द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) सरकारक तमिलनाडुमे राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी)क कार्यान्वयनक लेल भाषा थोपबाक आ धनराशि जारी नहि करबाक आरोपक बाद केन्द्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान कहलनि जे केन्द्र सरकार एनईपीकेँ लागू करबा लेल प्रतिबद्ध अछि। धर्मेन्द्र प्रधान कहलनि, “छात्रसभक बीच प्रतिस्पर्धा उत्पन्न करबाक लेल आ समान अवसर प्रदान करबाक लेल हमरा सभकेँ एकटा साझा मंच पर एक संग अयबाक आवश्यकता अछि। एनईपी एकटा नव आकांक्षी साझा मंच अछि। हम सभ भाषाक सम्मान करैत छी। प्रधानमंत्री मोदी द्वारा परिकल्पित ई एनईपी मातृभाषा पर जोर दैत अछि। ओ आगू कहलनि जे तमिल सबसँ पुरान भाषामेसँ एक अछि, मुदा जँ तमिलनाडुक छात्रसभ बहुभाषी शिक्षा प्राप्त करैत छथि तँ किछु गलत नहि अछि।
मंत्री आगू कहलनि, “तमिल हमर सभ्यताक सबसँ पुरान भाषामेसँ एक अछि। मुदा जँ तमिलनाडुक कोनो छात्र शिक्षाक बहुभाषी पहलू सीखैत अछि तखनि गलत की अछि ? ई तमिल, अंग्रेजी आ अन्य भारतीय भाषा भऽ सकैत अछि। हुनका सभकेँ हिन्दी वा कोनो आन भाषा पर बाध्य नहि कयल जा रहल अछि। तमिलनाडुक किछु मित्र राजनीति कऽ रहल छथि। मुदा भारत सरकार एनईपीकेँ लागू करबा लेल प्रतिबद्ध अछि आ एनईपीक संग किछु शर्त अछि। शिक्षा मंत्री आगू कहलनि जे किछु राजनीतिक दल अपन राजनीतिक हितक कारण एनईपी लागू करबाक पक्षमे नहि अछि, यद्यपि शिक्षा समवर्ती सूचीमे अछि।
एहिसँ पहिने तमिलनाडुक उपमुख्यमंत्री आ डीएमके नेता उदयनिधि स्टालिन सोमदिन भाजपाक नेतृत्ववला केंद्र सरकारपर निशाना साधैत आरोप लगओलनि जे ओ दक्षिणी राज्यमे हिन्दी थोपबाक प्रयास कऽ रहल अछि। ओ आगू कहलनि, “केंद्र सरकार केंद्रीय बजटमे हमरा लेल धन आबंटित नहि कयलक अछि आ एतय धरि जे बजटमे तमिलनाडुक नाम सेहो नहि अछि। तमिलनाडुमे चक्रवाती आपदाक बाद हम केन्द्र सरकारसँ धन जारी करबाक लेल कहने छलहुँ, मुदा ओ एखनि धरि धनराशि आबंटित नहि कयलक। हमरा मात्र एसडीआरएफ फंड देल गेल अछि। तमिलनाडुक जनता हुनकर काज पर नजरि राखि रहल अछि आ समय अयला पर ओ ओकरा मुंहतोड़ जवाब देत।”
तमिलनाडुक उपमुख्यमंत्री आ डीएमके नेता उदयनिधि स्टालिन कहलनि, “शिक्षा पहिने राज्य सूचीमे छल आ आब ई समवर्ती सूचीमे अछि। केन्द्र सरकार हिन्दी थोपय केर प्रयास कऽ रहल अछि आ हमर मुख्यमंत्री एकरा स्वीकार नहिं करताह। केन्द्र सरकार हमरा पर हिन्दी थोपय केर प्रयास कऽ रहल अछि, कृपया हमरा सभ पर हिन्दी नहिं थोपू।”
डीएमके नेता सरवनन अन्नादुरई सेहो केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधानक नव शिक्षा नीति (एनईपी) पर बयानक समर्थन करय लेल तमिलनाडु भाजपा प्रमुखक अन्नामलाई पर निशाना साधलनि आ हिंदी पढ़य केर जरूरतसँ इनकार कयलनि।
अन्नादुरई कहलनि, “अनामलाई आरएसएस हाईकमानक आभारी छथि, जे हुनका तमिलनाडुक प्रमुख बनेलक अछि। हुनका तमिलनाडु भाजपाक प्रमुख एहि लेल बनाओल गेल ताकि ओ हुनकर हाथक कठपुतली बनि सकैथ। जँ ओ तमिलनाडुक इतिहास केर समझैत छथि, तऽ ओ तीन-भाषा फार्मूलाक विरोध करताह।”
ओ कहलनि, “हमरा हिंदी नहिं चाही। हमरा हिंदी किएक पढ़य केर चाही ? हिंदी पढ़यसँ की फायदा अछि ? की एहिसँ हम डॉक्टर बनि जाएब ? हमरा हिंदी किएक पढ़य केर चाही ? ताकि हम समझि सकी कि प्रधानमंत्री की कहैत छथि ? हमरा हिंदी पढ़य केर चाही किएक कि हम उत्तर भारतीय प्रवासी सभकक संग बातचीत कऽ सकैत छी जो तमिलनाडु राज्यमे आबि रहल अछि। एतय केर लोक नीक जँका शिक्षित अछि आ अमेरिका, लंदन, यूरोपीय देश, ऑस्ट्रेलिया, चीन एवं आन देश सभम जा रहल अछि। हिंदी पढ़य केर कोनो फायदा नहिं अछि।”
डीएमके सांसद कनिमोझी आगू कहलनि, “भाजपाक सभ लोककेँ एक भाषाकेँ पसंदीदा भाषाक रूपमे लेबय आ जखनि कोनो आन रास्ता नहिं होय तखनि ओकर अध्ययन करब एवं जखनि ओकर अध्ययन करय केर आवश्यकता होय, केर बीच अंतर केर समझय चाही।”
ओ इहो कहलनि, “भाजपाकेँ सत्तामे आबयसँ पहिने ओ जर्मन भाषा पढ़ाबैत छलथि, मुदा आब ओ संस्कृत पढ़य लेल मजबूर कय रहल छथि। संस्कृत पढ़यसँ की फायदा होयत ? भाषा थोपब, प्रभुत्व थोपब आ ई सब केंद्र सरकार कय रहल अछि। तें हम एहि भाषा थोपब आ हिंदी थोपय केर विरोध कय रहल छी।”
अन्नामलाई एक्स पर एकटा पोस्टमे कहलनि, “निजी स्कूल जतय मुख्यमंत्री समेत तमिलनाडुक मंत्री सभक बेटा, बेटी वा पोता-पोती पढ़ैत अछि, ओतय त्रिभाषा सिखाओल जा सकैत अछि। की सरकारी स्कूल सभमे जतय हमर बच्चा पढ़ैत अछि, ओतय त्रिभाषा नहिं सिखाओल जयबाक चाही – तमिल, अंग्रेजी एवं आर एकटा तेसर भारतीय भाषा ?”