पश्चिम बंगालक हिंसा पर टिप्पणी करनिहार बांग्लादेशकेँ भारत सीधा जबाब देलक अछि। विदेश मंत्रालय बांग्लादेशक बयानक संज्ञान लेलक आ कहलक जे पड़ोसी देशकें अपन देशमे रहनिहार अल्पसंख्यकक अधिकारक रक्षा पर ध्यान देबाक जरूरत अछि।
बांग्लादेशक टिप्पणीसँ बिफरल भारत दू टूक लहजेमे कहलक, ‘हम पश्चिम बंगालक घटनाक संबंधमे बांग्लादेशक द्वारा कएल गेल टिप्पणीकेँ अस्वीकार करैत छी। एहेन टिप्पणी बांग्लादेशमे अल्पसंख्यकक उत्पीड़न पर भारतक चिंताक समाधान करबाक बदला, हिंसा केर घटनाकेँ संग समानता देखाबैक छिपल आ धूर्त प्रयास अछि।
भारत बांग्लादेशकेँ आइना देखौलक आ कहलक, ओतय हिंसा जेकाँ क्रियाकलापमे संलिप्त अपराधी खुला घूमैत रहैत अछि। विदेश मंत्रालय कहलक जे पड़ोसी देशकेँ भारत केर मामिला पर अनुचित टिप्पणी करय केर बदला, बांग्लादेशमे रहनिहार अल्पसंख्यकक अधिकारक रक्षा पर ध्यान केन्द्रित करबाक चाही।
जनतब जे एक दिन पहिने विदेश मंत्रालयक प्रवक्ता रणधीर जायसवाल भारत आ बांग्लादेश संबंध सभसँ जुड़ल एकटा सवाल पर कहलनि जे, भारत बांग्लादेश संग सकारात्मक आ रचनात्मक संबंध बनेबाक उम्मीद करैत अछि। हम एकटा लोकतांत्रिक, समावेशी बांग्लादेशक पक्षमे छी। तल्ख होइत संबंध सबहक कारण पिछला सप्ताह भारत बांग्लादेशकेँ मध्य पूर्व, यूरोप आ अन्य देशक लेल अपन बंदरगाह आ हवाई अड्डाक माध्यमसँ देल जाए वाला ट्रांसशिपमेंट सुविधा वापस लेबाक घोषणा कएलक।
जनतब जे बांग्लादेशक अंतरिम सरकारक मुखिया आ मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनूसक प्रेस सचिव शफीकुल आलम एकटा बयानमे कहलनि जे भारत आ पश्चिम बंगालक सरकारकेँ अल्पसंख्यक मुस्लिम आबादीक पूर्ण सुरक्षा’क लेल सभ जरूरी कदम उठेबाक चाही। आलम कहलनि जे ओ सभ मुसलमान पर हमलाक निंदा करैत छथि, जाहिसँ जान-मालक पैघ नुकसान भेल अछि।
जनतब जे संसद’सँ वक्फ संशोधन बिल पारित भेलाक बाद विपक्ष द्वारा पैघ पैमाना पर विरोधक ऐलान कैल गेल। एहि कड़ीमे पश्चिम बंगालक मुर्शिदाबाद समेत कतेको हिस्सामे वक्फ संशोधन कानूनक खिलाफ हिंसक विरोध-प्रदर्शन भेल। सांप्रदायिक हिंसाक घटनाक्रम पर भाजपा बंगालक सत्तारूढ़ पार्टी – तृणमूल कांग्रेस आ मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर हमलावर अछि। भाजपा अनियंत्रित परिस्थितिकेँ देखैत राष्ट्रपति शासन लगाबयक मांग कयलक।
बांग्लादेशमे सेहो बीतल वर्ष पैघ पैमाने पर हिंसा भेल छल। अगस्त, 2024 मे ताहि समयक प्रधानमंत्री शेख हसीनाकेँ देश छोड़ि भागय पड़ल छल। ढाकाकेँ सड़क पर भेल हिंसाक दौरान देशक अल्पसंख्यक विशेष कऽ हिंदू समुदायक लोक सभकें पैघ पैमाना पर निशाना बनाओल गेल। सरकार पर हिंसा रोकबामें असफल रहबाक आरोप लगायल गेल। एकर बादसँ भारत-बांग्लादेश संबंध तल्ख चलि रहल अछि।