विश्व स्तर पर मानव जीवनक कल्याण लेल जल स्रोतकें सुरक्षित करबा आ ग्लेशियर केर बचेबा लेल ग्लोबल वार्मिंग केर नियंत्रित करब अत्यंत आवश्यक अछि। ई गप्प बीआईटी, मेसरा केर रसायन शास्त्र विभागाध्यक्ष डॉ सुमित मिश्रा बतौर मुख्य वक्ता शनिदिन पीजी रसायन शास्त्र विभाग एवं डॉ प्रभात दास फाउंडेशनक संयुक्त तत्वावधानमे आयोजित सेमिनार सह वेबिनार केर संबोधित करैत कहलनि। ओ कहलनि जे जलवायु परिवर्तनक गतिकें कम करबा लेल ग्रीन हाउस गैसक उत्सर्जन केर कम करय पड़त।
विश्व जल दिवसक वर्ष 2025 केर थीम ‘ग्लेशियर संरक्षण’ पर अपन विचार रखैत ओ कहलनि जे जँ तेसर विश्व युद्ध भेल त’ ओ निश्चित रूप सँ पानि लेल होयत। एहेन स्थितिसँ बचबा लेल ग्लेशियर, जे पीबा योग्य मीठ पानि केर भंडारक रूपमे धरती केर एकटा धरोहरि अछि। ओकरा सुरक्षित आ संरक्षित राखब हमरा लोकनिक मूलभूत कर्त्तव्य अछि। ग्लेशियर कें बचेबा आ विभिन्न जल स्रोत कें सुरक्षित रखबा लेल ग्लोबल वार्मिंग कें नियंत्रित करब, पर्याप्त वृक्षारोपण करब, पारिस्थितिकी संतुलन केर नियंत्रण करब, स्थानीय आ वैश्विक स्तर पर जागरूकता पसारब, वैज्ञानिक अनुसंधान एवं तकनीकी उपायकें व्यवहारिक रूप देल जायब आवश्यक अछि।
सेमिनारक अध्यक्षता ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालयक विज्ञान संकायाध्यक्ष सह पीजी रसायन विभागाध्यक्ष प्रो दिलीप कुमार चौधरी कयलनि। अपन अध्यक्षीय संबोधनमे ओ कहलनि जे हिमालयी क्षेत्रमे अनियंत्रित पर्यटन केर बढ़ावा देल जायब खतरनाक अछि। वन-झाँखुड़ केर अंधा-धुंध कटाई करब जलवायु केर अनियंत्रित परिवर्तनक एकटा मुख्य कारण अछि। ग्लेशियर केर घमलासँ समुद्रक जल स्तर बढ़ब अवश्यंभावी अछि, जाहिसँ तटीय कटाव आ अन्हर-बिहारिक खतरा बनल रहैत अछि। एहिसँ बचबा लेल ओ ग्लेशियर-आधारित नदी आ जलग्रहण क्षेत्रक रक्षा करबाक जरूरति पर बल देलनि।
अपन संबोधनमे प्रो चौधरी बिहार दिवसक चर्चा करैत कहलनि जे बिहार सदतिसँ ज्ञान, विज्ञान आ अनुसंधानक संग संस्कार आ संस्कृतिक केंद्र रहल अछि। वर्तमानमे केंद्र आ राज्यक सरकार बिहारक विकासकें अभूतपूर्व गतिशीलता प्रदान कयलनि अछि। मौका पर उपस्थित लोक बिहारकें उन्नति केर बाट पर अग्रसर करबामे सहभागी बनबाक संकल्प लेलनि।
मौका पर विश्व जल दिवसक उपलक्ष्यमे बीतल 18 आ 19 मार्चकें विभागीय स्तर पर आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताक परिणाम घोषित कयल गेल।
भाषण प्रतियोगितामे आलोक रंजन, प्रिया कुमारी आ शिल्पा कुमारी, वाद-विवाद प्रतियोगितामे आलोक रंजन, अनीश आ प्रिया कुमारी तथा पोस्टर प्रजेंटेशनमे प्रिया कुमारी, शाहिदा मुनीरा फातमा व शिल्पा कुमारीकें क्रमशः प्रथम, द्वितीय आ तृतीय पुरस्कार प्रदान कयल गेलनि। अतिथि लोकनिक स्वागत विभागक वरीय शिक्षक प्रो संजय कुमार चौधरी कयलनि।
डॉ विकास कुमार सोनू केर संचालनमे आयोजित कार्यक्रममे धन्यवाद ज्ञापन डॉ सोनू रामशंकर कयलनि। संगोष्ठीमे डॉ आकांक्षा उपाध्याय, डॉ अभिषेक राय, शशि शेखर झा सहित फाउंडेशन केर मुकेश कुमार झा आ वनस्पति विज्ञान विभाग केर डॉ अंकित कुमार सिंहक उल्लेखनीय उपस्थिति रहलनि।