केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बृहस्पतिकेँ राज्यसभामे बजटक बहसक जवाब देलनि। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण शनिदिन राज्यसभामे कहलनि जे आयकरक सीमा बढ़ाबय सहित बजटमे घोषित विभिन्न उपायसँ मध्यम वर्गक क्रय शक्तिमे वृद्धि होयत आ कतेको क्षेत्र आ राज्यक लेल विपक्षक कटौती आवंटनकेँ निराधार बतओलनि।
सीतारमण कहलनि जे उच्च सदनमे केन्द्रीय बजटपर चर्चामे ९० सँ बेसी सदस्य भाग लेलनि। ओ कहलनि जे बजटमे आइ देश जाहि सभ समस्याक सामना कऽ रहल अछि ओकरा ध्यानमे राखल गेल अछि।
ओ कहलनि जे विभिन्न राज्य द्वारा उधार लेबाक कारण ब्याजक बोझ एकटा समस्या अछि। ओ उल्लेख कयलनि जे विवेकपूर्ण राजकोषीय प्रबंधन एकरा दूर करबाक लेल एकटा आवश्यक उपाय अछि। वित्त मंत्री कहलनि जे सरकार एहि सालक बजटकेँ एहि तरहेँ तैयार कयलक अछि जे ई विकासकेँ गति दऽ सकैत अछि, समावेशी विकास प्राप्त कऽ सकैत अछि, निजी क्षेत्रमे निवेशकेँ बढ़ावा दऽ सकैत अछि, आम लोकक भावनाकेँ मजबूत कऽ सकैत अछि आ प्रत्यक्ष वा अप्रत्यक्ष रूपसँ भारतक बढ़ैत मध्यम वर्गक क्रय शक्तिकेँ बढ़ा सकैत अछि।
ओ कहलनि जे बजटमे चारि श्रेणी – गरीब, युवा, किसान आ महिला पर विशेष ध्यान देल गेल अछि जाहिसँ सम्पूर्ण अर्थव्यवस्थाकेँ मजबूत कयल जा सकय। ओ कहलनि जे सभ सरकारी योजनामे एहि श्रेणीसभकेँ ध्यानमे राखल गेल अछि जाहिसँ ई सुनिश्चित कयल जा सकय जे ओकर लाभ होय। सीतारमण कहलनि जे बजट पूर्ण रूपसँ पूँजीगत व्यय पर केन्द्रित अछि। पछिला सालक आंकड़ाक हवाला दैत ओ उल्लेख कयलनि जे आगामी वित्तीय वर्षक लेल पूँजीगत व्ययमे कोनो कमी नहि कयल गेल अछि।
ओ कहलनि जे वित्तीय वर्ष २०२५-२६ लेल प्रभावी पूंजीगत व्यय १९.८० लाख करोड़ रुपया होयबाक आशा अछि। ओ उल्लेख कयलनि जे चर्चामे किछु सदस्य विभिन्न क्षेत्रमे बजटक आवंटन कम करबाक बात कयने छलाह। वित्त मंत्री एहि चिन्ताकेँ निराधार बताबैत खारिज करैत कहलनि जे क्षेत्रवार बजट आवंटनमे कोनो कमी नहि कयल गेल अछि।
वित्त मंत्री कहलनि जे कृषि आ सम्बद्ध क्षेत्रक लेल १.७१ लाख करोड़ रुपया, ग्रामीण विकास लेल २.६७ लाख करोड़ रुपया, शहरी विकास आ परिवहन लेल ६.४५ लाख करोड़ रुपया, शिक्षा आ स्वास्थ्य लेल २.२७ लाख करोड़ रुपया आ रक्षा क्षेत्रक लेल ४.९२ लाख करोड़ रुपया (रक्षा क्षेत्रक लेल पेंशन व्यय छोड़ि) बजट आवंटन कयल गेल अछि। ओ कहलनि जे २०२५-२६ मे राज्यसभकेँ आवंटित कुल संसाधन २५.०१ लाख करोड़ रुपैया होयत, जाहिसँ ४.९२ लाख करोड़ टाकाक वृद्धि दर्शाबैत अछि।
राज्यसभामे वित्त मंत्री कहलनि जे सरकार कोविड संकटक प्रबंधन कयलक आ भारत दुनियाक शीर्ष ५ अर्थव्यवस्थामे सँ एक बनि गेल, जखन कि पहिने वैश्विक वित्तीय संकटक बाद हम पाँच नाजुक अर्थव्यवस्थामे सँ एक छलहुँ।
वित्त मंत्री कहलनि जे कोविडक बादक अवधि राज्य सभकेँ उधार लेबाक लेल विवश कऽ देलक अछि। कठिन परिस्थितिसँ बाहर आबय लेल मात्र भारतीय राज्यकेँ नहि अपितु अन्य देशसभकेँ सेहो उधार लेबय पड़ल। बढ़ैत कर्ज एकटा समस्या अछि। वैश्वीकरण बनाम विखंडन एकटा वास्तविकता अछि। राजकोषीय विवेक बनाम बढ़ैत ऋण एकटा वास्तविकता अछि। आ सभ गोटे मुक्त बजारक स्थिति चाहैत छथि, मुदा अहाँक लग आक्रामक टैरिफ अवरोध आ गैर-टैरिफ अवरोध अछि, तेँ अहाँ एकटा एहन दुनियाक सामना कऽ रहल छी जतय बाजारकेँ मुक्त रखबामे बहुत रास मुद्दा अछि। कोनो देश अपन हितक लेल मुक्त बाजार नहि चाहैत अछि।