संपादकीय

भाजपाक ईसाई प्रेम, एकटा रणनीतिक अंग

धर्मेन्द्र कुमार झा
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त्रिशूरसँ भाजपा सांसद सुरेश गोपीक उपरांत जॉर्ज कुरियन सेहो केन्द्रमे मंत्री बननाहर केरलक दोसर नेता छथि। केरल भाजपाक महासचिव जॉर्ज कुरियन, जे राज्यमे भाजपाक ईसाई चेहरा छथि, आब ओ अल्पसंख्यक मामलाक मंत्रालयमे राज्य मंत्री आ मत्स्य पालन, पशुपालन संगहि डेयरी मंत्रालयमे राज्य मंत्री नियुक्त कएल गेल छथि। कहबाक तात्पर्य ई जे, लोकसभा चुनाव 2024 के परिणाम देखि भाजपा केरलके प्रति उत्साहित अछि। जॉर्ज कुरियनकेँ केंद्र में मंत्री पद, आ पीएम मोदी द्वारा, पोप फ्रांसिसकेँ भारत दौरा करबाक लेल आमंत्रण……. संयोग मात्र नहि छैक। निश्चित रूपसँ भाजपा आ पीएम मोदी कोनो ठोस रणनीतिक संग आगू बढ़ि रहल छथि। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीक हालहिमे संपन्न इटली यात्रा, अनेको कारणसँ एखन देश दुनियामे चर्चाक विषय सिद्ध भ’ रहल अछि। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी7 समिटमे भाग लेबाक लेल इटली गेल छलाह। अप्पन यात्राके दौरान पीएम मोदी, अनेको राष्ट्राध्यक्षक संग भेंट – घांट सेहो कएलनि। भारत, जी-7 शिखर सम्मेलनमे ‘आउटरीच राष्ट्र’ के रूपमे सहभागी भेल छल। पीएम नरेन्द्र मोदी, जी7 शिखर सम्मेलनके ‘आउटरीच सत्र’मे सहभागिताक लेल अपुलिया पहुंचलाक उपरांत कहलनि कि, “ओ, वैश्विक चुनौतीक समाधान आओर उज्ज्वल भविष्यके लेल अंतरराष्ट्रीय सहयोगके बढएबाक लेल जी-7 शिखर सम्मेलनमे, वैश्विक नेताक संग सार्थक चर्चा करबाक लेल उत्सुक छथि”। जी-7 शिखर सम्मेलनके दौरान प्रधानमंत्री मोदी, फ्रांसक राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, यूनाइटेड किंगडमके प्रधानमंत्री ऋषि सुनक आ यूक्रेनक राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्कीसँ सेहो भेंट कएलनि। एहि सभक अतिरिक्त प्रधानमंत्री मोदी, इटलीक प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनीक आयोजित कृत्रिम मेधा यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई), ऊर्जा, अफ्रीका आ भूमध्यसागरीय क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित करबाक निमित्त सत्रमे सेहो, अप्पन सहभागिता प्रस्तुत कएलनि। एहि सत्रमे पोप फ्रांसिस सेहो शामिल छलाह। बादमे, पोप फ्रांसिसक संग पीएम मोदीक द्विपक्षीय वार्ता सेहो संपन्न भेल। भेंटघांटक क्रममे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, पोप फ्रांसिसकेँ भारत अएबाक लेल आमंत्रित सेहो कएलनि। अनुमान लगाओल जा रहल अछि कि, एहि बेर पोप फ्रांसिस, भारत यात्रा पर अवश्य आओताह। प्रधानमंत्री मोदी त’ 87 वर्षीय पोप फ्रांसिसक संग गलबैंया सेहो कएलनि आ अत्यंत सरल भावसँ गप्पसप्प करैत देखल गेलाह। ओना, पोप फ्रांसिसकेँ प्रधानमंत्री मोदी, वर्ष 2016 आ 2021 मे