मिथिलाक्षर साक्षरता अभियान

ग्यारहम स्थापना दिवस पाक्षिक समारोहक छठम एवं सातम दिन

मधुबनी समदिया
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मिथिलाक्षर साक्षरता अभियानक मिथिलाक्षर पक्षक छठम दिन यानि ३० सितंबरक कार्यक्रमक जतेक प्रसंशा करी कम होयत। एकसॅं एक अभियानी लोकनि अपन कलाक प्रस्तुति कयलैन।सुरुआत प्रदीप कुमार मल्लिक गणेश वंदनासॅं कयलैन।आभाजी ‘आब ओ गाम कहाँ छै’ प्रस्तुति देलैन। ममता झा अभियानक उत्कृष्ट संरक्षक देवेन्द्र झा रचित मैयाक मैथिली आरती ‘सब मिलि आरती उतारू मां अम्बेकेँ’ गउलैनि।

दयाराम जी अपन स्वरचित कविता ‘नहिं देखलहुं एहेन विकराल समय’ ‘६३सठम वसंतमे हम छी’, एवं आर तीन चारि कविताक पाठ कयलैन ,जकर प्रसंशा जतेक करब कम होयत। अंजू झा जी अपन स्वरचित गीत सब गोटें करियो विचार, सोहर आदि गीतक माध्यमे सब श्रोताकें मंत्रमुग्ध कयलनि।

देवेन्द्र झा अपन स्वरचित कविता ‘आयल वसंत’, ‘चाकरि बनि शिव आयलाह,’ पाहून बनि श्री राम’ जाहिमे मिथिला धामक वर्णन प्रस्तुत कयलैन। सुधीर यादव, इन्द्र देव चौधरी, अशोक झा, कृष्ण कुमार, अपन-अपन गायनसॅं सभ श्रोताकेँ मंत्रमुग्ध कयलैनि।

जानल मानल कलाकार दिलीप मंडल आबि अपन गायकीसॅं सभकेँ मंत्रमुग्ध कयलनि। दिलीप मंडलक गायकी एतेक सुंदर जे समय सिमा समाप्त भेलाक बादों चलैत रहल। ओ एक पर एक गणेश वंदनासॅं शुरुआत करैत, मां भगवतीक गीत प्रस्तुत कयलैन, हुनका कंठमे मानू मां सरस्वती विराजमान होथिन। अंतमे शंभू नाथ झा भोला बाबाक गीतक संग प्रोग्रामक समापन कयलैन।

मिथिलाक्षर साक्षरता अभियानक संस्थापक अजय नाथ झा शास्त्री अपन विचार राखलैन जे पाक्षिक समारोहमे एक दिन बच्चा सभक लेल मैथिली गीत, कविताक अंत्याक्षरी कार्यक्रम होएबाक चाही।

सातम दिन यानि १ अक्टूबरकेँ तहिना कार्यक्रम भव्य रहल। शत्रुघ्न झा संस्कृतमे गणेश वन्दनासॅं शुरुआत कयलैन। रिंकु झा, सविता दास अपन गायकीसॅं श्रोताकेँ मंत्रमुग्ध कयलैनि। दयाराम प्रसाद स्वयं रचित अपन कविता पाठ कयलैन, जाहिमे १९७५ केर बाढि, आपातकाल समयक पूर्ण विवरण छल। कृष्ण कुमार अपन कविता पाठ बहुत सुंदर ढंगसॅं कयलैन। अंजू झा अपन स्वयं के लिखल भगवती गीतसँ सब श्रोताकेँ मंत्रमुग्ध कयलैनि। प्रेमलता झा संरक्षक देवेन्द्र झा लिखल ‘माता पूत्र पर किए अहां क्रोध केलिए’ केर प्रस्तुति, मणिकांत झा लिखल गीतक माध्यमसॅं सभ श्रोताकें मंत्रमुग्ध कयलनि। पून: अयलाह दीपक मंडल जी, ओ एक पर एक लोक गीत, भगवती गीत, गजल आदि गाबिकेँ श्रोताकेँ मंत्रमुग्ध कयलैनि।

कार्यक्रमक संचालक देवेन्द्र झा कहलैन समयक अभावमे बहुत कलाकार अपन प्रस्तुत नहिं दs सकला। अभियाक वरिष्ठ संरिक्षका रूणु झा , संरक्षक नवीन झा , प्रोग्रामक व्यवस्थामे सराहनीय योगदान देलैन। टेक्निकल विभाग दीपक आनंद मल्लिक, संजय मिश्रा, बहुत सुन्दर ढंगसॅं सतत सँभारि रहल छथि।

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