मिथिलाक्षर दिवस (०९ अक्टूबर) सोल्लासपूर्वक मिथिला सहित देश-दुनियामे मनाओल गेल
मिथिलाक्षर दिवस (०९ अक्टूबर) सोल्लासपूर्वक मिथिला सहित देश-दुनियामे मनाओल गेल
#MithilaksharDiwas ट्रेंड एक्स पर सराहनीय रहल
‘मिथिलाक्षर दिवस (०९ अक्टूबर) केर जानकारी दैत ‘मिथिलाक्षर साक्षरता अभियान’क संस्थापक अजय नाथ झा शास्त्री शोसल साइट्स पर लिखलन्हि, “अदौ कालसँ मिथिला क्षेत्र भाषा-लिपि, संस्कार-संस्कृति आदि सभ तरहसँ स्वयं सुसम्पन्न छल। मिथिलाक अपन लिपि छैक मिथिलाक्षर, मुदा दुर्भाग्यवश ई मिथिलाक्षर मिथिलावासीक लेल लुप्तप्राय भऽ गेल छल, जखनि कि बंगाल, आसाम एही मिथिलाक्षर केर अपना लिपिवाला कहाय लागल।
यद्यपि नागरी व देवनागरी लिपिक प्रभाव मिथिलामे उन्नैसम शताब्दी तक प्रायः नहिंये केर बराबर छल, तथापि कहल ई जाईछ जे १८६० ईस्वीसँ देवनागरी लिपि मिथिलामे दरवाजा खटखटा देने छल। बीसम शताब्दी मिथिलाक्षरक लेल अंधकारमय रहल आ धीरे-धीरे मिथिलाक्षर लुप्तप्राय भऽ गेल, एकर कारण जे होय, तकर चर्चा बादक विषय। तऽ मिथिलाक्षरक कहानी प्रायः समाप्ते जँका भऽ गेल छलै, नामित सर्वे एजेंसी मिथिलाक्षर केर सेहो लुप्त लिपिक श्रेणीमे डालि देने छल, मुदा एक्कैसम शताब्दीमे मिथिलाक्षरक पुनः उदय चमत्कारीक ढ़ंगसँ मिथिलाक्षर साक्षरता अभियान कय देलक आ क्रांति आनि देलक।
‘०९ अक्टूबर मिथिलाक्षर दिवस’ केर रुपमे मनाओल जाइत अछि। मिथिलाक्षर विलुप्तप्राय भऽ गेलाक बाद, मिथिलाक्षर साक्षरता अभियान एकरा पुनर्स्थापित कयलक, फलतः मिथिलाक्षर साक्षरता अभियान, जकर आह्वान जनवरी २०१३ इस्वीमे त्रैमासिक पत्रिका मैथिल पुनर्जागरण प्रकाशक प्रथम अंकक संग भेल आ ‘०९ अक्टूबर २०१४ इस्वी’ कऽ स्थापना भेल, फलतः ई स्थापना दिवस विगत बारह वर्षसँ ‘मिथिलाक्षर दिवसक रुपमे मनाओल जाय लागल।”
एहि बेरक ‘मिथिलाक्षर दिवस’ सेहो सभठामक अभियानीगण हर्षोल्लासक संग बृहस्पतिकेँ मनौलनि। ज्ञातव्य जे मिथिलाक्षर साक्षरता अभियानी भारतक तीसो जिलावाला मिथिला क्षेत्र, एवं विभिन्न शहर-नगर-महानगर आ तहिना नेपाल सहित प्रायः २५ टा देशमे छथि आ सभठामसँ ‘मिथिलाक्षर दिवसोत्सव’ मनाबय केर जानकारी प्राप्त भेल। संगहि तकर दीपोत्सव सहित भांति-भांतिक विडियो एवं छायाचित्र सेहो प्राप्त भेल अछि।
तहिना ‘मिथिलाक्षर दिवस (०९ अक्टूबर)’ पर बृहस्पतिकेँ रात्रि ०८:०० बजेसँ १०:०० बजे धरि मिथिला-मैथिलीक अनेक मुद्दा #MithilaksharDiwas केर माध्यमसँ एक्स पर ट्रेंड करैत रहल। जाहिमे मिथिलावासीक जागरूकता सराहनीय रहल।
ट्रेंडक माध्यमसँ ‘मिथिलाक पहिचान मिथिलाक्षर निशान’क मुद्दा, तीसो जिलावाला मिथिलाक विद्यालयमे ‘प्राथमिक वर्गक पढ़ौनीक माध्यम मैथिली’क मुद्दा, ‘मैथिली केर शास्त्रीय भाषाक दर्जा’ देबय केर मुद्दा, ‘मैथिली पत्र-पत्रिका केर सेहो राजकीय सहयोग भेटय’ केर मुद्दा, ‘शत-प्रतिशत शिक्षा’ सुनिश्चित करय केर मुद्दा आदि अनेक मुद्दा एक्स पर ट्वीट केर माध्यमसँ छाओल रहल।
मिथिलाक्षर साक्षरता अभियानक संस्थापक अजय नाथ झा शास्त्री कहलनि, “समीक्षात्मक दृष्टिकोणसँ मिथिलावासीक उत्साह केर जतेक प्रसंशा कयल जाय से कम होयत। मिथिलाक्षर साक्षरता अभियानी मिथिलाक्षरकेँ व्यवहार पथ पर प्रायः आनि देलनि आ आइ मिथिलावासी जखनि दिवस विशेष पर एहि तरहसँ उत्साह देखबैत छथि, तऽ थोड़ेक करेज केर ठंढ़क अवश्य पहुँचैत छैक। ‘थोड़ेक’ एहि लेल कहलौंह की मिथिला-मैथिलीक विशाल लक्ष्य अछि आ बहुत रास काज एखनि बाकी अछि।”
ओ आगू कहलनि जे मिथिलाक्षर दिवसक एहि ट्रेंडक लेल मिथिलावासी समेत समस्त अभियानीगण वंदनीय छथि, अभिनंदनीय छथि।
शास्त्री आगू समस्त मिथिलावासीसँ आह्वान कयलनि कि, २०१३ इस्वीसँ त्रैमासिक पत्रिका ‘मैथिल पुनर्जागरण प्रकाश’क माध्यमसँ शुरू भेल पुनर्जागरण यात्रा आइ दुटा असंभव सन काज ‘मिथिलाक्षरक उदय’ आ मैथिली अखबार ‘मैथिल पुनर्जागरण प्रकाश राष्ट्रीय मैथिली दैनिक’ पटल पर राखैत मिथिलाक अस्तित्व संरक्षणार्थ आर अनेक उपक्रम पटल पर गतिमान कयने अछि आ सभटा काजकेँ एकठाम “मैथिल पुनर्जागरण प्रकाश फोरम (रजि.)” मे समेटबाक प्रयास कयल गेल छैक, एहि फोरममे एहेन साधन सभ छै जाहि माध्यमसँ विभिन्न प्रकारसँ मिथिलावासी जुड़ि सकैत छथि, तऽ मिथिलाक अस्तित्वक संरक्षणक लेल समस्त मिथिलावासी एहि फोरमसँ जुड़ी, से निवेदन करैत छी। एहि लेल 7480018873 पर संपर्क कयल जा सकैछ।”