अनुसूचित जाति आ अनुसूचित जनजाति (एससी/एसटी) सँ जुड़ल भारतीय जनता पार्टीक लगभग १०० सांसद शुक्रदिन संसद भवनमे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदीसँ भेंट कयलनि।
एहि बैसारक उद्देश्य एससी/एसटी कोटाक भीतर क्रीमी लेयरक कार्यान्वयनक संबंधमे सर्वोच्च न्यायालय द्वारा देल गेल निर्णयपर चर्चा करब छल। सांसद लोकनि प्रधानमंत्रीकेँ ज्ञापन सौंपि मांग कयलनि जे एहि निर्णयकेँ लागू नहिं कयल जाय।
सांसद लोकनि स्पष्ट कयलनि जे हुनकर विरोध उपवर्गीकरणक विरुद्ध नहिं बल्कि एससी/एसटी समुदायक लेल क्रीमी लेयर प्रावधानक विरुद्ध अछि। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एहि बैसारक विषयमे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एकटा पोस्ट साझा कयलनि आ आश्वासन देलनि जे एससी/एसटी समुदायक लेल क्रीमी लेयरक प्रावधान लागू नहिं कयल जायत।
उच्चतम न्यायालय पछिला सप्ताह अनुसूचित जाति आ अनुसूचित जनजातिक लेल अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति कोटाक उपवर्गीकरणकेँ मंजूरी देलक। न्यायालय कहने छल जे एससी/एसटी श्रेणीक भीतर नव उप-श्रेणी बनाओल जा सकैत अछि आ एकर अन्तर्गत सबसँ पिछड़ल तबकाकेँ अलगसँ आरक्षण देल जा सकैछ। सर्वोच्च न्यायालय इहो कहलक जे राज्य सरकार कोटाक भीतर कोटाक अनुमति दऽ सकैत अछि, मुदा हुनका ई सुनिश्चित करय पड़त जे ई निर्णय राजनीतिक महत्वाकांक्षाक आधार पर नहिं लेल जाय। जँ एहेन होइत अछि तँ निर्णयक न्यायिक समीक्षा कयल जा सकैत अछि।
सुप्रीम कोर्ट कहलक जे जँ कोनो राज्य सरकार कोटाक भीतर कोनो जातिकेँ कोटा दैत अछि तऽ ओहि राज्य सरकारकेँ साबित करय पड़त जे ई पिछड़ापनक आधार पर कयल गेल अछि। ई सेहो सुनिश्चित कयल जाय जे अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजातिक लेल कुल आरक्षणक १०० प्रतिशत कोनो एक श्रेणीकेँ नहिं देल जाय।
प्रधानमंत्रीक सङ्ग बैसारमे भाग लेनिहार सांसदलोकनि एहि बातपर जोर देलनि जे एससी/एसटी समुदायक लेल आरक्षणक उद्देश्य सामाजिक आ आर्थिक पिछड़ापन दूर करब अछि। जँ क्रीमी लेयरक प्रावधान लागू कयल जायत तँ ई ओहि लोकक लेल हानिकारक होयत जे एखनो समाजक हाशिया पर छथि। सांसद लोकनि एहि बातपर सेहो जोर देलनि जे अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति समुदायक लेल आरक्षणक उपयोग हुनक सामाजिक आ आर्थिक स्थितिमे सुधार लेल कयल जयबाक चाही, हुनका आओर विभाजित करबाक लेल नहिं।
बैसारक बाद प्रधानमंत्री मोदी एससी/एसटी समुदायक हितक रक्षाक लेल अपन प्रतिबद्धता व्यक्त कयलनि आ आश्वासन देलनि जे हुनकर सरकार एहि मुद्दा पर ध्यान देत। ओ कहलनि जे सरकार अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति समुदायक सङ्ग ठाढ़ अछि आ हुनक अधिकारक रक्षाक लेल हरसंभव प्रयास करत। एहि आश्वासनकेँ सांसद आ अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति समुदायक लेल अपन हितक रक्षामे आगू बढ़बाक लेल एकटा महत्वपूर्ण डेगक रूपमे देखल जा रहल अछि।