भारतक अर्थव्यवस्थाक विकास दर वित्तीय वर्ष २०२४-२५ मे ६.५ प्रतिशत छल, जे दुनिया केर प्रमुख अर्थव्यवस्थामे सबसँ बेसी अछि। संगहि एहि दौरान देशक निर्यात 824.9 अरब डॉलरक सर्वकालिक उच्चतम स्तर पर रहल। ई आंकड़ा बताबैत अछि कि देशक अर्थव्यवस्था लगातार आत्मविश्वासक संग बढ़ि रहल अछि।
भारतीय रिजर्व बैंकक अनुसार वित्तीय वर्ष 2025-26 मे देशक विकास दर एहि आंकड़ाक आसपास होबए केर उम्मीद अछि।
संयुक्त राष्ट्रक अनुसार भारतक विकास दर एहि साल 6.3 प्रतिशत आओर अगिला साल 6.4 प्रतिशत बढ़ि सकैत अछि, जखनिकि भारतीय उद्योग महासंघक अनुमान अछि जे चालू वित्तीय वर्षमे देशक विकास दर 6.40 सँ 6.70 प्रतिशतक बीच भऽ सकैत अछि।
अर्थव्यवस्थाक नीक प्रदर्शनक कारण देशक निर्यातमे तेजीसँ बढ़ोतरी भऽ रहल अछि। भारतक कुल निर्यात वित्तीय वर्ष २०२४-२५ मे ८२४.९ अरब अमेरिकी डॉलरक नव उच्चतम स्तर पर पहुँचय केर अनुमान अछि, जे वित्तीय वर्ष २०२३-२४ मे ७७८.१ अरब अमेरिकी डॉलर सँ ६.०१ प्रतिशत अधिक अछि।
एहिसँ पहिने वित्तीय वर्ष 2013-14 मे देशक निर्यात मात्र 466.22 अरब डॉलर छल जे पिछला एक दशकमे देशक निर्यातमे लगातार प्रगतिकेँ दर्शाबैत अछि।
एक दिसि देश तेजीसँ आर्थिक रूपसँ मजबूत भऽ रहल अछि। संगहि महंगाई दर सेहो न्यूनतम स्तर पर बनल अछि।
मई 2025 मे खुदरा महंगाई दर 2.82 प्रतिशत रहल जे फरवरी 2019 केर बाद खुदरा महंगाई केर सबसँ कम स्तर अछि।
एकर अलावा भारतीय अर्थव्यवस्था केर नीक प्रदर्शनक कारण पूंजी बाजार पर निवेशकक विश्वास सेहो तेजीसँ बढ़ि रहल अछि। भारतीय शेयर बाजारमे खुदरा निवेशकक संख्या दिसंबर 2024 तक बढ़ि कए 13.2 करोड़ भऽ जेबाक उम्मीद अछि, जखनकि 2019-20 मे इ आंकड़ा 4.9 करोड़ छल। ई वृद्धि इक्विटी बाजारमे बढ़ैत सार्वजनिक रुचि आओर देशक दीर्घकालिक संभावना पर विश्वासकेँ दर्शाबैत अछि। आब बेसी लोक शेयर बाजारके सिर्फ बड़का कंपनीक लेल नहिं, बल्कि आम नागरिकक लेल सेहो धन सृजनक साधनक रूपमे देखैत छथि।