राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू शनिदिन गणतंत्र दिवसक पूर्व संध्या पर वार्षिक परम्परा निभाबैत राष्ट्रकेँ सम्बोधित कयलनि। एहि भाषणमे ओ देशक उपलब्धि आ सरकारी पहलपर प्रकाश देलनि संगहि राष्ट्रक समक्ष सामाजिक-आर्थिक चुनौतीकेँ उजागर कयलनि।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू राष्ट्रक नाम अपन संबोधनमे कहलनि, “सबसँ पुरान सभ्यतासभमे, भारत कहियो ज्ञान आ बुद्धिक स्रोतक रूपमे जानल जाइत छल।” ओ कहलनि आइ हमरा सबसँ पहिने ओहि वीर आत्माकेँ स्मरण करबाक चाही जे मातृभूमिकेँ विदेशी शासनक बेड़ीसँ मुक्त करबाक लेल पैघ बलिदान देलनि। किछु सुप्रसिद्धकेँ लोक चिन्हैत छथि जखनि कि किछुकेँ बहुत कम चिन्हैत छथि। हम एहि साल भगवान बिरसा मुण्डाक १५०म जयंती मना रहल छी, जे ओहि स्वतंत्रता सेनानीसभक प्रतिनिधिक रूपमे ठाढ़ छथि जिनकर राष्ट्रीय इतिहासमे भूमिकाकेँ आब सही अनुपातमे मान्यता देल जा रहल अछि।
“बीसम शताब्दीक आरम्भिक दशकमे हुनकर संघर्ष एकटा संगठित राष्ट्रव्यापी स्वतन्त्रता आन्दोलनमे समाहित भेल।
ई राष्ट्रक सौभाग्य छल जे महात्मा गाँधी, रवीन्द्रनाथ टैगोर आ बाबासाहेब अम्बेडकर सन लोक हुनका (बिरसा मुंडा) लोकतांत्रिक लोकाचारकेँ फेरसँ खोजबामे सहायता कयलनि। न्याय, स्वतंत्रता, समानता आ बंधुत्व सैद्धांतिक अवधारणा नहि अछि जे हम आधुनिक समयमे सीखय लेल आयल छी। ई सभ सदैव हमर सभ्यताक विरासतक हिस्सा रहल अछि।
संसदमे प्रस्तुत कयल गेल ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ विधेयक शासनमे निरंतरताकेँ बढ़ावा दऽ सकैत अछि। ई नीतिगत समस्याकेँ सेहो रोकत आ वित्तीय बोझकेँ कम करत, राष्ट्रपति मुर्मू देशमे चुनाव कार्यक्रमकेँ एक संग करबाक सम्भावित लाभकेँ रेखांकित करैत कहलनि।
राष्ट्रपति मुर्मू पछिला दशकमे भारतक शिक्षा क्षेत्रमे भेल परिवर्तनपर सेहो प्रकाश देलनि, जाहिमे सीखबाक गुणवत्ता, बुनियादी ढाँचा आ डिजिटल समावेशनमे सुधार भेल। सरकार द्वारा लागू कयल गेल साहसिक आर्थिक सुधारक प्रशंसा करैत ओ कहलनि, “पछिला दशकमे शिक्षाक गुणवत्ता, भौतिक बुनियादी ढाँचा आ डिजिटल समावेशनक दृष्टिसँ शिक्षामे परिवर्तन आयल अछि।”
अन्तमे, ओ एकटा राष्ट्रक रूपमे भारतक बढ़ैत आत्मविश्वासकेँ स्पर्श कयलनि, जकर उदाहरण वैश्विक मंच पर भारतीय एथलीट सभक सफलता अछि। एकटा राष्ट्रक रूपमे हमर बढ़ैत आत्मविश्वासक स्तर खेलमे सेहो परिलक्षित होइत अछि, जतय हमर खेलाड़ी रोमांचक सफलताक कहानी लिखने छथि।
अपन संबोधनमे राष्ट्रपति मुर्मू महाकुम्भकेँ भारतक समृद्ध सभ्यतागत विरासतक अभिव्यक्तिक रूपमे सेहो सन्दर्भित कयलनि, जे राष्ट्रक गहींर जड़ि वला सांस्कृतिक आ आध्यात्मिक परम्पराक प्रतीक अछि।