मॉर्गन स्टेनली घोषणा कयलनि अछि जे एमएससीआई इमर्जिंग मार्केट्स इन्वेस्टेबल इंडेक्स (एमएससीआई ईएम-आईएमआई) मे भारत अपन भारित मूल्यक मामिलामे चीनकेँ पछाड़ि देलक अछि। भारतमे आब एकर वजन २२.२७ प्रतिशत अछि, जे चीनक २१.५८ प्रतिशतसँ बेसी अछि।
एमएससीआई आईएमआईमे ३,३५५ शेयर शामिल अछि, जाहिमे पैघ, मध्यम आ स्मॉल-कैप कंपनी सम्मिलित अछि। सूचकांकमे उभरैत बाजारक संग २४ देशक शेयरकेँ शामिल कयल गेल अछि आ प्रत्येक देशमे निवेशकसभक लेल उपलब्ध लगभग ८५ प्रतिशत (फ्री फ्लोट एडजस्टेड) बाजार पूंजीकरणकेँ कवर करबाक लक्ष्य रखैत अछि।
जखनि कि मुख्य एमएससीआई ईएम सूचकांक (मानक सूचकांक) मे पैघ आ मिड-कैप कंपनी शामिल छैक, आईएमआई पैघ, मध्यम आ स्मॉल-कैप शेयरक संग व्यापक आधारित अछि। चीनक तुलनामे एमएससीआई आईएमआईमे भारतक वजन बेसी होयबाक कारण छोट-कैपक भारित क्षमता बेसी होयबाक कारण अछि।
विश्लेषकक अनुमानक अनुसार, एमएससीआई ईएम आईएमआईमे भेल एहि बदलावक बाद भारतीय इक्विटीमे लगभग ४ सँ ४.५ अरब अमेरिकी डॉलरक प्रवाह भऽ सकैत अछि। ई बदलाव भारतीय अर्थव्यवस्थाक मजबूत बुनियाद आ कॉर्पोरेटक उत्कृष्ट प्रदर्शनक कारण अछि।
एकर अतिरिक्त, भारतीय इक्विटी बाजारमे लाभक व्यापक आधार छैक, जे लार्ज-कैपक सङ्ग-सङ्ग मीडियम-कैप आ स्मॉल-कैप सूचकांकमे परिलक्षित होइत छैक। २०२४क आरम्भमे प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई)मे ४७ प्रतिशतक वृद्धि, कच्चा तेलक मूल्यमे गिरावट आ भारतीय ऋण बजारमे पर्याप्त विदेशी पोर्टफोलियो निवेश (एफपीआई) एहि सकारात्मक प्रवृत्तिमे योगदान देबयवला प्रमुख कारक सभमे सँ एक अछि।
आर्थिक वृद्धि आ विकासक लेल आवश्यक निवेशक गतिकेँ कायम रखबाक लेल भारतकेँ घरेलू आ विदेशी दुनू स्रोतसँ पूँजीक आवश्यकता अछि। एहि सन्दर्भमे वैश्विक ईएम सूचकांकमे भारतक वजनमे वृद्धिक सकारात्मक महत्व अछि।