ प्रतिशतक दर सँ बढ़बाक अनुमान अछि।
ओ आगू कहलनि जे भारतक आर्थिक विकासक गति मजबूत बनल अछि आ आबयवला मासमे आओर मजबूत होयत आ देश ८ प्रतिशतक विकास दर प्राप्त करबाक लेल स्थिर गतिसँ आगू बढ़ि रहल अछि।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई)क गवर्नर कहलनि जे निजी क्षेत्र द्वारा पूंजीगत व्यय बढ़ि रहल अछि आ एकर आओर बढ़बाक आशा अछि। इ विकासक आओर समर्थन करत।
ओ कहलनि जे वैश्विक अर्थव्यवस्थामे मंदीक अछैतो भारत तेज गतिसँ विकास कऽ रहल अछि। वित्त वर्ष २०२३-२४ मे वैश्विक विकासमे भारतक योगदान १८.५ प्रतिशत रहल अछि। ई एकटा पैघ उपलब्धि अछि, किएक तँ ७ सँ ८ साल पहिने ई बहुत कम छल।
विकास दरमे वृद्धिक सबसँ पैघ कारण प्रमुख आर्थिक सुधार वस्तु आ सेवा कर (जीएसटी), दिवाला आ दिवालियापन संहिताक शुरुआत अछि।
ओ आगू कहलनि जे जीएसटी १९४७क बाद देश द्वारा कयल गेल सबसँ पैघ आर्थिक सुधारमे सँ एक अछि। एकर सबसँ पैघ लाभ ई अछि जे ई बहुत रास करकेँ समाप्त कऽ देलक अछि आ वस्तु आ सेवा पर मात्र एकटा कर अछि। हर महीना लगभग डेढ़ लाख करोड़सँ १•७ लाख करोड़ रुपया जीएसटीसँ संग्रह कयल जा रहल अछि।
आरबीआई गवर्नर कहलनि जे तीव्र आर्थिक विकास दरक कारण भारत जल्दिये दुनियाक तेसर सबसँ पैघ अर्थव्यवस्था बनि जायत। भारत एखनि इकोनॉमी रैंकिंगमे पाँचम स्थानपर अछि।