सुरक्षा

पहिल एलसीए तेजस एमके-१ए विमान अगिला मास भारतीय वायुसेनामे होएत शामिल

नई दिल्ली
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हल्का लड़ाकू विमान (एलसीए) तेजस एमके-१ए पर सॉफ्टवेयर परीक्षण पूरा भऽ गेल अछि। आब अन्तिम परीक्षणक बाद भारतीय वायुसेनाक लेल अक्टूबरक अन्त धरि पहिल तेजस एमके-१ए प्राप्त होयबाक रास्ता साफ भऽ गेल अछि। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह अपन हालक वाशिंगटन यात्राक क्रममे तेजस एमके-१ए इंजनक वितरणमे देरीक मुद्दा उठौने छलाह। समझौताक बाद इंजन निर्माता कार्यक्रममे संशोधन कयलक जाहि अनुसार भारतकेँ नवम्बरसँ नव जनरल इलेक्ट्रिक एफ-४०४ इंजन भेटब शुरू भऽ जायत।

फरवरी २०२१ मे भारतीय वायुसेनाक सङ्ग अनुबंध पर हस्ताक्षर भेलाक बाद हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेडकेँ एहि साल मार्चसँ नव विमानक आपूर्ति करबाक छल। वायुसेना द्वारा सॉफ्टवेयरमे बदलावक माँग कयल गेल छल, जाहि कारणेँ विमानक वितरणमे कमसँ कम चारि मासक देरी भेल अछि। पहिल तेजस विमान बी श्रेणीक इंजनक संग पहुँचाओल जायत। तेजस विमानक लेल अमेरिकी कंपनी जनरल इलेक्ट्रिक (जीई)क सङ्ग अनुबंधक हिस्साक रूपमे भारत द्वारा एहि इंजनक अधिग्रहण कयल गेल छल।

वायुसेनाक एकटा अधिकारी कहलनि जे सॉफ्टवेयर संशोधन पूरा भऽ गेल अछि आ पहिल विमान अक्टूबरक अन्त धरि पहुँचा देल जायत। एचएएलक अनुसार, तेजस एमके-१ए डिजिटल रडार चेतावनी रिसीवर, एकटा बाहरी ईसीएम पॉड, एकटा स्व-सुरक्षा जैमर, एईएसए रडार, रखरखावमे आसानी आ एवियोनिक्स, वायुगतिकी, रडारमे सुधार कयलक अछि।

ई हवामेसँ हवामे मारि करय बला उन्नत मिसाइल (एएसआरएएएम) आ एस्ट्रा एमके-१ हवासँ हवामे मारि करय बला मिसाइलसँ लैस होयत। तेजस एमके-१ए केर २० विमान हर साल वायु सेनाकेँ पहुंचायल जायत। तेजस एमके-१ए केर डिलीवरी २०२४ सँ शुरू होयत आ २०२७ तक पूरा ८३ विमान वायु सेनाकेँ पहुँचा देल जायत। एहिमे ७३ लड़ाकू विमान आ १० प्रशिक्षक विमान होयत। एलसीए तेजस एमके-१ए संस्करणमे वर्तमानमे ५० प्रतिशत स्वदेशी सामग्री छैक, जकरा बढ़ाकऽ ६० प्रतिशत कऽ देल जायत।

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