अजय नाथ झा ‘शास्त्री’
संस्थापक : मिथिलाक्षर साक्षरता अभियान
प्रकाशक/संपादक : मैथिल पुनर्जागरण प्रकाश (राष्ट्रीय मैथिली दैनिक)
प्रबंध निदेशक : मैथिल पुनर्जागरण प्रकाश फोरम
अभियान परिचयमे अभियानक प्रारंभिक परिचय देल गेल। आब अभियानक *पाठ्यक्रम परिचय* प्रस्तुत कs रहल छी।
१) सबसँ पहिने एहि निःशुल्क अभियानमे कोना प्रवेश करी आ केना एकर संचालन होइत छैक से जानू।
विभिन्न संचार स्रोत, जेनाकि व्हाट्सएप, फेसबुक, निज संपर्क क्षेत्र आदिक माध्यमसँ अभियानीगण मिथिलावासीकेँ मिथिलाक्षर सिखय केर लेल आह्वान ओ प्रेरित करैत छथि। ओतय हुनका सभकेँ निःशुल्क मिथिलाक्षर सिखय केर लेल आह्वान कयल जाइत अछि।अभियानीगण सबहक व्हाट्सएप नंबर माँगैत छथि आ प्राप्त नंबर सभकेँ अपना लग सूची बना कs रखैत छथि।
तत्पश्चात विशेष कार्यकारिणी सदस्य द्वारा हुनका सभकेँ चयन समूहमे जोड़ल जाइत अछि।अभियानमे ७-८ टा चयन समूह अछि जाहि ठाम महिनाक क्रमशः १ , ८ ,१५ एवं २२ तारीख कs नवीन बैच शुरू होइत छैक। प्रति सप्ताह सभ चयन समूह पर लगभग औसत हजार लोक तककेँ जोड़ल जाइत अछि, मुदा एखन औसत मात्र १०-१५% लोक अभ्यास शुरू करैत छथि। हालाँकि ई औसत आब धीरे-धीरे बढ़ि रहल अछि।
१००० जँ मानू चयन पर जुड़लथि आ ओहिमे सँ १५० अभ्यासार्थी चयन समूह पर अभ्यास शुरू कयलनि तऽ हुनके आगूक सिखय लेल चयन कयल जाइत अछि आ पुनः हिनका लोकनिकेँ त्रैमासिक कोर्सक मुख्य समूहमे जोड़ल जाइत अछि आ बाँचल ८५० लोकनिसँ विदा लs लेल जाइत अछि, मुदा हिनको सभक लेल पुनः अपन ईच्छानुसार सिखय लेल आगुक चयन प्रक्रियामे आबय केर द्वार खुजल रहैत अछि, चयन प्रक्रिया प्रति सप्ताह होइत छैक।
२) आब आगू : “वर्तमानमे त्रैमासिक कोर्सक लेल पुरुष वर्गक 32 टा समूह एवं स्त्री वर्गक लेल 23 टा समूहमे मिथिलाक्षर सिखेनाई केर काज चलि रहल छैक। जाहि ठाम चयन समूहसँ आयल प्रायः १५० अभ्यासार्थीमे सँ आगूक चरण सभ जतेक गोटे पार कs पाबैत छथि, ततबे गोटे उतीर्ण भs अर्थात मिथिलाक्षर प्रवीण भs निकलैत छथि। तेँ एहि अभियानक प्रसिद्ध ओ चर्चित एकटा पदावली छैक – “खखरीसँ बिछय धान। मिथिलाक्षर साक्षरता अभियान।।”
अभियानक कुल ५५टा समूह ,चयन समूह आ त्रैमासिक कोर्सक समूह केर पाठशाला कहल जाइत छैक, जाहि ठाम अनुशासित रहब परम आवश्यक होइत छैक आ अभ्यासार्थी अभ्यास केर छोड़ि अन्य कोनो तरहक पोस्ट या गपशप पर सख्त मनाही छैक। त्रैमासिक कोर्समे ३ टा वर्ग होइत अछि आ तीनू वर्गक परीक्षा कमसँ कम ७०% सँ उत्तीर्ण केलाक उपरांते अभ्यासार्थी प्रवीण बनैत छथि।
