केंद्र सरकार कर हस्तांतरणक अन्तर्गत राज्यसभकेँ ₹१,७३,०३० करोड़क राशि जारी कयलक अछि। ई दिसम्बर २०२४मे वितरित ८९,०८६ करोड़ टाकासँ बहुत बेसी अछि। केन्द्र सरकारक उद्देश्य एहि बढ़ल राशिक उपयोग राज्यसभकेँ अपन पूँजीगत व्यय बढ़यबामे आ विकास आ कल्याणकारी योजनासभकेँ लागू करबामे सहायता करबाक लेल करब अछि।
कर हस्तांतरण एकटा संवैधानिक प्रक्रिया अछि जकर अन्तर्गत केन्द्र सरकार कर राजस्वक एकटा हिस्सा राज्यसभकेँ वितरित करैत अछि। ई प्रक्रिया वित्त आयोगक सिफारिश पर आधारित अछि जे ई सुनिश्चित करैत अछि जे करक वितरण निष्पक्ष आ संतुलित होय।
उत्तर प्रदेशकेँ सबसँ बेसी ₹३१,०३९.८४ करोड़ आबंटित भेल, ओकर बाद बिहार आ पश्चिम बङ्गालकेँ क्रमशः ₹१७,४०३.३६ करोड़ आ ₹१३,०१७.०६ करोड़ आबंटित कयल गेल। महाराष्ट्र आ राजस्थानकेँ क्रमशः १०,९३०.३१ करोड़ आ ₹१०,४२६.७८ करोड़ भेटल। गोवा आ सिक्किम सन छोट राज्यकेँ क्रमशः ६६७.९१ करोड़ आ ₹६७१.३५ करोड़ आवंटित कयल गेल अछि।
वित्त आयोग २०२१-२६ केर अवधिक लेल केन्द्रीय करमे राज्यक हिस्सेदारी ४१ प्रतिशत निर्धारित कयलक अछि जे २०२०-२१ केर अनुपातक समान अछि। मुदा, ई हिस्सा १४म वित्त आयोग द्वारा २०१५-२०२० लेल निर्धारित ४२ प्रतिशतसँ कने कम अछि। ई कमी जम्मू-कश्मीर आ लद्दाखकेँ केन्द्र शासित प्रदेशक रूपमे बनयबाक कारणेँ भेल अछि।
वित्त आयोग विभिन्न मानदंडक आधार पर राज्यक हिस्सेदारी तय करैत अछि। ई जनसांख्यिकीय प्रदर्शन (१२.५%), आय (४५%), जनसंख्या (१५%), क्षेत्र (१५%), वन आ पारिस्थितिकी (१०%), आ कर आ वित्तीय प्रयास (२.५%) केँ महत्व देल गेल अछि। ई कर हस्तांतरण राज्यसभकेँ अपन विकास कार्य आ योजनासभकेँ नीक तरीकासँ लागू करबामे सहायता करत। ई डेग राज्यसभकेँ बेसी वित्तीय स्वतंत्रता देबाक लेल आ ओकर आर्थिक प्रगतिकेँ तेज करबाक लेल महत्वपूर्ण साबित होयत।