किसान चिंतित छथि किएक तँ आम लीचीक बगीचामे फल फटि जाइत अछि आ गाछसँ फल तेजीसँ झरी रहल अछि। आम लीचीक फलमे फटबाक रोग देखलापर कृषि विज्ञान केन्द्रक वैज्ञानिक डॉ. प्रदीप विश्वकर्मा कहलनि जे तेजीसँ बढ़ैत तापमानक कारण एहन बीमारीकेँ देखैत किसानसभकेँ लीची आममे नीक उपज प्राप्त करबाक लेल लीचीक गाछमे लगातार नमी बनाकऽ रखबाक चाही। वर्तमान जलवायु परिवेशमे लीची आ आमक फल फटनाइ एकटा गम्भीर विकार अछि, जे एकर वृद्धि आ विकासक क्रममे होइत अछि। एहि बीमारीक कारण बागमे उपजक सङ्ग-सङ्ग आर्थिक हानि सेहो होइत अछि। विशेष रूपसँ लीचीक फलकेँ दिनमे उच्च तापमान (३५-४० डिग्री सेल्सियस) आ कम सापेक्षिक आर्द्रता (६० प्रतिशत)क कारण समस्याक सामना करय पड़ि रहल अछि। एहिमे आन्तरिक आ बाह्य दुनू कारकक अन्तर्निहित भूमिका सम्मिलित अछि। जलवायु परिवर्तनक प्रभावक अतिरिक्त, फलक प्रारम्भिक विकासक क्रममे फलक त्वचाक असामान्य वृद्धि एहि विकारकेँ बढ़ावा दऽ रहल अछि। फलक विकासक अंतिम चरणक अवधिमे, जखन फलक विकास होइत छैक तखन दरार आबि जाइत छैक। फलकेँ फटबासँ रोकबाक लेल किसानसभकेँ एकर शीघ्र उपचार करबाक चाही। कैल्शियम नाइट्रेट (०.५ – १%), बोरेक्स (०.४ – ०.८%), जेडएन (०.४%), जीए३ (१० पीपीएम) अलगे वा संयोजनमे छिड़काव करू। एकरा समय पर सिंचाई आ मल्चिंग द्वारा नियंत्रित कयल जा सकैत अछि।