विदेश मंत्री एस जयशंकर मंगलदिन कहलनि जे भारत-चीन संबंध जे २०२० सँ असामान्य छल, आब किछु सुधारक दिसि बढ़ि रहल अछि। लोकसभामे “चीनक सङ्ग भारतक सम्बन्धमे हालक घटनाक्रम” विषयपर वक्तव्य दैत विदेश मंत्री भारत-चीन सम्बन्धमे हालक घटनाक्रम, विशेष रूपसँ सीमावर्ती क्षेत्रमे विस्तृत जानकारी देलनि।
लोकसभामे जयशंकर कहलनि, “हमर (भारत-चीन) सम्बन्ध २०२० सँ असामान्य भऽ गेल जखन चीनी कारवाईक परिणामस्वरूप सीमावर्ती क्षेत्रमे शान्ति आ स्थिरता बाधित भेल। हालक घटनाक्रम, जे तहियासँ हमर निरंतर कूटनीतिक जुड़ावकेँ प्रतिबिम्बित करैत अछि, हमर सम्बन्धकेँ किछु सुधारक दिस अग्रसर कयलक अछि।”
अक्टूबरमे भारत आ चीनक बीच सीमा पर सैनिकक वापसी पर समझौता भेल छल।
जयशंकर कहलनि, “सीमावर्ती क्षेत्रमे शान्ति आ सौहार्दक अभावमे भारत-चीन सम्बन्धकेँ सामान्य नहि कयल जा सकैत अछि। शेष सम्बन्धक निरंतरताक आधार शान्ति आ सद्भावक बहाली होयत।”
विदेशमंत्री कहलनि, “हम स्पष्ट छी जे सीमावर्ती क्षेत्रमे शान्ति आ सौहार्द कायम राखब हमर सम्बन्धक विकासक लेल एकटा शर्त अछि। आबयवला दिनमे हम सीमावर्ती क्षेत्रमे अपन गतिविधिक प्रभावी प्रबंधनक सङ्ग-सङ्ग तनाव कम करबा पर सेहो चर्चा करब। विदेश मंत्री वांग यीक सङ्ग हमर हालक बैसारमे हम सभ एहि बातपर सहमत भेलहुँ जे विशेष प्रतिनिधि आ विदेश सचिव स्तरक तंत्रक शीघ्र बैसार होयत।”
जयशंकर भारतक तीन प्रमुख सिद्धान्तक पुष्टि कयलनि – एलएसीक सख्त सम्मान आ अनुपालन, यथास्थितिमे एकतरफा परिवर्तन नहिं करब आ पछिला समझौताक अनुपालन करय पड़त। ओ कहलनि, “सीमावर्ती क्षेत्रक स्थितिपर मजबूत आ सैद्धांतिक रुख आ सम्बन्धक समग्र पक्षक प्रति स्पष्ट दृष्टिकोण पछिला चारि सालसँ चीनक सङ्ग हमर जुड़ावक आधार रहल अछि।”
२१ अक्टूबरकेँ भारत चीनक सङ्ग सीमा समझौता पर पहुँचबाक घोषणा कयने छलौंह, जाहिसँ दीर्घकालिक गतिरोधक अन्त भेल।
अगिला दिन एहि सौदाक अनुमोदन करैत बीजिंग कहलक जे ओ “प्रासंगिक मामिला”क समाधान कऽ लेलक अछि आ ओ समझौताक शर्तसभकेँ लागू करबाक लेल नई दिल्लीक संग मिलि काज करत।