निरीक्षण दल बिना कोनो शिक्षक वा शिक्षा विभागक कोनो अधिकारी/कर्मचारीक सूचित कयने स्कूल आबि स्कूलक निरीक्षण करत। अरू ई सभ निरीक्षण औचक निरीक्षण होयत आ पूर्व सूचना
पर आधारित नहि होयत।
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राज्यमे शिक्षाक स्तर आ गुणवत्ता सुधारबाक लेल विभाग नव अभियान शुरू कऽ रहल अछि। एहि संबंधमे अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ राज्यक सभ जिला शिक्षा अधिकारीकेँ पत्र लिखलनि अछि। पत्रमे कहल गेल अछि जे राज्यक सभ सरकारी स्कूलमे गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करबाक लेल छात्रसभक लेल उचित शैक्षणिक वातावरण सुनिश्चित कयल जाय।
शिक्षा विभाग एहि संबंधमे स्कूल निरीक्षणक लेल दिशानिर्देश सेहो जारी कयलक अछि। एहि संदर्भमे सरकारी स्कूलक निरीक्षणक लेल एकटा नव प्रपत्र शिक्षाकोष पर अपलोड करबाक निर्देश देल गेल अछि।
एहि आदेशमे शिक्षा विभागक सभ कार्यालयमे तैनात सभ अधिकारी आ कर्मचारीकेँ विद्यालय निगरानीक जिम्मेदारी देल गेल अछि। जिला शिक्षा कार्यालयमे कार्यरत संविदा अधिकारी/कर्मचारी वा बाहरी रूपसँ सोर्स कैल गेल कर्मचारीसँ प्राप्त निरीक्षण रिपोर्टक समीक्षाक दौरान ई पता चलल कि एहि निरीक्षण रिपोर्टमे दर्ज आंकड़ा गलत छल।
पत्रक अनुसार, जखनि एकर जाँच कयल गेल, तखनि निरीक्षण रिपोर्ट आ घटनास्थलपर स्थितिमे महत्वपूर्ण अन्तर छल। कर्तव्यक निर्वहनमे सावधानी आ संवेदनशीलताक कमी देखल गेल। अतः विभाग ई सुनिश्चित करबाक लेल पुनः निरीक्षण करबाक निर्णय लेलक अछि जे गुणवत्तापूर्ण शिक्षासँ समझौता नहि कयल जाय।
निरीक्षणक गुणवत्ता आ उपयोगिताकेँ बढ़यबाक लेल नव निरीक्षण प्रणालीमे बदलाव करबाक निर्णय लेल गेल अछि। नव निर्णयक अनुसार, अल्पकालिक अनुबंध पर वा आउटसोर्सिंगक माध्यमसँ नियोजित कोनो कर्मचारी द्वारा विद्यालयक निरीक्षण नहि कयल जायत। आब केवल शिक्षा विभाग आ बीईपीक नियमित अधिकारी स्कूलक निरीक्षण करत।
जिला शिक्षा अधिकारी, जिला कार्यक्रम अधिकारी, प्रोग्राम ऑफिसर, खण्ड शिक्षा अधिकारीक अतिरिक्त जिला कार्यक्रम समन्वयक (बीईपी) सहायक कार्यक्रम अधिकारी (बीईपी) निरीक्षण करत।
निरीक्षण कयल जायवला विद्यालयक चयन प्रत्येक निरीक्षणक लेल निर्धारित दिन पर अतिरिक्त मुख्य सचिव द्वारा कयल जायत। एहि स्कूलक जानकारी एक दिन पहिने राति ९ बजे अतिरिक्त मुख्य सचिव कार्यालयक माध्यमसँ मोबाइलक माध्यमसँ पठाओल जायत। विद्यालयक निरीक्षणक संबंधमे जानकारी पूर्ण रूपसँ गोपनीय राखल जायत।
सभटा अधिकारीकेँ प्रत्येक मास विद्यालयक कमसँ कम २५ औचक निरीक्षण करब आवश्यक अछि। अतः सभ अधिकारी निरीक्षणक काजकेँ गम्भीरतासँ लेताह आ कोनो स्थितिमे यदि निरीक्षण रिपोर्ट फर्जी वा भ्रामक पाओल जाइत अछि तँ सम्बन्धित अधिकारीसभक विरुद्ध आवश्यक अनुशासनात्मक कार्यवाही कयल जायत।