बिहारमे विधानसभा चुनावस पहिने मतदाता सूचीक समीक्षा निर्वाचन आयोग कय रहल अछी।
अगिला किछु मासमे बिहारमे विधानसभा चुनाव होएत। एहि चुनाव कार्यक्रमक घोषणासँ पहिने चुनाव आयोग राज्यमे मतदाता सूचीक विशेष गहन संशोधन शुरू कय देलक अछि। संगहि आब इ बात सामने आयल अछि जे मतदाता सूचीक समीक्षाक दौरान आधार कार्ड, मतदाता आईडी कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस आ मनरेगा कार्ड जेहन कागजात बूथ लेवल अधिकारी द्वारा स्वीकार नहि कयल जा रहल अछि। मतदाता सूचीक समीक्षाक लेल बीएलओ दिसिसँ 11टा दस्तावेजकेँ स्वीकार कयल जा रहल अछी। जाहिमे :-
* नियमित कर्मचारी वा पेंशनभोगी कर्मीक आईडी कार्ड।
* पासपोर्ट।
* बैंक, डाकघर, एलआईसी आदि द्वारा 1 जुलाई 1987 सँ पूर्व जारी कोनो भी प्रमाण पत्र।
* जन्म प्रमाण पत्र।
* मान्यता प्राप्त बोर्ड/विश्वविद्यालय द्वारा जारी शैक्षणिक प्रमाण पत्र।
* स्थायी निवास प्रमाण पत्र।
* वन अधिकार प्रमाण पत्र।
* जाति प्रमाण पत्र।
* राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी)।
* सरकारसँ कोनो जमीन वा मकानक आवंटनक प्रमाण पत्र।
* राज्य सरकार वा स्थानीय प्राधिकरण द्वारा तैयार परिवार रजिस्टर।
निर्वाचन आयोग द्वारा शुरू कएल गेल एहि अभियान पर विपक्षी दल चिंता व्यक्त कयलक अछि। आरोप अछि कि एही कदमसँ मतदाता सूचीसँ भारी संख्यामे मतदाताक नाम हटाय देल जायत। हालांकि चुनाव आयोग कहलक अछि जे एहि कदमसँ सबटा पात्र लोकक नाम मतदाता सूचीमे शामिल भऽ जाएत।
बिहारमे 22 साल बाद मतदाता सूचीक समीक्षा भऽ रहल अछि। चुनाव आयोगक कहब अछि जे एहि साल बिहार जेना छह राज्यमे मतदाता सूचीक गहन समीक्षा कएल जाएत जाहिसँ विदेशी अवैध आप्रवासीक जांच कय ओकरा बाहर निकालल जाएत। एही संग विपक्षी दलक आरोप अछि कि विधानसभा चुनावसँ ठीक पहिने भऽ रहल एहि समीक्षासँ दू करोड़सँ बेसी मतदाता मतदानक अधिकारसँ वंचित भऽ सकैत अछि।