दिल्ली उच्च न्यायालय आबकारी नीति मामलामे सीबीआई द्वारा दर्ज मामलामे केजरीवालक नियमित जमानत याचिका पर अपन आदेश सुरक्षित राखि लेलक अछि। सीबीआई सोमदिन मुख्यमंत्री केजरीवाल आ आन लोकक खिलाफ अपन अंतिम आरोपपत्र दाखिल कयलक। एहिस पहिने सीबीआई एहि मामलामे मुख्य आरोपपत्र आ चारिटा पूरक आरोपपत्र दाखिल कयने छल। एहि मामलामे मनीष सिसोदिया, के. कविता आ आन लोकक नाम अभियुक्तक रूपमे देल गेल छल।
सुनवाई के दौरान केजरीवाल के तरफ स पेश अभिषेक मनु सिंघवी कहलखिन कि सीबीआई के कहब छनि कि केजरीवाल शराब नीति पर हस्ताक्षर केलखिन, मुदा 15 अन्य सेहो एहि पर हस्ताक्षर केलखिन। एलजी सेहो एहि पर हस्ताक्षर कए चुकल अछि। सीबीआइक तर्कक अनुसार एलजीके आरोपी बनाओल जेबाक चाही। मुख्य सचिव सहित पचास नौकरशाहके सेहो सह-आरोपी बनाओल जेबाक चाही।
सुनवाई के दौरान सीबीआई के वकील कहलखिन कि अरविंद केजरीवाल के जमानत के लेल निचला अदालत मे जाय के चाही। हम केजरीवालक खिलाफ निचली अदालतमे आरोपपत्र दाखिल कयने छी। सिर्फ एहि लेल जे आरोपपत्र दाखिल कयल गेल अछि, केजरीवाल जमानतक पात्र नहि छथि।
सीबीआइक वकील कहलनि जे सर्वोच्च न्यायालय द्वारा केजरीवालके देल गेल राहत अंतरिम छल। एहि मामलाक सुनवाई संविधान पीठ करत। सर्वोच्च न्यायालय जमानत लेल ट्रिपल टेस्ट पर विचार नहि केलक अछि। हुनकर खिलाफ आउर सबूत सामने आबि रहल अछि।
“जँ हम एकरा पहिने अदालतक समक्ष रखलौं त गवाह प्रभावित होयबाक आ साक्ष्य गायब होयबाक सम्भावना छल। सोमदिन आरोपपत्र दाखिल कयल गेल छओ लोकमेस पाँचके गिरफ्तार नहि कयल गेल अछि। हुनकर गिरफ्तारीक बाद हमरा लग आउर सबूत अछि।
सीबीआई कहलक जे केजरीवालक गिरफ्तारीक बिना शराब नीति घोटालाक जाँच पूरा नहि भऽ सकैत छल। ओ एहि घोटालाक षड्यंत्रक मुख्य शिल्पकार छथि। हर मंत्री के नियुक्ति हुनका द्वारा कएल गेल अछि। ओ लोकनि अपन लोककेँ सचिवालयमे रखलनि आ विजय नायर सेहो एकर हिस्सा छलाह।
“ओ (केजरीवाल) आबकारी नीति पर हस्ताक्षर केलथि। हुनक मंत्रिमंडलक सहयोगी लोकनि सेहो ओही दिन फाइलपर हस्ताक्षर कयलनि। ई सब कोविड के दौरान भेल छलइ। पाइ गोवा चलि गेल। केजरीवाल स्वयं अपन उम्मीदवारसभस कहने छलाह जे पाइक चिन्ता नहि करू, चुनाव लड़ू।
“हम पंजाब सरकारक दूटा अधिकारीक खिलाफ जाञ्चक लेल आवश्यक स्वीकृति माँगने छलहुँ, मुदा राज्य सरकार अनुमति देबासँ मना कऽ देलक। ई केजरीवालक प्रभावक कारण छल। शराबक नीतिमे विसंगति उजागर भेलाक बाद केजरीवाल मंत्रिपरिषदसँ पहिलुक तारीखक स्वीकृति लेलनि।