मिथिलाक्षर प्रवीण भेलाक उपरांत *मैथिल पुनर्जागरण प्रकाश (रजिस्टर्ड)* त्रैमासिक पत्रिका जकर ई उपक्रम अछि, ताहि केर माध्यमसँ ‘मिथिलाक्षर प्रवीण’ केर प्रमाणपत्र देल जाइत छैक। पत्रिकामे (आब अखबारोमे) फोटोक संग नाम-नंबर प्रायः प्रकाशित होइत छैक। सम्मान समारोहमे सम्मानित कयल जाइत छैक।अभियानमे जुड़ि आओर बहुत अवसर सभ भेटैत छैक। सभसँ बेसी मिथिलाक सेवा करय केर अवसर भेटैत छैक,जकर आनंदानुभूति कहल नहिं जाय।
३) आब त्रैमासिक कोर्सक – वर्ग, पाठ्यक्रम, ओ अभियानक प्रसारक आगूक गतिविधि जानू , ताकि एहि अभियानक विषय वस्तु जानि सकी आ प्रेरित होई संगहि मिथिलाक्षरक उत्थानक दिस अपन डेग बढ़ा सकी।
त्रैमासिक कोर्समे 3 टा वर्ग क्रमशः , प्राथमिक वर्ग, द्वितीय वर्ग एवं उच्च वर्ग होइत छैक।
प्राथमिक वर्गमे *मिथिलाक्षरक पूरा वर्णमाला* केर अभ्यास कराओल जाइत छैक, अर्थात स्वर आ व्यंजन वर्ण बताओल जाइत छैक। अभ्यासक लेल वर्णक छवि आ वीडियो केर लिंक देल जाइत छैक जाहिमे बहुत सुगम तरीकासँ कोना लिखी से समझाओल गेल छैक। पुनः चौबीसों घंटा कोनो ने कोनो मार्गदर्शक तत्पर रहैत छथि मार्गदर्शनक लेल। सतत तीन महिनाक तीनू वर्गमे प्रायः ई सब सुविधा उपलब्ध छैक। प्रथम वर्गक पूरा प्रकरण प्रायः १४ दिनक होइत अछि एवं ७ टा विडियो एहि वर्गक लेल बनाओल गेल अछि, जकर उपयोग होइत छैक। तत्पश्चात परीक्षा होइत छैक आ परीक्षामे जे उतीर्ण होइत छथि, से द्वितीय वर्गमे प्रवेश करैत छथि।
द्वितीय वर्गमे *मात्राक अभ्यास* कराओल जाइत अछि। मिथिलाक्षरक मात्रा देवनागरीक मात्रासँ बहुत भिन्न होइत अछि। किछु -किछु मात्रा अलग-अलग अक्षरमे अलग-अलग तरहसँ लागैत छैक। किछु अक्षरमे मात्रा लगेलासँ ओकर रूपे परिवर्तित भs जाइत छैक, अर्थात थोड़ेक विशिष्टता छैक मुदा अभ्यास ततेक सहज ढंगसँ कराओल जाइत छैक जे सबटा आसान भs जाइत छैक। एहि वर्गमे अंक लेखन सेहो सिखाओल जाइत अछि। द्वितीय वर्गक प्रकरण सेहो १४ दिनक अछि आ अभ्यासक लेल ८ टा विडियो बनाओल गेल अछि। तत्पश्चात परीक्षा होइत छैक एवं उतीर्ण अभ्यासार्थी उच्च वर्गमे प्रवेश करैत छथि। अनुतीर्णक लेल अवसर बनल रहैत छनि आ हुनका इच्छानुसार जतय द्वितीय वर्गक अभ्यास चलैत रहैत छैक ओतय पुनः जोड़ि देल जाइत छनि।
उच्च वर्गमे *संयुक्ताक्षरक अभ्यास* विस्तृत रुपसँ होइत छैक। मिथिलाक्षरक संयुक्ताक्षर अति विशिष्ट छैक, कतेको संयुक्ताक्षरमे रूप परिवर्तित भऽ जाइत छैक, ताहि लs कs थोड़े बेसी अभ्यास करय पड़ैत छैक आ पूरा उच्च वर्गक अभ्यास प्रायः ५७ दिनक होइत अछि, जाहि लेल ४० टा विडियो बनाओल गेल अछि , जाहिमे एतेक आसान तरीका अपनाओल गेल अछि जे अभ्यासार्थी सभ हँसैत-खेलाइत सिखि जाइत छथि।
