कांग्रेस शुक्रदिन दावा कयलक जे वस्तु आ सेवा कर (जीएसटी)मे वृद्धि धीमा भऽ गेल अछि, जे गहींर आर्थिक संकटक संकेत दैत अछि। पार्टीक महासचिव जयराम रमेश ईहो कहलनि जे सरकारकेँ पॉपकॉर्नपर कर लगयबाक बदला अर्थव्यवस्थाक जटिलतासँ निपटबा पर ध्यान देबाक चाही आ कर आ जाँच एजेंसीसभक “आतंक”केँ समाप्त करबाक चाही।
रमेश कहलनि, “दिसंबर २०२४क नवीनतम आँकड़ासँ पता चलैत अछि जे पछिला मासक जीएसटी संग्रह साढ़े तीन सालमे सबसँ धीमा गतिसँ बढ़ल। रिफंडक लेल समायोजनक बाद शुद्ध जीएसटी संग्रह घटि कऽ ३.३ प्रतिशत रहि गेल अछि जे वित्त वर्ष २५ मे सबसँ कम अछि। ई कतेको मोर्चा पर गंभीर समाचार अछि।”
हुनक अनुसार, चालू वित्तीय वर्षक पहिल तीन तिमाहीमे सरकार जीएसटी संग्रहमे ८.६ प्रतिशतक वृद्धि दर्ज कयलक अछि जखन कि बजट अनुमान ११ प्रतिशत छल।
रमेश कहलनि जे राजस्व संग्रहमे ई गिरावट सरकारक लेल मनरेगा सन समाज कल्याण कार्यक्रममे आओर कटौती करबाक कारण नहि भऽ सकैछ। ओहो एहेन समयमे जखनि ग्रामीण मजदूरी स्थिर रहल अछि आ खपतमे कमी आयल अछि।
हुनकर कहब अछि जे पछिला महीनाक शुद्ध संग्रहमे एहि नरमीक हिस्साक रूपमे करदाताकेँ रिफंडमे ४५.३ प्रतिशतक वृद्धिक लेल जिम्मेदार मानल जा सकैत अछि।
कांग्रेस महासचिव दावा कयलनि, “किछु सीमा धरि ई सत्य अछि, मुदा एहि रिफंडक एकटा पैघ हिस्सा धोखाधड़ी होयबाक सम्भावना अछि।” जीएसटी प्रणालीक जटिलताक कारण, पैघ स्तरपर धोखाधड़ीक गुंजाइश छैक, विशेष रूपसँ जखनि त्रुटिपूर्ण सॉफ्टवेयर प्रणालीक सङ्ग जोड़ल जाय। इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) धोखाधड़ी विशेष रूपसँ सामान्य अछि, जाहिमे मात्र १२ प्रतिशतक वसूली दरक बीच ३५,१३२ करोड़ टाकासँ बेसी मूल्यक धोखाधड़ीक पता चलैत अछि।”
हुनक अनुसार, जीएसटी संग्रहमे ई गिरावट गहींर आर्थिक सङ्कटक मौलिक मुद्दाकेँ सेहो प्रतिबिम्बित करैत अछि। रमेश दावा कयलनि,”सितम्बर २०२४क दौरान सकल घरेलू उत्पाद वृद्धि घटि कऽ मात्र ५.४ प्रतिशत रहि गेल छल, जे ५.४ प्रतिशतक समान रूपसँ कमजोर निजी निवेश वृद्धिक बराबर छल। उपभोग वृद्धि स्थिर भऽ गेल अछि, जाहिसँ भारतीय उद्योग सार्वजनिक सङ्कटक विषयमे चिचिया रहल अछि।”
ओ कहलनि कि, जे सबूत सामने आबि रहल अछि ओहिसँ पता चलैत अछि जे कमर तोड़य बला मुद्रास्फीति आ पैघ बेरोजगारीक बीच पछिला दस सालमे ग्रामीण मजदूरी स्थिर भऽ गेल अछि।
रमेश दावा कयलनि जे भारत “कम खपत, कम निवेश, कम विकास, कम मजदूरी”क ‘खतरनाक चक्र’मे फँसल अछि।
ओ कहलनि, “सरकारी तंत्रकेँ पॉपकॉर्नपर कर लगयबाक बदला अर्थव्यवस्थाक जटिलतासँ निपटबाक लेल अपन ध्यान केन्द्रित करबाक चाही। लगभग एक मासक बाद प्रस्तुत होबयवला केन्द्रीय बजटमे भारतक गरीबकेँ आय सहायता आ मध्यम वर्गकेँ करमे राहत देबाक चाही।”
कांग्रेस नेता अपन माँग दोहराबैत कहलनि जे जी.एस.टी.केँ सरल बनयबाक चाही।