सेहो भारत अएबाक लेल आमंत्रित कएने छलाह, मुदा एखन धरि ओ भारत नहि आबि सकलाह। एहि बेर सेहो पोप फ्रांसिस, निमंत्रण त’ स्वीकार क’ लेलनि आब हुनकर ई बहुप्रतीक्षित यात्रा कहिया धरि होइत अछि, से धरि कहब अनुचित होयत। मुदा जौं पोप फ्रांसिस, भारत अबैत छथि त’ हिंदू बहुल राष्ट्रमे हुनक ई पहिल यात्रा सिद्ध होयत। भेंटघांटके क्रममे पीएम मोदी, पोप फ्रांसिस द्वारा कएल जा रहल कार्यक सराहना सेहो कएलनि। सबका साथ आ सबका विकास, भाजपा सरकारक नारा अछि, मुदा मूलरूपसँ भारतीय जनता पार्टी, हिंदुत्वक विचारधारावला राजनैतिक दल अछि। हँ, अप्पन रणनीतिके अंतर्गत, कखनहु काल भाजपा आनो – आन अल्पसंख्यक वर्गके प्रति विशाल हृदयक प्रदर्शन करैत रहल अछि। हालहिमें संपन्न भेल आम चुनावमे भाजपाक वोटबैंकमे सेंध लगैत देखल गेल अछि, परिणामस्वरूप भाजपा 370 पारक लक्ष्यसँ बहुत पाछू रहल। एखन सदनमे, भाजपा लग मात्र 240 सांसद छैक आ मोदी सरकार आब एनडीए सरकार बनल अछि। 400 पारक नारा त’ बड्ड लगाओल गेल, मुदा भाजपा बहुमतक आंकड़ा प्राप्त करएमे सेहो असमर्थ सिद्ध भेल। भाजपा द्वारा, लोकसभा चुनावके देखैत लगभग हर तरहक समझौता कएल गेल, भाजपाक विवशता साफ़ देखल गेल, ओहि क्रममे देशक राजनीतिमे बहुत उठापटक देखल गेल। शक्ति संग्रहके क्रममे, भाजपा ओ तमाम आंकड़ – पाथर उठौलक जे भाजपा लेल संकट सिद्ध भेल। 400 पारक मदमे चूर भाजपाक शीर्ष नेतृत्व, सभ गप्प बुझितो एहि तरहक कार्य, ख़ुशी – ख़ुशी कएलक। 400 पार लेल भाजपा, ओहि मतदाता वर्गके आकर्षित करबाक हर प्रयास कएलक, जे एखन धरि भाजपाके अछूत बुझैत अछि। भाजपा विकल्पके रूपमे मुस्लिम वर्गक मतदाताके आकर्षित करबाक हरसंभव प्रयास कएलक मुदा चुनाव परिणाम देखि ई कहल जा सकैत अछि कि, हाथ तरक त’ नहिए भेटलैक, पएरो तरक निपत्ता भ’ गेल। मुसलमान समुदायके भाजपा अपना संग जोड़बाक लेल भांति – भांतिक उपाय कएलक मुदा, देशक मुसलमान एखनहु भाजपाके मुसलमान विरोधी मानैत अछि। मुसलमान समुदायक एकटा पैघ वर्गक मन्तब्य छैक कि, भाजपा सरकारमे हुनका सभक संग भेदभाव कएल जाइत अछि। आ, इएह भ्रम तोड़बाक प्रयास, भाजपा द्वारा समय – समय पर कएल जाइत छैक, की कहूना पार्टी अप्पन एहि छविसँ बहार भ’ सकए। एमहर भाजपा द्वारा कहल जाइत अछि कि, केंद्र सरकारक तमाम जनकल्याणकारी योजनाक अधिकांश लाभ, पसमांदा मुसलमानके भेटैत छैक। जौं, ओ सभ भाजपाक संग आबि जाए त’ चुनाव जीतएमे सहूलियत होयत। 2019 मे देखल गेल छल कि पार्टी, किछु सीट पर बहुत कम मतक अंतरसँ चुनावमे पराजित भेल छल, आ ओहि तमाम सीट पर पिछड़ा समाजक मुसलमान, निर्णायक भूमिकामे छल। फलतः भाजपाक राष्ट्रीय कार्यकारिणीमे सेहो किछु नाम शामिल भेल जे, तमाम राजनीतिक विश्लेषक लेल अप्रत्याशित छल। चुनाव परिणामसँ ई साफ भेल कि, मुसलमान समुदायक मतदाता एखनहु भाजपासँ विमुख अछि, मुदा भाजपा एखनहु अपना स्तरसँ प्रयास क’ रहल अछि। पीएम