बाबा रामदेव कोविड महामारीक दौरान एलोपैथिक दवाइक बारेमे कयल गेल कथित टिप्पणीक मामिलामे आपराधिक कार्रवाई पर रोक लगाबय केर मांग करैत सुप्रीम कोर्टमे याचिका दायर कएने अछि। शुक्रदिन याचिकापर सुनवाई करैत सर्वोच्च न्यायालय बाबा रामदेवकेँ निर्देश देलक अछि जे ओ सभ शिकायतकर्ता जे हुनक विरुद्ध शिकायत कयने छथि हुनका एहि मामिलामे पक्षकार बनाबथि।
पटना आ रायपुरक आईएमए वर्ष २०२१ मे बाबा रामदेवक विरुद्ध शिकायत दर्ज कयने छल। शिकायतमे कहल गेल अछि जे बाबा रामदेव द्वारा कयल गेल कथित टिप्पणी एलोपैथिक दवाइसँ लोककेँ मोहभंग कऽ देलक आ लोकसभकेँ उचित उपचार नहिं भेटल। एहि कारण कोरोना पर काबू पाबयमे सेहो परेशानी भेल। बाबा रामदेवक याचिका पर सुनवाई करैत न्यायमूर्ति एमएम सुंदरेश आ न्यायमूर्ति पीबी वराले केर पीठ शिकायतकर्ताकेँ पक्षकार बनाबय लेल कहलक। अदालत एहि मामिलाक सुनवाई गर्मीक छुट्टीक बाद धरि स्थगित कऽ देलक अछि।
बिहार सरकारक वकील कहलनि जे हुनका एहि मामिलामे जवाब दाखिल करबाक लेल समयक आवश्यकता अछि। बाबा रामदेव अपन याचिकामे केंद्र सरकार, बिहार सरकार, छत्तीसगढ़ सरकार आ आईएमए केर पक्षकार बनौने छथि। बाबा रामदेव वर्ष २०२१ मे अपन एकटा वक्तव्यमे कहने छलाह जे ओ एलोपैथिक दवाइमे विश्वास नहिं करैत छथि। बाबा रामदेवक बयानसँ नाराज हुनक विरुद्ध कतेको मामिला दर्ज कयल गेल। रामदेव अपन विरुद्ध चलि रहल आपराधिक कार्यवाही केर जाँच पर रोक लगाबय केर मांग कयलनि अछि।
बाबा रामदेवक बयानक बाद देशमे एलोपैथी बनाम आयुर्वेदक बहस शुरू भेल आ तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन सेहो बाबा रामदेवक बयान पर आपत्ति जताबैत एकरा गलत कहलनि। दिल्ली मेडिकल एसोसिएशनक दावा अछि जे बाबा रामदेवक कंपनी कोरोनाक दौरान कोरोनिल दवाई बेचि हजार करोड़सँ बेसी कमाइ कयलक, जखनि कि एहि दवाइकेँ कोनो प्रतिस्पर्धी प्राधिकरण द्वारा मंजूरी सेहो नहिं भेटल छल।