बिहारमे राशन कार्ड धारकक लेल केवाईसी अनिवार्य कऽ देल गेल अछि जाहिसँ फर्जी राशन कार्ड धारकक पहिचान कयल जा सकय आ ई सुनिश्चित कयल जा सकय कि सही लाभार्थी केर सरकारी योजनाक लाभ भेटय। मुदा, हालक एकटा मामिला पूरा आपूर्ति विभागकेँ हिला देलक अछि।
नवीनतम मामिलामे, सीतामढ़ी आ १९ अन्य जिलामे किछु सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) विक्रेता ५० सँ बेसी बेर एकल राशन कार्डक लेल केवाईसी करबाक प्रयास कयलनि। एहि रहस्योद्घाटनसँ विभागीय अधिकारी स्तब्ध भऽ गेलाह आ मामिलाक जाँच शुरू भऽ गेल अछि।
वास्तवमे लाभार्थीक आधार संख्या राशन कार्डसँ जुड़ल अछि। केवाईसी प्रक्रियाक अवधिमे बायोमेट्रिक्स प्रणालीक माध्यमसँ आधार संख्याक सत्यापन कयल जाइत अछि। सामान्यतः एक बेर केवाईसी भऽ गेलाक बाद एकरा फेरसँ करबाक आवश्यकता नहि होइत छैक। मुदा, बहुत रास डीलर ५०सँ बेसी बेर केवाईसी करबाक प्रयास कयलनि, जाहिसँ पूरा आपूर्ति विभाग स्तब्ध भऽ गेल। तखनि विभाग एहि बातक जाँच शुरू कयलक जे डीलरसभकेँ बेर-बेर केवाईसी करबाक आवश्यकता किएक छल?
सूत्रक अनुसार बिहारक सीतामढ़ी, बथनाहा, रुन्नीसैदपुर, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, मधुबनी आ अन्य सहित १९-२० जिलामे एहेन मामिला सामने आयल अछि। तइयो सीतामढ़ीक डीएम जाँच सदर एसडीओकेँ सौंपि देलनि। जांचक क्रममे डीलरसभ बेर-बेर केवाईसीक प्रयास करबाक विभिन्न कारण देलनि।
रुन्नीसैदपुरक एकटा डीलर कहलनि जे ई-केवाईसी बेर-बेर विफल भऽ रहल अछि, तेँ ओ कतेको बेर प्रयास कयलनि। बथनाहाक तीनटा डीलर दावा कयलनि जे ओ सभ पैघ छलाह आ पीओएस मशीनमे एके राशन कार्डक नम्बर देखाइत रहल, जाहिसँ केवाईसीक कतेको प्रयास भेल। रुन्नीसैदपुरक एमओ अंजनी कुमारक अनुसार, एहि मामिलामे किछु महत्वपूर्ण नहि अछि। डीलर बेर-बेर केवाईसी करबाक प्रयास कऽ रहल छलाह आ ई बेर-बेर विफलताक कारण भेल।