मोदीक, पोप फ्रांसिसक संग भेंटघांट आ भारत अएबाक निमंत्रणके सेहो राजनीतिसँ जोड़ि देखल जा रहल अछि। आब पीएम मोदी मात्र औपचारिकताक लेल पोप फ्रांसिसके आमंत्रित कएलनि वा एकरो पाछा कोनो रणनीति अछि ? से धरि नहि जानि, मुदा प्रधानमंत्री सेहो राजनीतिज्ञ छथि त’ राजनीतिक जगतमे अनुमान लगाएब स्वाभाविक भ’ जाइत अछि। आब पोप फ्रांसिस आओताह वा नहि, ताहि पर एखनहु संशय अछि, मुदा देशमे पोपक यात्राके ल’ क’ ईसाई समुदामे उत्साह अप्पन चरम पर अछि। गोवाक मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत त’ गोवामे तैयारी शुरू कएने छथि। मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत आशा व्यक्त कएलनि कि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीक निमंत्रण पर जहन पोप फ्रांसिस भारत आओताह त’ हुनकर दौराक कार्यक्रममे तटीय राज्य गोवा सेहो शामिल होयत। किछुए समय पूर्व, सावंत कहने रहथि कि, “राज्य सरकार पुरना गोवामे सेंट फ्रांसिस जेवियरक अवशेषक दस वर्षक प्रदर्शनीके लेल पोप फ्रांसिसकेँ आमंत्रित करत जे, वर्षक अंत धरि आयोजित होयत। गोवाक कुल जनसंख्यामे ईसाई लगभग 27 प्रतिशत धरि अछि। सीएमकेँ आशा छैन्ह कि, पोप फ्रांसिस गोवाक दौरा, अवश्य करताह। लोकसभ चुनाव 2024 में दक्षिण गोवा सीट पर भाजपाके लगभग 15,000 मतसँ पराजयक सामना करए पड़ल छलैक। पराजयके कारण पर जहन गौर कएल गेल त’ कहल गेल कि, जिला मे अल्पसंख्यकक मध्य ध्रुवीकरण, एहि पराजयक प्रमुख कारण अछि। देशमे अनेको एहेन राज्य अछि जतय ईसाई समुदायक जनसँख्या, प्रचुर मात्रामे छैक, केरल, गोवा, महाराष्ट्रक संग – संग पूर्वोत्तरक राज्यमें ईसाई समुदायक लोक निवास करैत छथि। एशियामे फिलीपींसके बाद जौं कतौह ईसाई बेसी अछि त’ देश भारते अछि, त’ जौं पोप फ्रांसिस भारत अबैत छथि त’ इहो प्रधानमंत्रीक सफलता मानल जाएत आ आगामी चुनावमे, भाजपा एहि विषयके अस्त्रक भांति प्रयोग करत। लोकसभा चुनाव 2024 मे दक्षिणी राज्य केरलसँ भाजपाके बहुत आश छलैक। जे आई धरि नहि भेल छल ओ, लोकसभा चुनाव 2024 मे देखल गेल। इतिहासमे पहिल बेर भाजपा एकटा संसदीय चुनाव जितलक। त्रिसूर लोकसभा क्षेत्रसँ पार्टीक प्रत्याशी सुरेश गोपी विजयी भेलाह आ आब, ओ केंद्रमे पेट्रोलियम राज्यमंत्री छथि। केरलमे भाजपा सीट त’ एक्कहि गोट जीतलक, मुदा सोलह – सत्रह प्रतिशत मत पाबि, आगामी विधानसभा चुनाव लेल उत्साहित अछि। हर राज्यक भांति केरलमे सेहो लोकक अप्पन समस्या छैक। लव जिहाद सनक समस्या जहिना हिंदू समुदाय लेल चिंताक विषय अछि, तहिना आब केरलक ईसाई समुदाय सेहो, आब एहि समस्यासँ त्रस्त अछि। केरल भाजपा अध्यक्ष, के सुरेंद्रन अप्पन बयानमे कहने छलाह कि, आईएसआईएस हिंदू-ईसाई समुदायक बचिया, विशेष रूपसँ छात्रा सबकेँ निशाना बना रहल अछि। सुरेंद्र अप्पन वक्तव्यमे कहने रहथि कि, सत्ता प्राप्तिक उपरांत एहि लेल अलग सँ कानून बनाओल जाएत। केरलक