आचार्य सुरेंद्र झा सुमन केर 114म जयंती पर विद्यापति सेवा संस्थान वृहस्पति दिन हुनक प्रतिमा पर माल्यार्पण कऽ मिथिलाक वरद् पुत्रकें कृतज्ञ नमन कयलक आ आचार्य सुमन अमर रहथि केर नारा लगौलक। मौका पर संस्थानक महासचिव डा बैद्यनाथ चौधरी बैजू सुमन जी केर प्रति अपन उद्गार व्यक्त करैत हुनक रचित शिव पंचाक्षर स्तुति केर चर्चा कयलनि। ओ कहलनि जे देवक देव महादेव केर महिमाक वर्णन करैत सुमन जी केर ई रचना भारतीय साहित्य केर अनुपम, अद्वितीय आ अद्भुत कृति अछि।
डा अमलेंदु शेखर पाठक हुनक कृतित्व ओ व्यक्तित्व केर चर्चा करैत कहलनि जे सुमन जी सही मानेमे एकटा अमर साहित्यकार रहथि। जिनकर लेखनीमे कवि-हृदय केर स्वच्छन्द भाव आ मुखमंडलसँ सिनेह आ दुलार सदैव प्रस्फुटित होइत छल। विनोद कुमार झा अपन संबोधनमे आचार्य सुमनकें साहित्य सौंदर्यक अद्भुत उपासक आ महान राष्ट्र भक्त बतेलनि। दुर्गा नंद झा सुमन जीकें अपन सद्गुण केर कारण स्वत: हृदयग्राही बतेलनि। प्रो चंद्रशेखर झा बूढ़ा भाई आचार्य सुमनकें सजग राष्ट्रक सजग प्रहरी बतबैत कहलनि जे आचार्य सुमन अमर छथि आ अमर रहताह।
मीडिया संयोजक प्रवीण कुमार झा आचार्य सुमनकें श्रद्धा सुमन अर्पित करैत कहलनि जे सुमन जी मैथिली साहित्याकाशमे एकटा एहन साहित्यकारक रूपमे विख्यात छलाह, जे विपुल साहित्य केर संयोजन आ रचनाक पश्चात स्वयंकें साहित्य सृजनक विषय बना लेने रहथि। ई निसंदेह प्रेरणास्पद अछि। आशीष चौधरी कहलनि जे सुरेंद्र झा सुमन केर मिथिलाक सामाजिक आ राजनीतिक विकासमे नहि केवल अभूतपूर्व योगदान रहल, अपितु हुनका द्वारा कायम आदर्श केर प्रतिमान आइयो बहुत महत्व रखैत अछि। पुरुषोत्तम वत्स आचार्य सुरेंद्र झा सुमनकें ऐतिहासिक महापुरुष बतबैत एकटा आम मैथिल, साहित्यकार आ जनप्रतिनिधि केर रूपमे कयल हुनक कार्य कें सराहनीय आ अनुकरणीय बतेलनि।
एहि अवसर पर नन्द कुमार झा, पिंटू झा, रामाज्ञा झा, मनीष झा रघु, नवल किशोर झा, मणिशंकर राजू, आदिक उल्लेखनीय उपस्थिति रहलनि।