नई दिल्ली
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पश्चिम बंगालक मुर्शिदाबादमे वक्फ बिलक विरोधमे प्रदर्शन भेल। एहि विरोध प्रदर्शनमे हिंसा भेल, एहि केर खिलाफ याचिका पर सुप्रीम कोर्टमे सोमदिन सुनवाई भेल। वकील विष्णु शंकर जैन जस्टिस बीआर गवई आ जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीहक बेंचक सामने एहि मामिलाकेँ रखलनि। संगहि ओ कहलनि जे एकटा आर याचिका अछि, ओकरो एकरे संग जोड़ि देल जाय।
जस्टिस सूर्यकांत कहलनि जे हम एहेन नहिं करब। सुप्रीम कोर्ट रिकॉर्डक अदालत अछि। भावी पीढ़ी देखत। अपनेकेँ लागैत अछि जे एकर रिपोर्ट कएल जायत, मुदा अपनेकेँ याचिका दायर करैत समय वा हमरा आदेश पारित करैत समय सावधान रहय केर चाही।
सुप्रीम कोर्ट वकीलसँ कहलक, अपने कतेक जनहितक मामिला दाखिल कएने छी। अनुच्छेद 32 केर तहत हमरा किएक सुनबाक चाही। ताहि पर वकील शशांक शेखर कहलनि की पालघर साधूक मामिला पर हमहीं याचिका दायर कएने रही। ई मामिला मानवाधिकारक उल्लंघनक अछि आ राज्यमे कानून व्यवस्था बहुत खराब अछि।
पुनः सुप्रीम कोर्ट पुछलक, अहाँकेँ जानकारी कतयसँ भेटल, की ई सही अछि। वकील कहलनि मीडिया रिपोर्ट्सक आधार पर अछि।
ताहि पर सुप्रीम कोर्ट कहलक की अहाँ बहुत जल्दीमे छी। वकील कहलनि, हमरा याचिका वापस लेबा आ संशोधन करबाक मंजुरी दिअ। सुप्रीम कोर्ट कहलक की अहाँकेँ दलील सभमे एही सभ अभिव्यक्तिक उल्लेख करबाक चाही ? की ई दलील सभमे शालीनताक मानक अछि जकरा अहाँ पालन कएने छि? वकील शशांक कहलनि की रेलवे द्वारा प्रेस विज्ञप्तिमे सेहो एहि संबंधमे टर्मोलॉजी अछि।
सुप्रीम कोर्ट कहलक की ई आंतरिक संचार होइत अछि। हम अहाँकेँ केवल सलाह दय सकैत छी आ हम बुझय केर कोशिश कय रहल छी।
वकील शशांक कहलनि, बंगालमे हालत ई अछि जे लोक सड़क पर विरोध प्रदर्शन कऽ रहल छथि। सुप्रीम कोर्ट कहलक जे अपनेक कथन अछि जे कानून आ व्यवस्था खराब अछि। एहेन विफलता रोकबाक कारण आ उपचारात्मक कदम संग की उपाय कएल जाय ? याचिकामे नहि अछि एहेन बात। अपने ए आ बी व्यक्तिक खिलाफ आरोप लगा रहल छी जे हमरा सम्मुख नहि छथि। शशांक कहलनि जे ओ सरकारी अधिकारी छथि। सुप्रीम कोर्ट कहलनि जे ककरो खिलाफ आरोप लगाबय पर अपनेकेँ हुनका पक्षकार बनेबाक आवश्यकता अछि। की हम ओहि व्यक्तिक खिलाफ ओहि आरोपकेँ स्वीकार कय सकैत छी ?
शशांक कहलनि जे हम याचिकामे संशोधन करब। सुप्रीम कोर्ट कहलक जे एही कारणेँ हम कहलौं जे अपने बहुत जल्दीमे छी।
कोर्ट कहलक, हँ, बेजुबान सभकेँ न्याय भेंटब पैघ बात अछि, मुदा उचित तरिकासँ न्याय होएबाक चाही, ऐना नहि। शशांक कहलनि जे हमरा याचिका वापस लेबय आ नया याचिका दायर करए केर छूट दियौ। सुप्रीम कोर्ट कहलक जे बेहतर दस्तावेज आ कथनसभ संग याचिका दायर करबाक अनुमति देल जायत।
विष्णु शंकर जैन केर याचिका पर जस्टिस बीआर गवई केर अध्यक्षता वाला बेंच कहलक, ‘अहाँ चाहैत छी जे हम केंद्र सरकारकेँ राष्ट्रपति शासन लागू करबा लेल निर्देश दियै?’ एहि पर वकील विष्णु शंकर जैन कहलनि जे पैरा मिलेट्री फोर्सक तत्काल तैनातीक आवश्यकता अछि। एहि पर फेर जस्टिस बीआर गवई कहलनि, ‘अहाँ चाहैत छी जे हम केंद्र सरकारकेँ राष्ट्रपति शासन लागू करबाकेँ आदेस जारी करी ? ओहिना हमरा पर कार्यपालिकामे अतिक्रमणक आरोप लागि रहल अछि।’