पछिला साल बिहारक दरभंगा जिलाक ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय मैथिली भाषामे राजनीति विज्ञान, रसायन विज्ञान, पत्रकारिता विषयक शब्दावली तैयार कयने छल। एहि विषयक तीनसँ चारि हजार मूल शब्दक शब्दावली मैथिली भाषामे तैयार कयल गेल छल। मैथिली शब्दावलीक शब्दकोश तैयार कएल जा रहल अछि। एकर प्रक्रिया अंतिम चरणमे चलि रहल अछि। शब्दकोशक विभागीय अनुमोदनसँ मैथिली भाषामे पाठ्यक्रमक निर्माण सेहो आरम्भ होयत। भारतीय भाषा समिति, दिल्लीक मुख्य शैक्षणिक समन्वयक प्रो. अवधेश कुमार मिश्र कहैत छथि जे मैथिलीमे राजनीति विज्ञानक अतिरिक्त रसायन विज्ञान, पत्रकारिता, आन विषयक शब्दकोश सेहो तैयार करबाक अछि। एकर तैयारी चलि रहल अछि। क्षेत्रीय भाषामे प्राथमिक विद्यालयमे पढ़य बला बच्चासभकेँ मैथिली भाषामे शिक्षा देल जायत। भारत सरकारक वैज्ञानिक आ तकनीकी शब्दावली आयोग अधिनियमक आठम अनुसूचीमे सम्मिलित भाषासभक विकासक लेल क्षेत्रीय भाषासभमे शब्दावली तैयार कऽ रहल अछि। एहि काजक लेल वैज्ञानिक आ तकनीकी शब्दावली आयोगक अध्यक्ष प्रो. गिरीश नाथ झाक नेतृत्वमे एकटा समिति सेहो गठित कयल गेल छल। भारतीय भाषा समिति, दिल्लीक मुख्य शैक्षणिक समन्वयक प्रो. अवधेश कुमार मिश्र, वैज्ञानिक आ तकनीकी शब्दावली आयोगक सहायक निदेशक डॉ. शहजाद अहमद अंसारी आ बिहार उच्च शिक्षा परिषदक उपाध्यक्ष कामेश्वर झा विशेषज्ञक रूपमे। एहिसँ पहिने एमएलएसएम कॉलेज, दरभंगाक रसायन विज्ञान विभागक प्रमुख प्रो. प्रेम मोहन मिश्र सी.एन. बैनवेल आ एलिन द्वारा लिखित पुस्तक “फंडामेंटल प्रिंसिपल्स आफ मालीक्यूलर स्पेक्ट्रोस्कोपीक सिद्धान्त”क मैथिलीमे अनुवाद कयने छथि।
मैथिली सहित संविधानक आठम अनुसूचीमे सम्मिलित सभ भाषाक विकासक शब्दावली तैयार कयल जा रहल अछि। भाषा विशेषज्ञक कहब छनि जे नव शिक्षा नीतिमे निम्न स्तरक शिक्षाक माध्यमक लेल मातृभाषा स्थानीय भाषाक प्रयोग पर जोर देल गेल अछि। एकर उद्देश्य बच्चासभकेँ अपन मातृभाषा आ संस्कृतिसँ जुड़ल राखब आ शिक्षाक क्षेत्रमे आगू बढ़याब अछि। बच्चाक लेल अपन स्थानीय भाषामे पढ़ब आसान होयत आ ओ जल्दी सीखि सकैत अछि। छोट बच्चा घरमे बाजल जायवला मातृभाषा वा स्थानीय भाषामे जल्दी सीखैत अछि, जँ स्कूलमे सेहो मातृभाषाक प्रयोग कयल जायत तँ एकर बेसी प्रभाव पड़त आ ओ जल्दी सीखि सकैत छथि आ हुनक ज्ञानमे वृद्धि होयत। शिक्षामे स्थानीय भाषाकेँ शामिल कयलासँ लुप्त भऽ रहल भाषासभकेँ नव जीवन भेटत आ बच्चासभकेँ ओकर संस्कृतिसँ जुड़ल रखबामे सहायता भेटत। राष्ट्रीय शिक्षा नीति २०२०क अन्तर्गत देशक विभिन्न भागमे बाजल जायवला क्षेत्रीय भाषा प्राथमिक विद्यालयमे पढ़य बला बच्चासभकेँ शिक्षा प्रदान करब अनिवार्य कऽ देल गेल अछि। ई कहल गेल अछि जे बच्चासभकेँ क्षेत्रीय भाषामे पढ़यलासँ ओकर मूल्यांकन आ समझबाक क्षमताक सङ्ग-सङ्ग जिज्ञासु प्रवृत्ति तुलनात्मक रूपसँ बढ़ैत अछि।