मनसे प्रमुख राज ठाकरे महाराष्ट्रमे हिन्दीकेँ तेसर भाषाक रूपमे अनिवार्य बनेबाक फैसला पर राज्य सरकारकेँ चेतौनी देलनि। ओ कहलनि जे राज्यमे हिन्दीकेँ जबरदस्ती थोपबाक प्रयास भऽ रहल अछि, जे कोनो हालतमे स्वीकार नहि कयल जाएत। हम सब हिन्दू छी, मुदा एकर मतलब ई नहि जे हम सब हिन्दी (भाषी) छी। महाराष्ट्रक स्मिता मराठी भाषासँ जुड़ल अछि आ मराठीक सम्मान हेबाक चाही।
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेनाक प्रमुख राज ठाकरे बुधदिन हिन्दी भाषा पर एकटा महत्वपूर्ण प्रेस कॉन्फ्रेंस कयलनि। हुनक आशंका छल जे आगामी चुनावमे मराठी आ हिन्दी भाषाक मुद्दा राजनीतिक रूपसँ गरम भऽ सकैत अछि। ओ आरोप लगौलनि जे महाराष्ट्रमे “विभाजन आ शासन” केर स्थिति पैदा भऽ रहल अछि आ हिन्दी जबरदस्ती थोपल जा रहल अछि।
मनसे प्रमुख चेतौनी देलनि कि जँ हिन्दी भाषा जबरदस्ती थोपल जाएत तँ महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना अपन तरीकासँ जवाब देत। ओ जनतासँ अपील कयलनि, “जँ अहाँ मराठीसँ प्रेम करैत छी तँ हिन्दी थोपबाक विरोध करू। ई हमर सरकारकेँ तेसर पत्र अछि। हम सब पहिने सेहो लिखने रही जे मराठी आ अंग्रेजीक बाद हिन्दी शिक्षा विभागमे मात्र विकल्प हेबाक चाही, अनिवार्य नहि। मराठी भाषी छात्रकेँ एहि कारणेँ कष्ट भऽ रहल अछि।
राज ठाकरे सवाल उठेलनि जे जखनि उत्तर प्रदेश, बिहार वा मध्य प्रदेशमे कोनो तेसर भाषाक पढ़ाई नहि होइत अछि तखनि महाराष्ट्र पर हिन्दी किएक थोपल जा रहल अछि ? जँ गुजरातमे हिन्दी नहि पढ़ाओल जाइत अछि तखनि महाराष्ट्रमे किएक ? ओ कहलनि जे, “मनसे केर दिसिसँ स्कूलमे चिट्ठी भेजल जाएत आओर देखल जाएत जे कोन स्कूलमे जबरदस्ती हिंदी पढ़ाओल जा रहल अछि।”
स्कूलमे मराठी भाषा पढ़ाबय केर लऽ कऽ स्कूल शिक्षा मंत्री दादाजी भुसे केर बयान आयल अछि। ओ कहलनि, स्कूलमे मराठी भाषा अनिवार्य अछि आ तेसरा भाषाक रूपमे अभिभावक कोनो विषय चुनि सकैत छथि। ताहि अनुसार व्यवस्था कयल जायत, हालांकि, बच्चा केर संख्या 20 सँ बेसी होयबाक चाही, जँ एहिसँ कम अछि तँ हुनका ऑनलाइन पढ़ाओल जाएत। तेसर भाषा पर निर्णय लेबाक निर्णय विद्यार्थी आ हुनक अभिभावक पर छोड़ि देल गेल अछि। हमर मानब अछि जे राज्य सरकार महाराष्ट्रक छात्रक भविष्य लेल इ डेग उठेलक अछि।” दादाजी भूसे कहलनि जे “पिछला कतेको सालसँ महाराष्ट्र आ मुंबईमे तीन भाषा आधार पर स्कूल चलि रहल अछि। हमर मानब अछि जे महाराष्ट्रक सभ स्कूल एहि प्रतियोगितामे हेबाक चाही, ताहि लेल महाराष्ट्र सरकार एहेन निर्णय लेलक अछि।”
जनतब जे, राज्यमे मराठी आ अंग्रेजी माध्यमक स्कूलमे तेसर भाषाक रूपमे हिन्दी अनिवार्य होयत। महाराष्ट्र सरकार बुध दिन आधिकारिक तौर पर आदेश जारी कयलक अछि। सरकार स्पष्ट कयलक जे हिन्दी सामान्य अध्ययनक लेल तेसर भाषाक रूपमे लागू होयत। सरकारक आदेशमे कहल गेल अछि, “सभ माध्यमक स्कूलमे मराठी अनिवार्य भाषा होयत।” एहि क्रियान्वयनक सब व्यवस्था शिक्षा विभाग द्वारा कयल जायत। आब मराठी आ अंग्रेजी माध्यमक स्कूलमे कक्षा 1 सँ 5 कक्षा लेल हिंदी तेसर भाषा होएत।”
मनसे प्रमुख राजनीतिक दलसँ अपील सेहो कयलनि जे ओ “मराठी भाषाक सम्मान” लेल एकजुट भऽ सरकारसँ एहि विषय पर सवाल पूछय।