रक्षामंत्री राजनाथ सिंह शुक्रदिन नई दिल्लीमे ‘संजय – युद्धक्षेत्र निगरानी प्रणाली (बीएसएस)’केँ झंडा देखा कऽ रवाना कयलनि। संजय एकटा स्वचालित प्रणाली छैक, जे सभ जमीनी आ वायु युद्धक मैदानक सेंसरसँ सूचनाकेँ एकीकृत करैत छैक आ सुरक्षित सेनाक डेटा नेटवर्क आ उपग्रह संचार नेटवर्क पर युद्धक मैदानक निगरानी परिदृश्य बनयबाक लेल ओकरा जोड़ैत छैक।
रक्षा मंत्रालयक अनुसार, ‘युद्धक्षेत्र निगरानी प्रणाली-संजय’ युद्धक मैदानक पारदर्शिता बढ़ाओत आ केंद्रीकृत वेब एप्लीकेशनक माध्यमसँ भविष्यमे युद्धक मैदानमे बदलाव करत। ई कमान आ सेना मुख्यालय आ भारतीय सेनाक निर्णय प्रणालीकेँ जानकारी प्रदान करत।
संजयकेँ भारतीय सेना आ भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) द्वारा स्वदेशी आ संयुक्त रूपसँ विकसित कयल गेल अछि। भारतीय सेनाक ‘प्रौद्योगिकी समावेशनक वर्ष’क अनुसरणमे ‘आत्मनिर्भरता’ प्राप्त करबाक दिशामे ई एकटा अनुकूल पारिस्थितिकी प्रणाली बना रहल अछि। एहि प्रणालीसभकेँ मार्चसँ अक्टूबर २०२५ धरि तीन चरणमे भारतीय सेनाक सभटा परिचालन ब्रिगेड, डिवीजन आ कोरमे शामिल कयल जायत, जकरा रक्षा मंत्रालयमे ‘सुधारक वर्ष’ घोषित कयल गेल अछि। ई प्रणाली खरीद (भारतीय) श्रेणीक अन्तर्गत २,४०२ करोड़ टाकाक लागतसँ विकसित कयल गेल अछि।
बीएसएस अत्याधुनिक सेंसर आ अत्याधुनिक विश्लेषणसँ सुसज्जित अछि। ई लम्बा भूमि सीमाक निगरानी करत, घुसपैठकेँ रोकत, अद्वितीय सटीकताक सङ्ग स्थितिक आकलन करत, आ खुफिया, निगरानी आ टोहीमे महत्वपूर्ण भूमिका निभाओत।
ई कमांडर नेटवर्क केन्द्रित वातावरणमे पारम्परिक आ उप-पारम्परिक दुनू तरहक अभियानमे काज करबामे सक्षम होयत। एकरा शामिल करब भारतीय सेनामे डाटा आ नेटवर्क केंद्रितताक दिशामे एकटा पैघ छलांग होयत।