विधि-व्यवस्था

सुप्रीम कोर्ट केजरीवालकेँ १ जून तकक लेल देलक अंतरिम जमानत

नई दिल्ली
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चुनावी सरगर्मीक बीच दिल्लीक मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवालक लेल एकटा नीक खबरि अछि। दिल्ली आबकारी नीति घोटालासँ जुड़ल धनशोधन मामिलामे ईडीक जाञ्चक सामना कऽ रहल केजरीवालकेँ सर्वोच्च न्यायालय १ जून धरि अंतरिम जमानत दऽ देलक।

न्यायमूर्ति संजीव खन्नाक नेतृत्ववला पीठ हालहिमे ईडीक वकील अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस वी राजूसँ कहने छल जे केजरीवालकेँ अंतरिम राहतपर शुक्रदिन आदेश पारित कय सकैत अछि। केजरीवालकेँ ईडी २१ मार्चकेँ दिल्ली आबकारी नीति २०२१-२२ मे कथित अनियमिततासँ सम्बन्धित धनशोधन जाञ्चक संबंधमे गिरफ्तार कयने छल।

हालहिमे ईडी केजरीवालक जमानत याचिकाक विरोध करैत सर्वोच्च न्यायालयमे एकटा हलफनामा दायर कयने छल। एहिमे केन्द्रीय एजेंसी कहने छल जे चुनावमे प्रचार करबाक अधिकार नहिं तँ मौलिक अधिकार अछि आ ने संवैधानिक। ओतहि केजरीवालक कानूनी टीम ईडीक हलफनामा पर कड़ा आपत्ति जतौने छल। मुदा, अदालत ईडीक सभ दलीलकेँ अनदेखा करैत केजरीवालकेँ अंतरिम जमानत दऽ देलक।

ईडी हलफनामामे कहने छल, “ई ध्यान राखब प्रासंगिक अछि जे चुनावक लेल प्रचार करबाक अधिकार नहिं तँ मौलिक अधिकार अछि आ ने संवैधानिक अधिकार, एतय तक कि ई कानूनी अधिकार पर्यंत नहिं अछि। उपरोक्त तथ्यात्मक आ कानूनी विवादकेँ देखैत अंतरिम जमानतक अनुरोध खारिज करबाक योग्य अछि किएक तँ ई कानूनक तय सिद्धान्तक विपरीत होयत जे संविधानक मूल विशेषता अछि। मात्र राजनीतिक चुनाव प्रचारक लेल अंतरिम जमानत देनाइ समानताक नियमक विरुद्ध होयत आ भेदभावपूर्ण होयत कियैक तँ प्रत्येक नागरिकक काज/व्यवसाय/पेशा वा गतिविधि हुनका लेल समान रूपसँ महत्वपूर्ण अछि।’

जेलमे बंद सभ राजनेता कय सकैत अछि राहतक मांग।
ईडी कहलक जे ई मानब संभव नहिं होयत जे कोनो राजनीतिक नेताक चुनाव प्रचारसँ छोट किसान या व्यापारीक काज कम महत्वपूर्ण अछि जे स्वीकार करैत अछि जे ओ चुनाव नहिं लड़ि रहल छथि। एहिमे कहल गेल अछि जे जँ केजरीवालकेँ अपन पार्टीक लेल लोकसभा चुनावमे प्रचार करबाक लेल राजनीतिज्ञ होयबाक कारणेँ कोनो अंतरिम राहत देल जाइत अछि, तखन एहिमे कोनो दू राय नहिं होयत जे जेलमे रहनिहार तखनि सभ राजनेता एहने राहत मांगत, ई दावा करैत जे ओ सेहो एहि श्रेणीमे अबैत अछि।

फिलहाल सुप्रीम कोर्ट केजरीवालकेँ निर्देश देलक अछि जे ओ आबकारी नीति घोटालासँ जुड़ल मनी लॉन्ड्रिंग मामिलामे अपन भूमिका पर टिप्पणी नहिं करथि।

संगहि सुप्रीम कोर्ट कहलक जे केजरीवाल मुख्यमंत्री कार्यालय आ दिल्ली सचिवालय नहिं जयताह।

आम आदमी पार्टी नेता जैसमीन शाह कहलनि जे एकटा राजनीतिक षड्यंत्र छल। सुप्रीम कोर्टक फैसला ऐतिहासिक अछि।

ओतहि आम आदमी पार्टीक नेता सौरभ भारद्वाज कहलनि जे सर्वोच्च न्यायालयक आदेश एकटा चमत्कार अछि। केजरीवाल पर भगवान बजरंग बलीक आशीर्वाद प्राप्त अछि। ई देशमे पैघ परिवर्तनक संकेत अछि।

संगहि आम आदमी पार्टीक नेता आतिशी कहलनि जे सर्वोच्च न्यायालयक फैसला सत्य आ लोकतंत्रक जीत अछि। लोकसभा चुनावक बाद देशमे तानाशाही खतम भऽ जायत।

ओतहि आम आदमी पार्टीक नेता गोपाल राय कहलनि जे सर्वोच्च न्यायालयक फैसला देशसँ प्रेम करयवला लोकक लेल आशाक किरण अछि। आप कार्यालयमे जश्नक माहौल अछि।

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