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ई सूर्यग्रहण भारतमे नहिं, नवरात्रक जानी ई सुगम जानकारी : अजय नाथ झा शास्त्री

ई सूर्यग्रहण भारतमे नहिं, नवरात्रक जानी ई सुगम जानकारी : अजय नाथ झा शास्त्री
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।। जखनि चंद्रमा सूर्य आ पृथ्वीक बीच आबैत अछि तखनि सूर्यक प्रकाशकेँ चंद्रमा बीच्चहिमे रोकि लैत अछि, अर्थात चंद्रमाक पाछू सूर्यक बिम्ब झँपा जाइत छैक, फलतः धरती पर छाया पसरि जाइत छैक, एकरे सूर्य ग्रहण कहैत छैक।

आइ (२१-०९-२०२५) केँ जे सूर्यग्रहण अछि अपना सभ अर्थात भारतवर्षक पृथ्वीक भाग ओहि जदमे नहिं धराईत अछि।

पृथ्वीक दक्षिण गोलार्धक भाग विशेष रूपसँ न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया, फिजी, टोंगा, अंटार्कटिका हदमे आबि जाइत छैक आ ओहि सभ ठाम ग्रहण मानल जायत।

भारतमे चुँकि ई ग्रहण देखाई नहिं देत तें एकर धार्मिक आ ज्योतिषीय प्रभाव नहिं मानल जाएत, अर्थात अपनासब भारतवासी एहि ग्रहणसँ मुक्त छी।

पृथ्वी सूर्यक परिक्रमा करैत अछि आ चंद्रमा पृथ्वीक परिक्रमा। तऽ जखनि एहि प्रकारक संयोग बनैत छैक तऽ ई कोनो आवश्यक नहिं जे ओहि समय पूरा पृथ्वीक भाग ओहि जदमे आबि जाए। जतबा भाग ओहि समय ओहि जदमे आबैत छैक पृथ्वीक ओतबे भाग पर अन्हार पसरैत छैक आ ओतबे भागमे ग्रहण मानल जाइत छैक। पृथ्वीक पूरा भाग धरा जाइत छैक त‌ऽ पूर्ण ग्रहण सभठामक मानल जाइत छैक, अन्यथा जतबा भाग धराईत छैक ताहि ठाम ग्रहण यानि आंशिक ग्रहण मात्र ताही ठाम लेल होइत छैक।

सोम दिनसँ देवीक आगमन भऽ रहल अछि, फलतः देवीक वाहन एहि बेर गजवाहन अर्थात हाथी पर देवी आबि रहल छथि, जकर फल बहुत बरखा अछि, से एहि बीच अपन मिथिला सहित भारतक बहुत बहुत रास भागमे एखनि भऽ रहल अछि। बीच्चहिमे पाँचम पूजा अर्थात २७-०९-२०२५ केँ सूर्यक हस्त नक्षत्रमे प्रवेश अछि, अर्थात हथिया पकड़ायत तऽ जँ हथियो प्रभाव देखाबय लागल तऽ घनघोर वृष्टि संभव अछि, तें ताहि अनुरुप दुर्गास्थान सभमे व्यवस्था होयबाक चाही। खास कऽ जतय पांडालमे देवीक स्थापना होइत अछि, से पांडाल पूर्ण वाटरप्रूफ आ मजबूत होयबाक चाही कारण हथियाक बरखाक संग बसात-बिहाड़ि प्रसिद्ध छैक। मंदिर सभ यद्यपि सुरक्षित रहैत अछि, मुदा आर अतिरिक्त व्यवस्था मेला आदि सभक लेल दुरुस्त हेबाक चाही। देवीक गमन बृहस्पतिकेँ छनि नरवाहन अर्थात पालकी पर जे शुभ एवं सुखकर अछि।

एहि बेर दस दिन पूजा एग्यारहम दिन जतरा अछि। वृद्धि तिथिक कारणे चतुर्थी अर्थात चौठ यानि चारिम पूजा दू दिन अछि।

कलश-स्थापन सोम २२-०९-२०२५ केँ मिथिलामे दिन ०९:०० बजे केर बाद करी आ प्रायः बाकी पूरा भारतवर्षमे ०९:३० बजे केर बाद। ओना अपना ओहिठामक ज्योतिष-पंडित जे कहैथ तिनके अनुकरण करी।

एहि बेरक शारदीय नवरात्रक विवरण
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२२-०९-२०२५, सोम : पहिल पूजा, कलशस्थापन
२३-०९-२०२५, मंगल : दोसर पूजा, रेमन्त पूजा विशेष
२४-०९-२०२५, बुध : तेसर पूजा
२५-०९-२०२५, बृहस्पति : चारिम पूजा, गणेश चतुर्थी
२६-०९-२०२५, शुक्र : चारिम पूजा
२७-०९-२०२५, शनि : पाँचम पूजा
२८-०९-२०२५, रवि : छठम पूजा, गज पूजा विशेष, बेलनोती
२९-०९-२०२५, सोम : सातम पूजा, महासप्तमी व्रत, पत्रिका प्रवेश, सरस्वती पूजा आरंभ, रात्रिमे निशा पूजा, रात्रि जागरण
३०-०९-२०२५, मंगल : आठम पूजा, महाष्टमी व्रत, सन्धिपूजा विशेष, दीक्षाग्रहण
०१-१०-२०२५, बुध : नवम पूजा, महानवमी व्रत, त्रिशूलनी पूजा विशेष
०२-१०-२०२५, बृहस्पति : दसम पूजा, विजयादशमी, अपराजिता पूजा, देवी विसर्जन, सरस्वती विसर्जन, जयन्तीधारण, नवरात्र व्रत पारण, खञ्जन-नीलकंठ आदि दर्शन, यात्रा

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