एमएलएसएम कॉलेजमे आयोजित ‘वसंतोत्सव’मे हेतनि भव्य अभिनंदन
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दरभंगा समदिया
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ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालयक कुलपति प्रो संजय कुमार चौधरीकेँ कार्यकालक उपलब्धिपूर्ण पहिल महीना पूरा भेला पर विद्यापति सेवा संस्थान आइ हुनक अभिनंदन करत। जानकारी दैत संस्थानक महासचिव सह विश्वविद्यालयक सीनेट आ सिंडिकेटक वरिष्ठ सदस्य डॉ बैद्यनाथ चौधरी बैजू बतोलनि जे दरभंगाक हराही पोखरिक उतरबरिया महार पर स्थित एमएलएसएम कॉलेजक सभागारमे आयोजित ‘वसंतोत्सव’ मे कुलपतिक कार्यकालक पहिल मासमे हुनक अभूतपूर्व उपलब्धि लेल मिथिलाक गौरवशाली परंपरा अनुरूप मिथिला पेंटिंग कढ़हल पाग, चादरि, पुष्पगुच्छ, फूलक माला आ अभिनंदन पत्र प्रदान कऽ सम्मानित कयल जयतनि। अभिनंदन समारोहक अध्यक्षता संस्थानक अध्यक्ष सह कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालयक पूर्व कुलपति प्रो शशि नाथ झा करताह। जखन कि एहि अवसर पर अनेक गणमान्य लोकनिक गरिमामय उपस्थिति कार्यक्रमक शोभा बढ़ाओत। संगहि मैथिली मंचक अनेक स्वनामधन्य स्थापित कलाकार गीत-संगीतक अनुपम सचारसँ कार्यक्रममे चारि चान लगौताह।
डॉ बैजू कुलपतिक कार्यकालक पहिल मासक उपलब्धिक चर्चा करैत बतोलनि जे ओ अपन पदभार सम्हारिते मिथिलाक महान विभूति क्रमशः कवि कोकिल विद्यापति, मंडन मिश्र, अयाची मिश्र, लक्ष्मीनाथ गोसाई, राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर, जननायक कर्पूरी ठाकुर, अमर शहीद ललित नारायण मिश्र, बाबा नागार्जुन आदि केर नाम पर विश्वविद्यालयक विभिन्न विभागमे चेयर स्थापना एवं एकर समुचित क्रियान्वयन लेल विश्वविद्यालयक बजटमे प्रावधान कयल जयबामे जे तत्परता देखौलनि अछि ई नहि केवल प्रसन्नताक विषय अछि, अपितु एहिसँ आम मिथिलावासीमे उमंग आ उत्साहक अनुपम संचार भेल अछि।
ओ कहलनि जे एकरा अतिरिक्त हुनक नेतृत्वमे विश्वविद्यालयमे कामकाजक वासंती माहौल कायम करबामे देखा रहल सक्रियता सेहो खूब अहम अछि। आइ हुनक कुशल नेतृत्वमे विश्वविद्यालयक कार्य संस्कृतिमे आयल तत्परताक परिणाम अछि जे एक मासक छोट सन अवधिमे विश्वविद्यालयमे चारू दिसि उमंग, उत्साह आ विश्वासक वातावरण खूब द्रूतगतिसँ कायम भेल अछि। जतय पदभार ग्रहण करिते कुलपति शिक्षक एवं कर्मचारी लोकनिक प्रोन्नतिमे खूब तत्परता देखौलनि अछि ओतहि वेतन आ पेंशन सहित अतिथि शिक्षक लोकनिक मानदेय भुगतान केर ओ अपन कार्य सूचीमे सबसँ ऊपर रखने छथि। एकरा संगहि विश्वविद्यालयक हेल्थ सेंटर केर जरूरत केर ध्यानमे रखैत एकर पुनरूद्धार लेल संकल्पित होयब, ऐतिहासिक महत्वकें देखैत विश्वविद्यालय परिसरक समुचित रख-रखावमे तत्परता देखायब, दूरस्थ शिक्षा निदेशालय केर सुदृढ़ीकरण सहित खेल निदेशालय ओ अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम केर स्थापनामे अभूतपूर्व दिलचस्पी देखायब, खेल प्राधिकरण केर गठन आदिमे हुनक दूर-दृष्टि विश्वविद्यालयक स्वर्णिम भविष्य केर निर्माणमे खूब महत्वपूर्ण साबित होयत।