जनसरोकार

मैथिल पुनर्जागरण प्रकाश फोरम केर पटनाक बैसारमे लेल गेल जनोपयोगी निर्णय

पटना
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दिनांक ३० जून, २०२४ रविकेँ पटनामे देवराहा निवासमे ‘मैथिल पुनर्जागरण प्रकाश फोरम’ केर बैसार प्रख्यात शिक्षाविद डॉ. विनय कर्णक अध्यक्षतामे अजय नाथ झा शास्त्री, कुमार प्रमोद चन्द्र, सुमित सौरभ, अमृता शाम्भवी, जगन्नाथ, गौतम कुमार, डॉ. आशुतोष सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति सभक उपस्थितिमे आयोजित भेल, जाहिमे विभिन्न बिंदु पर विस्तृत चर्चा भेल।

बैसारमे नाशिकसँ पहुँचल अजय नाथ झा शास्त्री फोरमक आवश्यकता आ एकर कार्ययोजना पर विस्तृत प्रकाश देलनि आ कहलनि जे सभसँ पहिने हमरा सभकेँ मातृभाषा मैथिली केर बचेबाक अछि, ओना उपर-उपर देखबामे ई आबि रहल अछि जे मैथिली खुब नीक जँका विद्यमान अछि, मुदा वास्तविकता एकदम भिन्न अछि, आ जँ वास्तविक रुपसँ चेतल नहिं गेल तऽ अधिकाधिक पचास वर्षमे मैथिली पुस्तकालयक धरोहर आ इतिहासक अंश बनि जाएत, तेँ एकरा बचायब अत्यंत आवश्यक अछि आ एहि लेल अनेक तरहक चरणबद्ध जन जागरण अभियान चलेबाक आवश्यकता छैक।

फलतः विस्तृत विचार विमर्शक बाद मैथिल पुनर्जागरण प्रकाश फोरम निम्नांकित किछु महत्वपूर्ण कार्य योजना निर्धारित कयलक अछि।

०१) मैथिली प्रशिक्षण अभियान : मधुबनीमे मैथिली (देवनागरी) कंप्यूटर टंकन (टाइपिंग) हेतु निःशुल्क प्रशिक्षण कार्यक्रम।

०२) मिथिलाक्षरीकरण अभियान : धरातल पर सर्वत्र सार्वजनिक स्थल, विभागीय कार्यालय, विद्यालय आदिमे मिथिलाक्षरमे बोर्ड, नामपट्ट आदि मिथिलाक्षरमे लगेबाक कार्य, अर्थात मिथिलाक्षरीकरणक काज निर्धारित भेल।

०३) प्राथमिकतामे मैथिली अभियान : विद्यालयमे प्राथमिक वर्गक शिक्षाक माध्यम मैथिली भाषा करबाक लेल जन-जागरूकता चलाबए हेतु ग्राम, प्रखंड एवं जिला स्तर पर पदाधिकारीगणकेँ ज्ञापन देबय केर अभियान

०४) सांस्कृतिक पुनर्जागरण अभियान : मिथिलाक धरोहरक संरक्षण हेतु सांस्कृतिक पुनर्जागरण अभियान।

०५) पटनामे फोरमक कार्पोरेट कार्यालय : मिथिला-मैथिलीक पुनर्जागरणक लेल सांगठनिक जुटान एवं विभिन्न कार्यक्रमक संचालन हेतु पटनामे मैथिल पुनर्जागरण प्रकाशक कॉर्पोरेट कार्यालयक स्थापना।

०६) फोरम सांगठनिक ईकाईक धरोहर आजीवन सदस्य अभियान : मैथिल पुनर्जागरण प्रकाश फोरमक सांगठनिक इकाईक विस्तारक चर्चा भेल जाहिमे एकर ‘धरोहर आजीवन सदस्य’क बारेमे विस्तार पूर्वक बताओल गेल आ कृयान्वयन प्रयास लेल काज करय केर निर्णय भेल।

आओर बहुत रास चर्चा भेल एवं बहुत रास विन्दु आगुक चर्चाक लेल राखल गेल। कुमार प्रमोद चंद्र कहलनि जे सभ विन्दु पर योजनाबद्ध तरीकासँ लगातार काज करय केर आवश्यकता छैक, युवा वर्गकेँ जोड़य केर आवश्यकता छैक, सभ जाति-वर्ण-धर्मक लोककेँ जोड़य केर आवश्यकता छैक।

अध्यक्षीय संबोधनमे डाॅ विनय कर्ण कहलनि जे सभटा विमर्श अत्यंत महत्वपूर्ण भेल अछि, बस आवश्यकता छैक एकर वास्तविक ढ़ंगसँ कृयान्वयनक आ ताहि लेल इहो आवश्यकता अछि जे मैथिलीक महत्ता आ मैथिलीसँ होबयवाला लाभ, रोजगार आ कोना मात्र मैथिलीक व्यवहारसँ सभ किछु हमरा लोकनि अपन मिथिलेमे पाबि सकैत छी, कोना पलायन रूकि सकैत अछि, ई सभ बात बतेबाक आवश्यकता छैक।

एहि अवसर पर डॉ. विनय कर्ण द्वारा निर्मित, रमेशा के. भारती द्वारा निर्देशित एवं मिथिलाक कलाकार अभिनीत “गोस्वामी लक्ष्मीनाथ परमहंस – मिथिला के अद्भुत संत” वृत्तचित्रक प्रदर्शन / प्रीमियर सेहो भेल आ से देखलाक बाद शास्त्री अत्यंत उत्साहित भेलाह आ कहलनि जे एहिसँ बहुत प्रेरणा भेटल आ सांस्कृतिक पुनर्जागरणक लेल एहि तरहक वृत्ति चित्रक प्रसार हेबाक चाही आ एहिना मिथिलाक अनेक संत सभ पर एहि तरहक वृत्त चित्र बनय केर चाही।

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