लोकसभामे विपक्षक नेता राहुल गांधी सोमदिन कहलनि जे हिंदुस्तानक सच्चाईक रक्षक संविधान छी। भगवान बुद्ध, गुरु नानक, कबीर एहेन कतेको महापुरुष छथि, जिनका हिंदुस्तान मानैत अछि। भीमराव अंबेडकर दलितक लड़ाई लड़लैन, मुदा ई हुनका दलिते सभ सिखौलक। ओ हुनकर पीड़ाकेँ बूझलाह आ तकर बाद हुनकर लड़ाई लड़लाह।
राहुल गांधी पटनामे संविधान सुरक्षा सम्मेलनकेँ संबोधित करैत कहलथि जे कांग्रेस पार्टीक जिम्मेदारी अछि कि जे गरीब व्यक्ति छथि, जे कमजोर व्यक्ति छथि, ईबीसी, ओबीसी, गरीब, दलित, एहि सभकेँ जोड़िकय, इज्जत दऽ केँ आगा बढ़ाबय। कांग्रेस पार्टीकेँ जतय जतेक गति आ मजबूतीसँ बिहारमे काज करबाक चाहैत छल, ओ नहि कएल गेल।
ओ कहलथि जे हम अपन गलतीसँ बुझि रहल छी आ आब हम बिना रुकने सम्पूर्ण शक्तिसँ बिहारक गरीब, कमजोर, ओबीसी, ईबीसी, दलित आ महादलितकेँ एक संग आगाँ बढ़ाएब।
ओ तेलंगाना केर जातीय गणनाकेँ पारदर्शी बताबैत कहलथि जे ओहिठाम जातिक पूरा डेटा हमर हाथमे अछि।बहुत तरहक लोक बहुत ढंगक बात करैत अछि जे जाति जनगणना नहि होयबाक चाहि, मुदा हम चाहैत छी जे देशभरिमे जातीय जनगणना होय।
ओ आरक्षणक संबंधमे कहलथि जे आइ तेलंगानामे देखब त’ ओतय बड़का कंपनीक मालिक, ओकर सीईओ, प्रबंधनमे ओबीसी, ईबीसी, दलित आ महादलितक लोक नहि भेटता, मुदा श्रमिक वर्गक सूचीमे इएह सभ भेटता।
ओ कहलथि जे हम 50 प्रतिशत आरक्षणक एहि देबालकेँ तोड़ि क’ फेंक देब। ई देश दस-पंद्रह लोक चलबैत अछि। जातीय जनगणना एकटा क्रांतिकारी कदम अछि, एहिसँ देशक सच्चाई पता चलत।
ओ एकटा आईआईटी प्रोफेसरक उदाहरण दैत कहलथि जे जँ अहाँ डॉक्टर, प्रोफेसर वा कोनो बड़का व्यक्ति बनि जाए, मुदा सिस्टम अहाँकेँ अहाँक काज सहीसँ नहि करय देत। जँ अहाँ डॉक्टर छी, दलित वर्गसँ आबैत छी आ कोनो अस्पताल खोलय चाही, त’ अहाँकेँ लोन नहि भेटत। बैंकसँ लोन भेटियो जायत त’ ब्यूरोक्रेट अड़ंगा लगा देत। ओ एहि सिस्टममे सुधारक आवश्यकता बतौलनि।
ओ कहलथि जे हम बिहारक चेहरा बदलय चाहैत छी। जे बिहारमे भेल अछि आ आइ जे आज बिहारमे भ’ रहल अछि, जे एनडीए सरकार बिहारमे कऽ रहल अछि, ओहिसँ हम लड़ि रहल छी आ ओकरा हराबय जा रहल छी।