विधि-व्यवस्था

कोर्टमे भेल ‘मैथिली’मे बहस शुरू, वकील खुशी व्यक्त करैत कहलनि, हमर भाषा होएत बेसी मजबूत

अधिवक्ता शशिकांत झा, अधिवक्ता अरुण कुमार चौधरी आ अधिवक्ता पवन कुमार चौधरी कयलनि मैथिलीमे बहस
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दरभंगा समदिया
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‘देसिल बयना, सब जन मिठा”क तर्ज पर मैथिली भाषाक मिठास आब व्यवहार न्यायालयमे सेहो गूँजि रहल अछि। जाहि कारणेँ संविधानक आठम अनुसूचीमे शामिल मैथिली भाषाकेँ दिन बहुरय केर संभावना बढ़य लागल अछि। न्यायिक काजमे मैथिलीक उपयोगसँ क्षेत्रीय वकीलकेँ सुविधा भेटत। संगहि आन काजक लेल सेहो मैथिली भाषी लोकक आवश्यकता होयत। बृहस्पति दिन दरभंगा व्यवहार न्यायालयमे पहिल बेर मैथिली भाषामे अधिवक्ता लोकनि बहस कयलनि। कहल जाइत अछि जे एकटा आपराधिक मामिलाक तीनटा अधिवक्ता मैथिलीमे न्यायाधीशक समक्ष अपन पक्ष रखलनि। बहस लेल न्यायिक दंडाधिकारी राघव अनुमति देलनि आ तखन तीनू अधिवक्ता एहि मामिलासँ जुड़ल तथ्य मैथिली भाषामे व्यक्त कयलनि। अपन मातृभाषामे बहस देखि पक्षकार सेहो संतुष्ट भेलाह, जखन कि ओकीलक जयजयकार भेल। मैथिलीमे पहिल बेर बहस शुरू कयनिहार वरिष्ठ अधिवक्ता शशिकांत झा कहलनि जे जखन न्यायिक मजिस्ट्रेट राघव हमर आग्रह स्वीकार कयलनि तखन हमर अंतरात्मा प्रसन्न भऽ गेल। एकर बाद ओ मैथिलीमे बहस कयलनि। न्यायाधीश गम्भीरतासँ सुनलनि आ ओ मुस्किया कऽ मैथिलीक मिठास स्वीकार कयलनि। एकर बाद अधिवक्ता अरुण कुमार चौधरी सेहो अपन मातृभाषा मैथिली मे जमानत अर्जी पर बहस कयलनि। तेसर बहस अधिवक्ता पवन कुमार चौधरी कयलनि, जे आपराधिक मामिलामे जमानत याचिका दायर कयलनि। एहि दौरान अदालत कोठरीमे उपस्थित पक्षक चेहरा खुशीसँ सराबोर छल। १९०६ मे स्थापित दरभंगा व्यवहार न्यायालयमे मुकदमाक पैरवी अधिवक्ता हिन्दी वा अङ्ग्रेजीमे मामिलाक बहस करैत आबि रहल छथि। आइयो अधिकांश मामिलापर हिन्दी वा अङ्ग्रेजीमे बहस होइत अछि।

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