जनसरोकार

दरभंगा-मधुबनी शहरक गंदगीसँ कमला-जीवछ संगमक जल कारी होयब शुरू : नदी सत्याग्रह

दरभंगा समदिया
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नदी सत्याग्रहक सालक छठम आ अंतिम चरणक आयोजन वर्ल्ड नेचुरल डेमोक्रेसी (डब्ल्यूएनडी)क तत्वावधानमे जरिसो गामक त्रिमुहानी घाट (कमला-जीवछ-संगम) मे कयल गेल। डब्ल्यू.एन.डी.क अध्यक्ष आ लेखक डॉ. जावेद अब्दुल्लाह द्वारा नदीसभक अवलोकन कयलाक बाद आ स्थानीय लोकसँ बातचीत कयलाक बाद, देशक कतेको अन्य प्रमुख नदीसभक जकाँ वैह समस्या उभरल। दरभंगा-मधुबनी शहरक कूड़ा आ गन्दगीसँ आब कमला-जीवछ संगम (बागमती सेहो अछि) मे थोड़ेक पानि कारी होबय लागल अछि। ‘नदी बोध और नई पीढ़ी’ विषयक अन्तर्गत आयोजित एहि नदी सभामे लोकसभ नदीक कतेको समस्या दिस ध्यान आकृष्ट कयलनि। जेरिसो पंचायत (मुखिया) प्रतिनिधि संजीव कुमार निषाद (बम-बम बिहारी) कहलनि जे नदी आ हम सभ एक दोसराक पूरक छी, चूँकि हम नाविक छी, हम एहि नदी आ नर-नारीक सम्बन्धकेँ विशेष समझैत छी। हमरा सभक लेल नदी हमर आजीविकाक साधन छल, आइ देखू नदीक की हाल अछि। संगमधाम त्रिमुहानी समितिक सचिव बलदेव यादव कहलनि जे ई संगम हजारो साल पुरान अछि, मुदा आइ एकर स्वच्छता पर कोनो ध्यान नहिं देल जा रहल अछि। हम अपन स्तरसँ एकर केचली (जलकुंभी) केर हटाबय केर काज करैत छी। सरपंच प्रतिनिधि वैद्यनाथ मंडल चिंता व्यक्त करैत कहलनि जे हमर आँखिक सोझाँ कमला-जीवछ दुनू नदी पर जगह-जगह अतिक्रमण कएल जा रहल अछि आ हम सब चुप छी। जेरिसो पंचायतक पूर्व सरपंच रामानन्द यादव कहलनि जे नदी सिकुड़ि रहल अछि आ ई सामूहिक चिन्ताक विषय अछि। पूर्व मुखिया प्रतिनिधि विनोद सहनी कहलनि जे कमलाक धाराकेँ खोलबा पर विचार होयबाक चाही। डॉ. अमरेश कुमार बाबा कहलनि जे नदी हमर अछि, सरकार मात्रक नहिं। समाजकेँ ई तय करबाक चाही जे नदीसभकेँ स्वच्छ राखि जीबय केर अछि वा ओकरा नाला बना कऽ।

नदी सत्याग्रहक एहि छठम चरणक अध्यक्षता करैत वनस्पति वैज्ञानिक आ पर्यावरणविद् प्रो. विद्यानाथ झा अपन वक्तव्यमे कहलनि जे समाज आ सरकार दुनू मिलि नदीक बारेमे सोचय, तखने समाधान निकलत। ई मात्र सरकारक नहिं अपितु परिवारक सेहो दायित्व अछि जे बाल-बच्चाकेँ पीढ़ी-दर-पीढ़ी नदीक महत्व बुझाबय। माता-पिताकेँ बच्चासभमे प्रकृतिक प्रति प्रेम उत्पन्न करबाक चाही। आगाँ प्रो. विद्यानाथ कहलनि जे मिथिलाक सभ्यता आ संस्कृति कमला-जीवछसँ जुड़ल अछि। मुदा इ सिर्फ कहलासँ नहिं होएत। किछु करबाक अछि। डॉ. जावैद सन लोकक समर्थन करय पड़त आ समाजकेँ सेहो एक संग आबय पड़त।

संस्कृत विभागक पूर्व विभागाध्यक्ष (एलएनएमयू) प्रो. जय शंकर झा झारखण्डसँ ऑनलाइन जुड़लाह आ संगमक ऐतिहासिक महत्वपर प्रकाश देलनि। प्रो. जय शंकर झा कहलनि जे ई संगम श्रीकृष्णक मार्ग सेहो रहल अछि। एकरा अपन परम्परामे ‘मोहना मठ’ कहल जाइत छल, मोहनकेँ श्रीकृष्ण कहल जाइत अछि। एकर तेसर नदी गुप्त गंगा एतयसँ बनल छल। ओ आगू कहलनि जे तथ्यसँ पता चलैत अछि जे दरभंगा महाराज महेश्वर सिंह (लगभग दू सौ साल पूर्व) आ महाकवि विद्यापतिक अपन अंतिम समय एतय बीतल छल।

अहमदाबादसँ मिथिला विभूति पुरस्कार प्राप्तकर्ता हृदय नारायण चौधरी नदी आ प्रकृतिक सम्बन्धपर ऑनलाइन प्रकाश दैत कहलनि जे पीढ़ीकेँ प्रकृतिक शोषण कयने बिना अपन जीविका बनेबाक चाही।

एहि अवसर पर राजद पंचायत अध्यक्ष अमन कुमार यादव, पंचायत समितिक प्रतिनिधि प्रेमशंकर मिश्र, नीतीश कुमार शास्त्री, प्रदीप कुमार यादव, जोगे यादव, आकाश, अरशद आदि अनेक लोकसभ संगहि संत समाजक लोकसभ सेहो उपस्थित छलथि। एहि वर्षक नदी सत्याग्रहक अंतिम चरणकेँ संगम पर आबि समाप्त करय पर महन्थ वैद्यनाथ दास डाॅ. जावैद अब्दुल्लाह आ डब्ल्यूएनडीकेँ शुभकामना देलनि।

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