पश्चिम बंगाल विधानसभामे विपक्षक नेता शुभेंदु अधिकारी मंगलकेँ दावा कयलनि कि ‘अपराजिता महिला एवं बाल (पश्चिम बंगाल आपराधिक कानून संशोधन) विधेयक’ जल्दबाजीमे आनल गेल अछि।
अधिकारी ई बात विधानसभामे विधेयक पर चर्चाक क्रममे कहलनि। एहि विधेयकमे बलात्कार आ हत्याक मामिलामे दोषीसभकेँ मृत्युदण्डक प्रावधान अछि।
भाजपा नेता कहलनि, “हम विधेयककेँ समर्थन कए रहल छी, मुदा अहाँ जल्दबाजीमे विधेयक किएक अनलहुँ ? हम विधेयककेँ प्रवर समितिकेँ भेजय लेल कहि सकैत छलहुँ। मुदा हम चाहैत छी जे अपराधीकेँ सजा भेटय। हम सुनय चाहैत छी जे मुख्यमंत्री विधेयकक बारेमे की कहैत छथि। हम विधेयक पर मत विभाजनक मांग नहिं करब। मुदा राज्य सरकारकेँ ई सुनिश्चित करय पड़त जे ई विधेयक जल्दीसँ जल्दी प्रभावी होय।”
राज्यक कानून मंत्री मलय घटक सदनमे विधेयक प्रस्तुत कयलनि। एकर बाद विधेयक पर चर्चाक दौरान सत्तापक्ष आ विपक्षी सदस्य लोकनि अपन विचार व्यक्त कयलनि।
कोलकाताक आरजी कर मेडिकल कॉलेज आ अस्पतालमे एकटा महिला डॉक्टरक बलात्कार आ हत्याक लेल देशव्यापी विरोधक बीच ‘अपराजिता विधेयक’ आनल गेल अछि।
अपन भाषणक दौरान विपक्षक नेता एहने मामिलाक उल्लेख कयलनि आ एहेन मामिला पर मीडिया रिपोर्ट सेहो प्रस्तुत कयलनि। मुदा, विधानसभा अध्यक्ष बिमान बंदोपाध्याय कहलनि जे एहि दस्तावेज केर एकर प्रामाणिकताक जाँच कयने बिना स्वीकार नहिं कयल जा सकैत अछि।
जबाबमे शुभेंदु अधिकारी कहलनि जे हुनका अपन दस्तावेज केर फेरसँ जाँच करबामे कोनो समस्या नहिं अछि। ओ एहि मामिलामे पूरा तैयारीक संग आयल छथि।
कानूनी विशेषज्ञक मानब छनि जे विधानसभामे विधेयक आसानीसँ पारित भेलाक बादो एकरा प्रभावी होयबामे बहुत समय लागत। एहि विधेयककेँ राष्ट्रपतिक सहमतिक आवश्यकता अछि किएक तँ एहिमे एहि सम्बन्धमे केन्द्रीय कानूनक किछु प्रावधानमे संशोधनक प्रस्ताव अछि।