बिहार सरकारक मुख्यमंत्री नीतीश कुमारक नेतृत्वमे नव भूमि अधिग्रहण नीतिकेँ मंजूरी दऽ देल गेल अछि। जीवेश मिश्रा कहलनि जे एहि नीतिक तहत किसान आ जमीन मालिककेँ अपन 55% जमीन विकसित रूपमे वापस भेटत, ताकि ओ अपन जमीनक बेहतर उपयोग कय सकथि।
भूमि अधिग्रहण नीतिक उद्देश्य पटनाक आसपास सैटेलाइट सिटीक निर्माण संग ग्रेटर पटनाकेँ विकसित करब अछि। नगर विकास आ आवास मंत्री जीवेश मिश्र एहि नीतिकेँ देशमे सबसँ प्रगतिशील बतेलनि आ कहलनि जे किसान आ जमीन मालिकक हितकेँ ध्यानमे राखि एकरा बनाओल गेल अछि। एहि नीतिक तहत अधिग्रहित जमीनक 55% मूल मालिककेँ विकसित रूपमे वापस कय देल जाएत, जाहिसँ इ बिहार लेल एकटा अनूठा मॉडल बनि गेल अछि।
मंत्री जीवेश मिश्रा कहलनि जे मंगलदिन बिहार मंत्रिमंडल एहि नीतिकेँ मंजूरी दऽ देलक। एकर तहत अधिग्रहित जमीनकेँ विभिन्न विकास कार्यमे उपयोग कयल जाएत। कुल जमीनकेँ 22% सड़क निर्माणक लेल, 3% आवासीय उपयोगक लेल आ शेष भाग पार्क, सामाजिक संरचना आ अन्य सार्वजनिक सुविधाकक लेल आरक्षित कयल जायत। सरकार मात्र 15% जमीन व्यावसायिक बिक्री लेल राखत। मिश्राक दावा अछि जे एहि नीतिसँ किसानकेँ आर्थिक लाभ तँ हेबे करत, संगहि बिहारमे शहरी विकासकेँ सेहो नव दिशा भेटत।
एहि नीतिक मुख्य उद्देश्य पटनाक आसपास राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) केर तर्ज पर सैटेलाइट शहरक विकास करब अछि। ई परियोजना ग्रेटर पटनाक निर्माणमे मीलक पत्थर साबित होयत। मिश्रा कहलनि जे शहरी विकास विभाग एहि परियोजना पर तेजीसँ काज करत, हमर लक्ष्य अछि जे बिहारकेँ आधुनिक शहरी केंद्रक रूपमे स्थापित कयल जाए, जे सिर्फ बिहारक लोक लेल नहि बल्कि पूरा देश लेल मॉडल बनत।
ओ एहि बात पर जोर देलनि जे ई नीति देशमे अपन तरहक सर्वश्रेष्ठ होयत, कारण एहिमे किसानक हितकेँ प्राथमिकता देल गेल अछि।
जीवेश मिश्रा कहलनि जे एहि नीतिक तहत किसान आ जमीन मालिककेँ अपन 55% जमीन विकसित रूपमे वापस भेटत, जाहिसँ ओ अपन जमीनक बेहतर उपयोग कय सकैत छथि। ई सैटेलाइट शहरक विकासक बाद आवासीय वा व्यावसायिक उपयोगक लेल उपयुक्त होयत। एकर अलावा सड़क, पार्क, आ सामाजिक संरचना लेल आरक्षित जमीनसँ एही क्षेत्रक समग्र विकास होयत। सरकार द्वारा मात्र 15% जमीन बेचबाक प्रावधानसँ बेसी लाभ स्थानीय लोककेँ भेटत।