प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिकेँ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंगक माध्यमसँ आपदा रेजिमेंट इंफ्रास्ट्रक्चर (आईसीडीआरआई) केर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनकेँ संबोधित कयलनि। एहि दौरान ओ कहलनि कि प्राकृतिक आपदा आ जलवायु परिवर्तनक कारण तटीय क्षेत्र आ द्वीपकें गंभीर खतरा छै । एहि क्षेत्रक सुरक्षाक लेल मजबूत प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली आ बेहतर समन्वय आवश्यक अछि। प्रधानमंत्री कहलनि, “एही सम्मेलनक विषय : हमरा लचीला भविष्य : तटीय क्षेत्रों के लिए’।
हालक दिनमे भारत आ बांग्लादेशमे चक्रवात ‘रेमल’, कैरेबियाई क्षेत्रमे ‘हैरिकेन बेरिल’, दक्षिण पूर्व एशियामे ‘तूफान यागी’, अमेरिकामे ‘हैरिकेन हेलेन’ आएल एहि आपदासँ जीवन आ संपत्तिकें भारी नुकसान पहुँचल।
प्रधानमंत्री कहलनि कि आपदा रेजिमेंटल इंफ्रास्ट्रक्चर एलायंस (सीआरडीआरआई) आब २५ छोट द्वीप विकासशील देशक संग काज कय रहल अछि, जतय मजबूत घर, अस्पताल, स्कूल, ऊर्जा आ जल सुरक्षा आ प्रारंभिक चेतावनी प्रणालीक विकास करऽ जा रहल अछि । ओ ईहो कहलनि कि भविष्यमे चुनौतीसँ निपटय लेल एकटा कुशल कार्यबलक जरूरत छै। एकरा लेल आपदा प्रबंधनसँ संबंधित पाठ्यक्रम, मॉड्यूल आ कौशल विकास कार्यक्रमकेँ उच्च शिक्षा प्रणालीमे शामिल कयल जयबाक चाही। पीएम मोदी वैश्विक डिजिटल भंडार यानी ऑनलाइन ज्ञान बनाबय केर प्रस्ताव सेहो देलनि, जतय दुनियाभरिमे आपदा पुनर्निर्माणसँ संबंधित सफल कहानी आ सर्वश्रेष्ठ अनुभव साझा कयल जा सकय।
ओ इहो जोर देलनि कि आपदा प्रबंधन लेल नव आधारित वित्तीय मॉडलकेँ आवश्यकता अछि आ ई सुनिश्चित करबाक चाही कि विकासशील देशक लेल वित्तीय सहायता सुलभ होय । अपन संबोधनक निष्कर्ष निकालैत प्रधानमंत्री मोदी कहलनि कि प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली आ समन्वयकेँ मजबूत केनाई बहुत जरूरी अछि। जे समय केर संग निर्णय लऽ सकय आ सही जानकारी अंत तक दऽ सकय।