जनसंख्यामे लगभग तीस प्रतिशत लोक मुसलमान समुदायक छथि त’ बीस प्रतिशक ईसाई धर्मावलंबी सेहो अछि त’ राजनीति आ वोटबैंकक राजनीति लेल दुनू समुदायक मत, महत्वपूर्ण मानल जाइत रहल अछि। केरलक लगभग हर सीट, मुसलमान मतदाताक समर्थनके बिना, जीतब असंभव अछि। आ केरलक सीएम विजयन, ई भलीभांति बुझैत छथि। तैं, सीएम विजयन, सीएएके विरुद्ध किछु बेसिए बयान जारी करैत देखल जाइत छथि। एखन धरि केरलमे वामपंथीक मध्य, हिंदू पार्टीक तमगा, कांग्रेसक नाम रहलैक, आब कांग्रेसके भय छैक कि, प्रदेशमे ओकर हिंदू वोट बैंकमे सेंधमारी संभव अछि। कांग्रेसके इहो भय छैक कि, सीपीआईके भांति सीएएके विरुद्ध मजबूत स्थिति नहि रखलाक चलते, मुस्लिम मतदाताक झुकाव सीपीआई (एम) के तरफ भ’ जाएत। लोकसभा चुनाव 2024 के क्रममे, केरलक वामपंथी सरकार द्वारा कांग्रेस आ राहुल गाँधी पर संसदमे नागरिकता संशोधन विधेयक पर अप्पन बात नहि रखबाक आरोप सेहो लगाओल गेल छल। जाधरि केरलमे, भाजपा मजबूत नहि छल त’ अधिकांश हिंदू मत, कांग्रेस पार्टीक पक्षमे जाइत रहलैक, मुदा आब भाजपा सेहो, केरलमें अप्पन मजबूत उपस्थिति दर्ज करा रहल अछि त’ हिंदू वर्गक मतदाता लग विकल्प मौजूद छैक, आ इएह एकटा पैघ संकट कांग्रेस पार्टीक मार्गक रोड़ा सिद्ध भ’ रहल अछि। आब कांग्रेस पार्टी लेल एहि बेर “दूध माँछ दुनू बांतर” सिद्ध भ’ रहल अछि, किएक त’ वाम दल द्वारा कांग्रेस के मुस्लिम विरोधी सिद्ध करबाक प्रयास कएल जा रहल अछि, आ भाजपा द्वारा हिंदू विरोधी। मुसलमान मतदाता वर्ग त’ एखन धरि भाजपा पर भरोस करएसँ बाँचि रहल अछि, त’ भाजपा आब आन विकल्पके रूपमे ईसाई मतदाताकेँ आकर्षित करबाक प्रयास क’ रहल अछि। केरलक भाजपा अध्यक्ष, के सुरेंद्रन लव जिहाद पर कानून अनबाक गप्प त’ पहिनहु कएने छलाह आब ओ कहि रहल छथि कि, मात्र हिन्दुए नहि अपितु ईसाई समुदायके लेल सेहो ई लव जिहाद एकटा गंभीर विषय अछि। विगत किछु वर्षसँ देखल जा रहल अछि कि, ईस्टरके अवसर पर स्थानीय भाजपा नेता ईसाइ समुदायक घर पहुँचि रहल छथि। प्रधानमंत्री मोदी सेहो दिल्लीक चर्चक दौरा कएने छथि। कहबाक तात्पर्य ई जे आब भाजपा ईसाई समुदायमे अवसर देखि रहल अछि। केरलमे कांग्रेसक वरिष्ठ नेता एके एंटनीक पुत्र अनिल एंटनी पहिनहि भाजपामे शामिल भ’ गेल छथि। केरल ओ राज्य अछि जे, एखन भाजपाक शीर्ष नेतृत्वक प्राथमिकता में शामिल अछि। कांग्रेस पार्टीक मुसलमान प्रेम देखि, केरलक हिन्दू मतदाताक संग संग ईसाई मतदाता सेहो आब अप्पन आन मार्ग देखबाक लेल विवश भ’ रहल अछि। ओना त’ भाजपा आ आरएसएस संगहि तमाम हिंदूवादी संगठन द्वारा नन आ पादरी पर, धर्म परिवर्तनक आरोप लगाओल जाइत रहल अछि मुदा ओ सभ मात्र राजनीतिक मंचक विषय प्रतीत भ’ रहल अछि। केरलमे मुस्लिम आ ईसाई समुदायक मतदाता पैघ स्तर पर यूडीएफके पक्षमे मतदान करैत रहल अछि। मुदा आब भाजपा ईसाई समुदायक मतदाता वर्गमे सेंधमारीक प्रयास क’ रहल अछि। केरलमे ईसाइ समुदायक मध्य भाजपा, धीरे – धीरे सही मुदा अप्पन जनाधार बढ़ा रहल अछि। लव जिहाद आ मुसलमान जनसंख्यामे वृद्धि संगहि ईसाई जनसंख्यामे भ’ रहल कमी, भाजपा लेल अस्त्रक भांति कार्य क’ रहल अछि। ओना देशक ईसाईकेँ, आरएसएस के विचारधाराक समीप अनबाक प्रयास सेहो, संघ द्वारा कएल जाइत छैक। संघ द्वारा मुस्लिम राष्ट्रीय मंचक भांति, ईसाई राष्ट्रीय मंच बनएबाक प्रयास सेहो होइत रहल अछि। संघक कहब अछि कि, भारतमे रहनिहार तमाम लोक, भारतीय मूलक अछि, चाहे ओ कोनो धर्मक अनुयायी होइथ। तैं मुस्लिम आ ईसाई समाजक राष्ट्रवादी सोच रखनिहार लोककेँ संघक विचारधाराक संग जोड़ि, देश हितमे कार्य करबाक चाही। प्रयास जे होय, मुदा एतेक त’ तय अछि कि, संघ एहि तरहेँ ईसाई समुदायकेँ बीजेपीक समीप आनय चाहैत अछि। तमाम स्थितिक अध्ययनक उपरांत ई देखब सेहो दिलचस्प होयत कि, केन्द्रक एनडीए सरकार, ‘सबका साथ सबका विकास’ के एजेंडाक संग, संघक एहि प्रयासके कोना आगू बढ़ाओत। आब जौं, पोप फ्रांसिस भारत आबि जाइत छथि त’ देशक ईसाई समुदायमे एकटा सकारात्मक सन्देश जाएत आ एहि समुदायमे भाजपा आ पीएम मोदीक प्रति अवधारणा सेहो विकसित होयत। ओना त’ पीएम मोदीसँ पूर्व पोपसँ प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू, इंदिरा गांधी, इन्द्र कुमार गुजराल आ अटल बिहारी वाजपेयी सेहो भेंट क’ चुकल छथि। पीएम मोदी जहन वर्ष 2021 मे जी20 समिटके लेल रोमक यात्रा पर छलथि तखनहु ओ, पोप फ्रांसिससँ भेंट कएने छलाह आ हुनका भारत अएबाक निमंत्रण देने छलाह। पोप फ्रांसिस, एखन धरि भारतक दौरा पर नहि आयल छथि। भारतक दौरा कएनिहार अंतिम पोप, जॉन पॉल द्वितीय छलाह, जे एशियामे चर्च पर एकटा पोप दस्तावेज जारी करबाक लेल वर्ष 1999 मे दिल्ली आयल छलाह। यद्यपि, पोप फ्रांसिस भारतक पड़ोसी देश बांग्लादेश आ म्यांमारक दौरा क’ चुकल छथि। भारत एशियामे दोसर सभसँ बेसी ईसाई जनसँख्यावला देश अछि, ईसाई धर्म, भारतमे हिंदू आ इस्लामक बाद तेसर सभसँ पैघ धर्म अछि। एहि तरहेँ देखल जाए त’ पोपक दौरा भारतके लेल अत्यंत महत्वूर्ण सिद्ध भ’ सकैत अछि। देशक ईसाई समुदाय विगत कएक वर्षसँ एहि अवसरक प्रतीक्षामे अछि। आब जौं पीएम मोदीक ई प्रयास सार्थक सिद्ध होइत अछि त’ ई हुनकर एकटा महत्वपूर्ण सफलता मानल जाएत। देशमे बेसीकाल चर्च आ पादरी सभ पर धर्मांतरणक आरोप लगाओल जाइत अछि त’ निश्चित रूपसँ पोपक भारत यात्रा, एहि अवधारणा पर विराम लगाओत। भारत आई वैश्विक मंच पर अप्पन मजबूत उपस्थिति दर्ज करा रहल अछि, हर देश भारतक संग संबंध स्थापित करबाक लेल तत्पर अछि। त’ पोपक भारत यात्रा, देशक वैश्विक छविके आओर बेसी मजबूत करत। एहि सभक अतिरिक्त देशक किछु राज्य जेना, केरल, गोवा संगहि तमाम पुर्वोत्तरक राज्यमे भाजपाके स्थापित करबामे सेहो सहायक सिद्ध होयत, इहो तय अछि।

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