पुनः उच्च वर्गक निर्णायक परीक्षा होइत छैक, एहिमे उत्तीर्ण भेलाक बाद अभ्यासार्थी “मिथिलाक्षर प्रवीण” होइत छथि आ प्रमाणपत्र ओ अन्य सम्मानक अधिकारी होइत छथि आ आब ओ *मिथिलाक्षर साक्षरता अभियानी* सेहो भs जाइत छथि।
४) आब मिथिलाक्षर प्रवीण भेलाक बाद एकटा अभियानीक रूपमे प्रवीण लोकनिक यात्रा कोना बढ़ैत छनिसे संक्षिप्तमे जानल जाउ।
प्रवीण भेलाक बाद एकटा अभियानीक रूपमे प्रवीण लोकनिकेँ मुख्य मार्गदर्शक समूहमे आनल जाइत छनि जाहिमे रहब अभियानीकेँ अनिवार्य मानल जाइत अछि। पुनः लिखना वाला अभ्यास समूहमे जोड़ल जाइत छनि, जतय ओ लोकनि स्वेच्छापूर्वक अभ्यास करैत छथि आ एक-दोसरक अभ्यासक सौहार्दपूर्ण वातावरणमे जाँच सेहो करैत छथि जाहिसँ सभ गोटेमे निखार आबि जाइत छनि, संगहि नव-नव ज्ञान ग्रहण करैत रहैत छथि आ अभ्यस्त होइत रहैत छथि। एहि केर अतिरिक्त शोध समूह सेहो होइत अछि, जाहिमे पांडुलिपि, शिलालेख ,अभिलेख, मिथिलाक्षरमे लिखल पोथी आदि सभक पढ़य केर अभ्यास होइत छैक जाहिमे शोधक इच्छा राखयवाला शोधार्थी सभ मात्र प्रवेश करैत छथि। कोनो प्रकारक मिथिलाक्षरक पांडुलिपि वा शिलालेख आदि पर लिखल , प्राचीन पोथी वा पुर्वज द्वारा मिथिलाक्षरमे लिखल, जे किछु उपलब्ध होइत छैक शोध समूहक अभियानीगण पढ़य केर प्रयास कय पढ़ि रहल छथि ।
आब अभियानक एकटा परिकल्पना कहैत छी : पहिने विद्यागारा मिथिलामे गुरुकुलक एकटा परम्परा छल जाहिमे, जे कियो शिष्यकेँ शिक्षा दैत छलखिन्ह से उपाध्याय कहबैत छलाह। उपाध्यायक शिष्य जखनि अपन शिष्यकेँ शिक्षा देबय लगैत छलाह तs उपाध्याय, “महोपाध्याय” भs जाइत छलाह एवं उपाध्यायक शिष्यक शिष्य जखैन शिक्षा देबय लगैत छलखिन तखनि महोपाध्याय “महामहोपाध्याय” भs जाइत छलाह।
तs एतय चूँकि हमरा लोकनि मात्र अक्षर सिखि रहल छी, तेँ ताहि तरहक उपमा ठीक नहिं हेतैक। फलतः एतय ताहि केर तर्ज पर अभियान किछु एहि तरहक विधान ओ पद रखने अछि।
मुदा अभियानीगणक स्वेच्छा आ स्वरूचि पर सबटा निर्भर छनि, एतय कोनो दबाव वा बाध्यता नहिं रहैत छैक, सबटा नियम आ सिद्धांत बनल छैक आ तदनुरूप स्वतः सबटा होइत छैक।
