मिथिलाक्षर साक्षरता अभियान

जारी मिथिलाक्षर पक्षक बारहम दिन डा० सुष्मिता झा”क नाम रहल

संगहि ज्ञानेन्द्र भास्करक प्रस्तुती सेहो सराहनीय रहल
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मधुबनी समदिया
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मिथिलाक्षर साक्षरता अभियानक ग्यारहम स्थापना दिवस पाक्षिक समारोहक बारहम दिन यानि ६ अक्टूबरक कार्यक्रम जानल-मानल गायिका डाॅ. सुष्मिता झा’क नाम रहल।तहिना चर्चित गायक ज्ञानेन्द्र भास्करक प्रस्तुती सेहो सराहनीय रहल।

दिन प्रतिदिन कार्यक्रमक ग्राफ सफलताक दृष्टिकोणसॅं उपर उठल जा रहल अछि। आजुक कार्यक्रमक शुरूआत प्रसिद्ध गायिका डा० सुष्मिता झा गोसाउनिक गीत जय जय भैरव असुर भवाउनीसॅं कयलैन। पुनः अपन कोकिल स्वरसँ श्रोतागणक मोनकेँ मुग्ध करयवाला भांति-भांतिक प्रस्तुति देलनि। विद्यापतिक गीत ‘आजु नाथ एक व्रत’ आदि, संगहि रविन्द्र ठाकुर रचित ‘प्रिय प्राण नाथ सादर प्रणाम’ एहि तरहक आनेकों गीत, भक्ति गीत, समदाउन आदिक प्रस्तुत देलनि।

पुनः आइ चर्चित गायक ज्ञानेन्द्र भास्कर सेहो उपस्थित भेलैथ आ अपन प्रस्तुतीसँ श्रोतागणकेँ बन्हने रहलथि। ‘चंदा जुनि उगि आजुक राति’, ‘सनेहिया विसरि वैसल अछि गाम’, आदि गीतक संग श्रोताकेँ मंत्रमुग्ध कयलनि।डा०सुष्मिता झा आ ज्ञानेन्द्र भास्कर दूनू मिथिलाक्षर साक्षरता अभियानक आभियानी सेहो छथि।

पुनः सदाक भाँति दिलीप मंडल उपस्थित भेलथि आ संरक्षक देवेन्द्र झा द्वारा रचित भगवती गीत ‘माता पुत्र पर किए अहां क्रोध केलियै’सँ शुरुआत कयलनि। पूरा वातावरण भक्तिमय बनि गेल, जेहने गीतक रचना तेहने स्वर। प्रदीपजी लिखल ‘पहिर लाल सारी उखाड़य खेसारी’ गाबि सब श्रोताकेँ भाव विह्वल कय देलनि। पुनः आर अनेक प्रस्तुती दिलीप मंडल देलनि।

मिथिलाक्षर साक्षरता अभियानक अभियानी शितांजली, सुधीर यादव अपना गीतक माध्यमसॅं सेहो सभकेँ मंत्रमुग्ध कयलैनि। मिथिलाक्षर साक्षरता अभियानक संस्थापक अजय नाथ झा शास्त्रीक भोला बाबाक नचारी
‘हे गौरा तोहरो सजनमा ना…
औढरढरनमा ना..’ सँ कार्यक्रम केर विराम देल गेल।

संरक्षक शंभु नाथ झा नव-नव चर्चित कलाकार सभक उपस्थितिक व्यवस्थामे लागल रहैत छथि। संचालक देवेन्द्र झा कहलनि, आइयो बहुतों गोटें समयाभावमे अपन प्रस्तुति नहिं दऽ सकलाह/सकलीह। जाहिमे प्रेमलता झा, अंजू झा,रिंकु झा, दयाराम प्रसाद, कृष्ण कुमार मिश्र, इन्द्र देव चौधरी आदि छथि।
सभ दिनक भांति वरिष्ठ संरिक्षका रूणू मिश्रा आ संरक्षक नवीन झा कार्यक्रम विभिन्न व्यवस्थामे लागल रहलथि। तहिना टेक्निकल विभागक दायित्व दीपक आनंद मल्लिक आ संजय मिश्रा पुरा मनोयोगसँ निभा रहल छथि।

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