धर्म-संस्कृति

संत लक्ष्मीनाथ गोसाईं पर निर्मित वृत्तचित्र रमौलीमे प्रदर्शित

दरभंगा समदिया
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‘बाबाजी’क नामसँ सर्वसमाद्रित मिथिलाक अद्भुत संत गोस्वामी लक्ष्मीनाथ परमहंस पर निर्मित डॉक्यूमेंट्री फ़िल्मक प्रदर्शन रविकेँ संध्या काल लक्ष्मीनाथ स्थान रमौली, दरभंगा स्थित लक्ष्मीनाथ बाबाजी कुटी – मंदिर प्रांगणमे उपस्थित अपार जनसमूहक मध्य कयल गेल।

वृत्तचित्रमे मुख्य भूमिकामे राम सेवक ठाकुर, संजीव झा, पं. हरिश्चंद्र मिश्र, अक्षय खाँ, विनोदानंद झा, मोहन दर्शन, शिशु शारदा छथि। सह भूमिकामे धनञ्जय खाँ, मालती दास, भरत झा, गणेश जनगण, आशुतोष खाँ, विशेश्वर मुखिया, विनोद मिश्र, महेंद्र तांतीक संग बाल कलाकार लव, कुश, प्रणव आदि द्वारा प्रशंसनीय अभिनय कयल गेल अछि।

ज्ञातव्य जे रमौली कुटीसँ बाबाजीक आत्मीय लगाव रहलन्हि। रमौली प्रवासक आरम्भमे बाबाजी प्रायः सदगृहस्थ संत दयाल झाक घर पर ठहरैत छलाह। एतय कुटी पर भक्त जनकें बाबाजी नियमित रूपें भागवतक कथा सुनबैत छलखिन। एखनि बाबाजीक एहि कुटी पर अत्यंत सुन्दर, विशाल एवं भव्य मंदिर अछि। एहि मंदिर परिसरमे राधा-कृष्ण जी, हनुमान जी एवं संत लक्ष्मीनाथ गोसाईं जीक अत्यंत मोहक विग्रह विराजमान अछि। सद्य: प्रदर्शित बाबाजीक वृत्तचित्रमे रमौलीक उल्लेख एवं सुन्दर चित्रणसौं दर्शकगण भाव विभोर भ’ गेलाह।

एहि वृत्तचित्रक निर्माण मिथिलाक पावन भूमि पर, मिथिलाक निर्माता द्वारा तथा मिथिलेक सब कलाकारक सहयोगसौं भेल अछि, जाहिमे 18म सदीक मिथिलाक अद्भुत संत लक्ष्मीनाथ गोसाईं बाबाजीक व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर कयल गेल व्यापक शोध पर आधारित कथानक केर प्रामाणिक प्रस्तुतीकरण भेल अछि।

वस्तुतः एहि वृत्तचित्रक निर्माण मनोरंजन मात्रक लेल नहि अपितु अकादमिक उद्देश्यसौं कयल गेल अछि जेकरा मनोरंजक बनयबाक लेल आवश्यकतानुसार संदर्भित घटनाकें नाट्यान्तरित कयल गेल अछि। मुदा, एहिसौं एकर तथ्यात्मक शुचिता एवं कथ्यात्मक प्रांजलता सर्वथा अप्रभावित रहल अछि।

एहि अवसर पर फ़िल्मक वरिष्ठ कलाकार एवं बाबाजीक अनन्य भक्त पं. हरिश्चंद्र मिश्र एवं धनञ्जय खाँ ‘धरम’ संगे सूत्रधार सुमित सौरभ एवं वृत्तचित्रक निर्माता डॉ. विनय कर्ण तथा रमौली ग्रामवासी शिक्षाविद मोहन मिश्र, प्राचार्य डॉ. सतीश चंद्र झा, इंद्रदेव झा, बाबू साहेब, शशिधर झा, मंदिरक पुजारी समेत भारी संख्यामे ग्रामीण पुरुष एवं स्त्रीगण उपस्थित छलैथ। मुंबईसौं एहि वृत्तचित्रक निर्देशक रमेशा के भारती सेहो इंटरनेटक माध्यमसौं आभासी रूपमे उपस्थित भेलथि।

वृत्तचित्रक सुन्दर प्रस्तुतीकरणसौं अभिभूत रमौली ग्रामवासी द्वारा डॉ. विनय कर्ण समेत सब गोटय केर सम्मान मिथिला परंपरानुसार पाग-दोपटा सौं कयल गेलैन्ह। अंतमे समस्त ग्रामवासी द्वारा बाबाजीक जीवनीकें पर्दा पर उतारि क’ सभक समक्ष प्रदर्शित करबाक लेल निर्माता, निर्देशक एवं पूरा टीमकें धन्यवादक संग शुभकामना देल गेल।

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