लोरिकक गाथा लगभग तीस करोड़ भारतीयक स्मृतिमे आइयो सुरक्षित : ओमप्रकाश भारती
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सहरसा समदिया
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जिलाक मत्स्यगंधा झीलक उत्तर वैदेही कला संग्रहालयक संस्थापक डॉ. ओमप्रकाश भारती द्वारा वीर लोरिक पर लिखल किताब मध्य प्रदेशक मुख्यमंत्री द्वारा विमोचन कयल गेल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, प्रो. ओम प्रकाश भारती एवं सोमनाथ यादव द्वारा संपादित पुस्तक ‘वीर लोरिकक किंवदंती आर युगक माध्यमसँ एक हीरो’ क विमोचन कयल गेल। एहि अवसर पर मुख्यमंत्री कहलनि जे सनातन संस्कृतिक मूल्य निर्माणमे लोकनायककेँ अविस्मरणीय योगदान अछि। वीर लोरिक सन लोक नायक अत्याचारी सामंतक दंडित करैत आम लोककेँ न्याय प्रदान कयलनि। वीरंगाना गुजरी घरिन मुगलसँ लड़ैत काल अपन रक्षा करैत भारतीय महिलाक पहिचानक सेहो रक्षा कयलनि। हरदौलक त्याग नैतिक मूल्य आ आदर्श स्थापित कयलक । एहन लोकनायकक स्मृति केर बचाबय आ संरक्षित करबाक जरूरत अछि। एहि दिशामे प्रो ओम प्रकाश भारती आ डॉ. सोमनाथ यादवक ई कृति सराहनीय अछि।
‘लेजेंड्स ऑफ वीर लोरिक : ए हीरो थ्रू द एज’ पुस्तकमे विलियम क्रुक, बेगलर, ब्रायर एल्विन, जॉर्ज अब्राहम ग्रियर्सन सन पाश्चात्य विद्वानक संग-संग प्रोफेसर ओम प्रकाश भारती, डॉ. सोमनाथ यादव, डॉ. बीरेन्द्र प्रसाद आ सुश्रुत यादवक लेख शामिल कयल गेल अछि। एहि लेख सभक माध्यमे लोरिकक जीवन काल, संघर्ष, सामाजिक प्रतिरोध आ ऐतिहासिकता आदि पर प्रकाश देल गेल अछि । यदुवंशी लोरिकक जन्म एगारहम शताब्दीमे पूर्वी-उत्तर प्रदेशक मिर्जापुर जिलाक एक गाँवमे भेल छल। समाजक तत्कालीन सामंतक अत्याचारसँ मुक्त कर देलखिन। लोरिकक गाथा लगभग तीस करोड़ भारतीयक स्मृतिमे आइयो सुरक्षित अछि । ई गाथा छत्तीसगढ़ी, बघेली, भोजपुरी, मैथिली, मगही, आ बंगला सन भाषामे गाओल जाइत अछि ।पूर्वी उत्तर प्रदेशक अलावा लोरिक बिहारक सुपौल जिला केर हरदी चौघारा जा कय हरेवा बरेवा नामक अत्याचारी सामंतकेँ सजा देलखिन्ह। एहि अवसर पर प्रो. ओम प्रकाश भारती कहलनि जे लोरिक एकटा ऐतिहासिक हस्ती छलाह। जिनकर लड़ाई समाजक सामंती अत्याचारसँ मुक्त करबाक छल। लोरिक एकटा चरबाहक बेटा छल आ कतेको लड़ाई जीतलाक बाद ओ चरबाहे बनल रहैत अछि आ कतहु राजा नहि अछि । कोनो राज्य प्राप्त करबाक इच्छासँ लड़लो नहिं छल । एहि तरहें ओ भारतीय जनक्रांतिक अग्रणी छलाह। उद्घाटन समारोह केर अवसर पर प्रोफेसर के. सी. यादव, कुलपति – रायपुर, डॉ. सोमनाथ यादव, छत्तीसगढ़ पिछड़ा वर्ग आयोगक पूर्व अध्यक्ष, नीरज यादव, बी. डी. यादव एवं शिवकांत वर्मा आदि उपस्थित रहलाह।