मार्गदर्शकक चयन हेतु प्रक्रिया बनल छैक। सभसँ पहिने मार्गदर्शक समूह पर प्रवीण लोकनिकेँ सक्रिय मार्गदर्शनमे आबय केर आग्रह होइत छनि।जे सहमति दैत छथि से एकटा चयन प्रक्रियासँ गुजरि कs चयनित होइत छथि, अर्थात प्रशिक्षणक बाद हुनका अभ्यासार्थी सबहक मार्गदर्शनक लेल सक्रिय मार्गदर्शक समूहमे जोड़लाक बाद कोनो अभ्यासार्थी समूह पर भेजल जाइत छनि, जतय ओ मार्गदर्शन करैत, क्रमशः निर्देशक आ अभियानक सर्वोच्च पद संरक्षक तकक यात्रा पूरा करैत अभियानक शोभा बनि जाइत छथि। सक्रियता, अनुशासन, नियम ओ सिद्धान्तक प्रति प्रतिबद्धता, स्वाभिमान , स्वरुचि , स्वेच्छा, कर्तव्यनिष्ठा , संयम , सहनशीलता, ससमय योग्य निर्णय लेबाक क्षमता , वरिष्ठक प्रति सम्मान आदि मुख्य मापदंड बनाओल गेल छैक।
अभियानमे मूल रुपसँ कुल ५ टा प्रमाण पत्र देबाक विधान छैक, प्रवीण लोकनिकेँ, मार्गदर्शकगणकेँ, निर्देशकगणकेँ, संरक्षकगणकेँ आ उत्कृष्ट सेवाक लेल अर्थात उत्कृष्ट अभियानीक लेल। आ प्रायः तीन-चारि महीना पर कतौह ने कतौह सम्मान समारोह होइते छैक, ततय सभ गोटे सम्मानित होइत छथि।
आय अभियानमे धरातल मिथिला एवं देश-विदेश सबठामसँ मिथिलावासी प्रायः सभ जाति-पाति, वर्ण-धर्मक जुड़ल छथि, साधारणसँ लऽ कऽ प्रायः प्रत्येक विशिष्ट क्षेत्रक मिथिलावासी एतय छथि, अभियान सभकें समान दृष्टिसँ देखैत अछि ।
अभियानक पाठ्यक्रमक आधार पर तीनू वर्गक लेल क्रमशः तीन टा मिथिलाक्षर पोथी श्रृंखलामे प्रकाशित होयब योजित अछि , जाहिमे प्रथम *”वर्णमाला परिचय”* प्रकाशित भऽ चुकल अछि , बाकी दू टा *मात्रा ज्ञान* एवं *संयुक्ताक्षर ज्ञान* प्रकृयामे अछि। यद्यपि मैथिल पुनर्जागरण प्रकाश (रजि.) पत्रिकाक एकटा अंकमे संयुक्त रुपसँ तीनू वर्गक ज्ञानक लेल सबटा प्रकाशित भऽ गेल अछि, मुदा निर्णय लेल गेल जे आओर अधिक परिमार्जित ओ आकर्षक रुपमे श्रृंखलामे अलग-अलग पोथी निकालल जाय, जे आशानुरूप श्रृंखलाक पहिले पोथी आकर्षणक केंद्र बनल , जे देखैत छथि सराहैत छथि, अनेको मंत्री, उपमुख्यमंत्री आ विधायक गण तक ई पोथी पहुंच गेल अछि आ हुनकर सबहक सराहना प्राप्त भेल अछि, श्रृंखलाक बाकी दुनू पोथी शिघ्र प्रकाशनक प्रकृयामे अछि।
अभियानक अपन वेवसाईट छैक जाहि केर माध्यमसँ सेहो मिथिलाक्षरक प्रसार भऽ रहल अछि । कोरोनाकालमे २०२० केर स्थापना दिवस समारोह सेहो आनेलाईन भेलै, पाक्षिक समारोह वृद्धिक संग १८ दिन तक चलल आ सर्वत्र चर्चामे रहल। मिथिलाक्षरसँ संबंधित कोनो प्रकारक समस्याक समाधानक एखनि क्षमता रखैत अछि मिथिलाक्षर साक्षरता अभियान, सरकार मात्र अनुमति देत तऽ एक आदेश पर सबतरहक समाधानक लेल कतौह कोनो क्षण प्रस्तुत अछि , ई भरोसा साहित्य अकादमीकेँ सेहो दियाओल गेल अछि, कारण सरकार तक पहुंचक राह बनबयमे साहित्य अकादमी संजीवनी सिद्ध भऽ सकैछ।