बृहस्पतिकेँ ब्रिक्स प्लस प्रारूपमे १६म ब्रिक्स शिखर सम्मेलनकेँ सम्बोधित करैत विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर कहलनि, “संघर्ष आ तनावकेँ प्रभावी रूपसँ संबोधित करब समयक विशेष आवश्यकता अछि। प्रधानमंत्री मोदी एहि बात पर जोर देलनि अछि जे ई युद्धक युग नहि अछि। विवाद आ मतभेदक समाधान वार्ता आ कूटनीतिक माध्यमसँ होयबाक चाही। एक बेर समझौता भेलाक बाद ओकर सावधानीपूर्वक सम्मान होयबाक चाही। अन्तर्राष्ट्रीय कानूनक पालन बिना अपवादक होयबाक चाही आ आतङ्कवादक प्रति शून्य सहनशीलता होयबाक चाही।” ओ कहलनि, “मध्य पूर्व-पश्चिम एशियाक स्थिति हमरा सभक लेल एकटा बुझबा योग्य चिन्ताक विषय अछि। व्यापक चिन्ता अछि जे ई संघर्ष एहि क्षेत्रमे आओर पसरि जायत। समुद्री व्यापार सेहो बेकार ढ़ंगसँ प्रभावित भेल अछि। आगू बढ़बाक मानवीय आ भौतिक परिणाम वास्तवमे गंभीर अछि। कोनो दृष्टिकोण निष्पक्ष आ टिकाऊ होयबाक चाही, जाहिसँ टू स्टेट सोल्यूशन होय।”
डॉ. जयशंकर आइ (बृहस्पति) रूसक कजानमे ब्रिक्स आउटरीच सत्रमे प्रधानमन्त्रीक प्रतिनिधिक रूपमे भाग लेलनि। ओ एकटा वक्तव्यमे कहलनि, “जतय दुनियाक परिवर्तनकारी शक्ति मजबूत भऽ गेल अछि, किछु दीर्घकालिक मुद्दा बेसी जटिल भऽ गेल अछि। हमरा एहि बात पर विचार करबाक जरूरत अछि जे एहि विरोधाभासक समाधान कोना कयल जाय। हमरा ई सुनिश्चित करय पड़त जे परिवर्तनक लाभ ओ लोकसभ धरि पहुँचय जे वर्तमानमे पाछू रहि गेल छथि। हमरा विचार करय पड़त जे हम कोना बेसी न्यायसंगत वैश्विक व्यवस्था बना सकैत छी।”
विदेश मंत्री डॉ. जयशंकर एकरा लेल ब्रिक्समे पाँच प्रमुख बिन्दु रखलनि। ओ कहलनि जे विश्व व्यवस्थामे परिवर्तनक लेल स्वतंत्र प्रकृतिक मंचकेँ सुदृढ़ आ विस्तारित करबाक आवश्यकता अछि। स्थापित संस्थान आ तंत्र, विशेष रूपसँ संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषदमे सुधार करय पड़त। बेसी उत्पादन केन्द्र बना कऽ आ अनुभव आ नव पहल साझा कऽ वैश्विक अर्थव्यवस्थाक लोकतंत्रीकरण करबाक चाही। वैश्विक बुनियादी ढाँचामे औपनिवेशिक युगसँ विरासतमे भेटल विकृतिकेँ ठीक करय पड़त।
ओ कहलनि, “ब्रिक्स विश्व व्यवस्थामे पैघ बदलाव अनबामे सक्षम अछि। एकरा लेल संगठनकेँ स्वतंत्र प्रकृतिक मंचकेँ मजबूत करबाक चाही आ स्थापित संस्थान आ तंत्र, विशेष रूपसँ संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषदमे सुधार करबाक चाही। एकर अतिरिक्त, बेसी उत्पादन केन्द्र बना कऽ वैश्विक अर्थव्यवस्थाक लोकतंत्रीकरण करय पड़त।”
ओ मध्य पूर्व आ पश्चिम एशियाक स्थितिपर सेहो भारतक पक्ष रखलनि आ एहि बातपर जोर देलनि जे संघर्ष आ तनावकेँ प्रभावी रूपसँ संबोधित करब समयक विशेष आवश्यकता अछि। ब्रिक्सक बैसार आ हमर आउटरीच सत्र एकटा सन्देश अछि जे दुनिया दीर्घकालिक चुनौतिसभ पर नव रूपसँ सोचबाक लेल तैयार अछि।